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Happy Birthday: ये सेक्टर हाथ से निकलने पर मायूस हुए मुकेश अंबानी, पर किस्मत यूं चमकी

बेशक टेलीकॉम कारोबार हाथ से जाना मुकेश अंबानी को अच्छा नहीं लगा, लेकिन उन्होंने मायूस होने में समय बर्बाद नहीं किया बल्कि भविष्य की रणनीति तैयार की.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago

कारोबारी दुनिया के किंग कहे जाने वाले मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) आज यानी 19 अप्रैल को अपना बर्थडे मना रहे हैं. उनका जन्म 19 अप्रैल, 1957 को यमन में हुआ था. 66 साल के अंबानी आज जिस मुकाम पर हैं, उसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है. कारोबार के बंटवारे के समय उनकी स्थिति थोड़ी कमजोर नजर आ रही थी, लेकिन मेहनत और अनुशासन के बल पर उन्होंने पूरी तस्वीर बदलकर रख दी. 

भाइयों के बीच विवाद
मुकेश अंबानी के जन्म के लगभग 9 साल बाद उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की नींव रखी थी. साल 2002 में धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान मुकेश और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी ने संभाली, लेकिन भाइयों के बीच का प्यार जल्द ही कड़वाहट में बदल गया. कारोबार को लेकर उनमें विवाद इतना बढ़ गया कि मां कोकिलाबेन ने भाइयों के बीच संपत्ति के बंटवारे का फैसला लिया.

तय करना था लंबा फासला
अनिल अंबानी ने कंपनी के जिन बिजनेस को चलाने की इच्छा व्यक्त की, उन्हें वो मिला. उनके हिस्से में टेलीकॉम, पावर जनरेशन और फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़ी यूनिट्स आईं. जबकि मुकेश अंबानी को ऑयल रिफाइनरीज और पेट्रोकेमिकल का कारोबार मिला. दोनों भाइयों में तय हुआ था कि मुकेश टेलीकॉम कारोबार में पैर नहीं रखेंगे, जबकि अनिल ऊर्जा एवं पेट्रोकेमिकल सेक्टर से दूर रहेंगे. देश में मोबाइल क्रांति में रिलायंस का बहुत बड़ा योगदान रहा है, ऐसे में अनिल अंबानी के लिए स्थितियां बेहद अनुकूल थीं, और मुकेश को सफलता के शीर्ष पर पहुंचने के लिए काफी कुछ करना था.

इसलिए अलग हैं मुकेश
बेशक टेलीकॉम कारोबार हाथ से जाना मुकेश अंबानी को अच्छा नहीं लगा, लेकिन उन्होंने मायूस होने में समय बर्बाद नहीं किया. उन्होंने भविष्य की रणनीति तैयार की, और धीरे-धीरे उस पर अमल करते गए. अनिल अंबानी जहां लाइमलाइट में रहने के आदी थे, वहीं मुकेश अंबानी खामोशी से अपने फैसले लेते रहे. अनिल ने ऐसे कई प्रोजेक्ट में निवेश किया, जहां रिटर्न की संभावना बेहद कम थी. उन्होंने खुद को एक ग्लैमर्स लाइफ में कैद कर लिया था और उनके फैसलों में अति-महत्वाकांक्षा नजर आती थी. जबकि मुकेश अंबानी ने कारोबार के विस्तार से जुड़े हर निर्णय को ग्राउंड रियलिटी के साथ लिया. 

मौके का उठाया फायदा
कुछ वक्त बाद समय बदला और मुकेश अंबानी अपनी 'कछुआ' चाल से 'खरगोश' की तरह दौड़ लगा रहे अनिल अंबानी से आगे निकल गए. 2008 की आर्थिक मंदी में जहां बड़े भाई मुकेश अपनी मजबूत नींव के चलते डटे रहे. वहीं, बिना किसी रणनीति और दूरगामी सोच से तैयार छोटे भाई अनिल की जमीन मंदी में सरक गई. इस दौरान, उन्हें ऐसा आर्थिक झटका लगा, जिससे वह कभी बाहर ही नहीं निकल पाए. इस बीच, जब दोनों भाइयों के बीच प्रतिस्पर्धा नहीं करने की शर्त समाप्त हुई, तो मुकेश अपने पसंदीदा टेलीकॉम सेक्टर की तरफ लौट आए. उनके नेतृत्व वाली Reliance Jio आज टेलीकॉम सेक्टर की बाकी कंपनियों की नाक में दम किए हुए है. 

कैमरे से हमेशा बनाई दूरी
मुकेश अंबानी ने शो-ऑफ में कभी विश्वास नहीं रखा. उन्होंने हमेशा कोशिश की कि खुद को कैमरे की चकाचौंध से दूर रख सकें. उन्होंने किसी भी फैसले पर पहुंचने से पहले हर तथ्य का बारीकी से अध्ययन किया. दूसरों की सफलता को देखकर उन्होंने कभी किसी नए सेक्टर में प्रवेश नहीं लिया, बल्कि पहले यह सुनिश्चित किया कि क्या उनके पास उस सेक्टर में डटे रहने की क्षमता है. यही वजह है कि उनके नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की सभी कंपनियां आज अच्छा कर रही हैं, जबकि अनिल अंबानी की कंपनियों पर कर्ज का भारी बोझ है. रिलायंस कैपिटल दिवालिया घोषित हो चुकी है. मुकेश अंबानी के रिलायंस की कमान संभालने के बाद से कंपनी ने काफी ग्रोथ हासिल की है. आज रिलायंस की मार्केट कैपिटल 15.84 लाख करोड़ रुपए है.

अभी बहुत कुछ है दिमाग में
ब्लूमबर्ग बिलियेनर्स इंडेक्स के मुताबिक, मुकेश अंबानी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 12वें पायदान पर है. जबकि वह एशिया के सबसे अमीर शख्स हैं. अंबानी की कुल संपत्ति इस समय 80.9 अरब डॉलर है. उनकी कंपनी रिलायंस आज नए-नए सेक्टर्स में प्रवेश कर रही है. रिलायंस रिटेल भारत की सबसे बड़ी रिटेल बिजनेस की कंपनी है और लगातार अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है. FMCG सेक्टर में रिलायंस ने अपने कई फैसलों से सबको चौंका दिया है. मुकेश अंबानी के दिमाग में अभी कई और सेक्टर्स पर बादशाहत का प्लान चल रहा है.
 


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