होम / एक्सप्लेनर / Lok Sabha Election: नेताओं की अग्निपरीक्षा में कारोबारियों के चमक रहे चेहरे
Lok Sabha Election: नेताओं की अग्निपरीक्षा में कारोबारियों के चमक रहे चेहरे
लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर पैसा खर्च हो रहा है. प्रत्याशी और पार्टी जनता को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर पार्टियों से लेकर प्रत्याशी तक हर कोई जोश में है. जनता को लुभाने के लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं. वैसे, तो चुनावी माहौल में पैसा पानी की तरह बहाया जाता है. लेकिन इस बार इस 'बहाव' की रफ्तार पहले से ज्यादा रहने का अनुमान है. सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के आम चुनाव में 2019 की तुलना में दोगुना से अधिक खर्च होगा. पिछले चुनाव में कुल उम्मीदवारों ने जहां करीब 60 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे. वहीं, इस बार यह राशि 1.20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रह सकती है. जाहिर है, जब इतने बड़े पैमाने पर खर्चा होगा, तो इससे कहीं न कहीं अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ेगी और कारोबारियों के चेहरे भी चमक जाएंगे.
प्रचार पर जमकर हो रहा खर्चा
चुनाव के मौसम में कई तरह के रोजगार उत्पन्न होते हैं और कई सेक्टर्स के कारोबार को बूस्ट मिलता है. उदाहरण के तौर पर चुनावी रैलियों में भीड़ जुटाने, प्रचार अभियान का हिस्सा बनने के लिए बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार मिलता है. भले ही यह मौसमी रोजगार हो, लेकिन इससे कुछ न कुछ आमदनी तो हो ही जाती है. प्रचार के लिए जिस बैनर, झंडे, पैम्पलेट आदि की जरूरत होती है, उससे जुड़े कारोबारियों के लिए चुनावी सीजन मानसून जैसी राहत लेकर आता है. इस बार का लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ-साथ संपूर्ण विपक्ष के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए प्रचार में पूरी ताकत झोंकी जा रही है. इस वजह से फ्लैक्स-बैनर का रोजगार भी चमक रहा है. इस सेक्टर को कम से कम 15 हजार करोड़ रुपए की कमाई होने का अनुमान है.
इन सेक्टर्स को सबसे ज्यादा फायदा
ढाई महीनों के इस चुनावी मौसम में सबसे ज्यादा फायदा, हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल, सर्विस प्रोवाइडर, फूड इंडस्ट्री, टेंट-कैटरर्स कारोबारियों को होगा. साथ ही इस दौरान, कम से कम डेढ़ लाख ऐसे लोगों को नया रोजगार भी मिलेगा. चुनावी मौसम में नेताओं को कार्यकर्ताओं की खुशी का पूरा ख्याल रखना पड़ता है. उनके खाने-पीने की जिम्मेदारी भी प्रत्याशी उठाता है. ऐसे में बड़ी मात्र में फूड पैकेट तैयार करवाए जाते हैं, जिसके चलते क्लाउड किचन से जुड़े व्यापारियों की अच्छी-खासी आमदनी हो जाती है. इन क्लाउड किचन को लंच और डिनर संबंधित केंद्रों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौप दी जाती है. उत्तर होटल-रेस्टोरेंट-कैटरर्स एसोसिएशन का मानना है कि इस चुनावी सीजन में सेक्टर के पास कम से कम 2000 करोड़ के अतिरिक्त ऑर्डर होंगे.
पानी के कारोबार में लगी आग
फेडरेशन ऑफ एमपी टेंट एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी रिंकू भटेजा का कहना है कि विधानसभा चुनाव के मुकाबले लोकसभा चुनाव में कारोबार अपेक्षाकृत कुछ कम रहता है. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कारोबार का आंकड़ा मोटे तौर पर 50 करोड़ रुपए को पार कर गया था. लोकसभा चुनाव में यह कुछ कम रह सकता है. वहीं, लोकसभा चुनाव में इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों की भी मोटी कमाई हो रही है. ये कंपनियां प्रत्याशियों के लिए हर तरह का इंतजाम करती हैं. इसमें नुक्कड़ नाटक से लेकर डोर-टू-डोर कैंपेन, स्टार प्रचारकों की व्यवस्था आदि. इसके साथ ही नेताओं के भाषण लिखने के लिए कंटेंट राइटर की व्यवस्था का जिम्मा भी अक्सर इन्हीं के पास रहता है. चुनावी मौसम में आसमान से बरस रही आग के मद्देनजर ठंडे का बाजार भी उफान पर है. पानी के साथ-साथ सॉफ्ट ड्रिंक की मांग भी बढ़ गई है. पिछले दो महीने में यूपी और एनसीआर में 176 वॉटर बोटलिंग प्लांट पंजीकृत हुए हैं.
कार से विमान तक की भारी डिमांड
इस लोकसभा चुनाव में ट्रैवल इंडस्ट्री को भी अच्छे दोनों का अहसास हो रहा है. गर्मी के कारण इस बार कार्यकर्ताओं में चार पहिया वाहनों की डिमांड ज्यादा है. ऐसे में कई बड़े ट्रैवल ऑपरेटरों ने खास चुनावी सीजन के लिए नई कारें खरीदी हैं. कुछ का तो कहना है कि डिमांड इतनी ज्यादा है कि मुंहमांगा पैसा मिल रहा है. ऐसे में महज तीन महीने में अगले एक साल की किश्त का इंतजाम हो जाएगा. वहीं, बड़े नेता चुनावी रैलियों के लिए हेलिकॉप्टर और चार्टर्ड विमान से पहुंच रहे हैं, तो इनकी डिमांड पर 40% ज्यादा हो गई है. इसके चलते निजी विमान और हेलीकॉप्टर संचालकों को 15-20 प्रतिशत अधिक कमाई होने की उम्मीद है. मौके का फायदा उठाने के लिए चार्टर्ड सेवाओं के लिए प्रति घंटा दरें भी बढ़ गई हैं. एक रिपोर्ट बताती है कि एक विमान के लिए शुल्क करीब 4.5 – 5.25 लाख रुपए और दो इंजन वाले हेलीकॉप्टर के लिए करीब 1.5- 1.7 लाख रुपए प्रति घंटा लिया जा रहा है.
इससे लगाइए कमाई का अंदाजा
जिन राज्यों में मतदान की तारीख करीब आ रही है, वहां प्रचार काफी तेज हो गया है और कारोबारियों की कमाई में भी तेजी आई है. उदाहण के तौर पर राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से 12 सीटों पर वोटिंग 19 अप्रैल को होगी. इसके मद्देनजर पार्टियों के स्टार प्रचारक राजस्थान में सभा और रैलियों के लिए पहुंच रहे हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में चुनाव आयोग के समक्ष प्रत्याशियों की ओर से पेश किए गए खर्चे की जानकारी दी गई है. उसके अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो सभा और रोड-शो पर ही 76 लाख रुपए से ज्यादा खर्च हुए हैं. 5 अप्रैल को चूरू में प्रधानमंत्री मोदी के रोड-शो और जनसभा में 11 लाख रुपए कारपेट बिछाने पर खर्च हुए थे. 18.90 लाख रुपए का वॉटर प्रूफ टेंट लगा था और 72 हजार रुपए का विशेष पांडाल बनाया गया था. सभा में बैठने के लिए 30 हजार कुर्सियां पर 2.10 लाख रुपए खर्च हुए थे. इससे चुनाव में कारोबारियों की आमदनी का अंदाजा लगाया जा सकता है. जब काम बढ़ता है, तो कर्मचारी भी बढ़ाने पड़ते हैं. यानी रोजगार में भी इजाफा होता है.
टैग्स