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आशीष चौहान के लिए NSE की राह आसान नहीं, उनके सामने हैं ये 5 चुनौतियां
इसमें संदेह नहीं कि ये उपलब्धि आशीष चौहान के लिए बड़ी है, लेकिन चुनौतियों से भरी है. आशीष चौहान को विरासत में कांटों का ताज मिल रहा है. क्योंकि NSE इस समय कई विवादों, घोटालो और चुनौतियां से घिरी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
मुंबई: 12 साल तक देश के सबसे पुराने शेयर मार्केट एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE को अपने सेवाएं देने के बाद आशीष चौहान अब NSE की बागडोर संभालने वाले हैं. उन्होंने BSE के मैनेजिंग एडिटर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर यानी सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया है. आशीष चौहान विक्रम लिमाए की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल 16 जुलाई को खत्म हो गया है और उन्होंने आगे एक्सटेंशन लेने से मना कर दिया है.
इसमें संदेह नहीं कि ये उपलब्धि आशीष चौहान के लिए बड़ी है, लेकिन चुनौतियों से भरी है. आशीष चौहान को विरासत में कांटों का ताज मिल रहा है. क्योंकि NSE इस समय कई विवादों, घोटालो और चुनौतियां से घिरी है. इस समय NSE के दामन पर कई दाग हैं, जिसे धोने की जिम्मेदारी आशीष चौहान की होगी. एक नजर डालते हैं वो कौन सी चुनौतियां हैं जिनसे उन्हें रूबरू होना है.
1- को-लोकेशन घोटाला
IPO के अधर में लटकने की सबसे बड़ी वजह थी को-लोकेशन विवाद, NSE ने साल 2009 में को-लोकेशन सुविधा की शुरुआत की थी, जिसमें कुछ ट्रेडर्स-ब्रोकर्स अपने सर्वर को NSE के डेटा सेंटर्स के अंदर लगाने की इजाजत फ्री में दी गई. जिससे उन्हें प्राइस अपडेट बाकियों के मुकाबले थोड़ा पहले मिलता था. आरोप लगा कि गलत तरीके से कुछ सदस्यों को डेटा पहुंचाया गया. CBI ने इस मामले में 2018 में केस दर्ज किया था, इस वक्त कई जांच एजेंसियां इसी इनवेस्टीगेशन में जुटी हैं.
2- फोन टैपिंग मामला
NSE में फोन टैपिंग विवाद ने भी खूब तूल पकड़ा, NSE की पूर्व चीफ चित्रा रामकृष्ण के कार्यकाल के दौरान फोन टैपिंग मामला एक उलझा हुआ गंभीर मुद्दा है. चित्रा रामकृष्ण से इस मामले में पूछताछ अभी चल रही है. इस विवाद ने NSE की साख को ठेस पहुंचाई है. चित्रा रामकृष्ण ने कर्मचारियों को जानकारी दिए बिना सालों तक उनके फोन की टैपिंग की.
3- तकनीकी दिक्कतें
NSE में तकनीकी दिक्कतों का पूरा दौर चला है. बीते पांच सालों के दौरान NSE में कम से कम 10 बार ऐसे मौके हैं जब डाटा अपडेशन या में दिक्कतें आईं, जिसकी वजह से कई बार तो ट्रेडिंग को घंटों तक रोकना भी पड़ा. 11 जुलाई 2017 और फरवरी 2021 में तकनीकी दिक्कतों के चलते ट्रेडिंग करीब 3 घंटे तक बंद रही. आशीष चौहान के सामने तकनीकी मोर्चे पर एक बड़े ढांचागत बदलाव की चुनौती होगी.
4- SGX Nifty की GIFT City में शिफ्टिंग
इसके अलावा SGX Nifty की GIFT City में शिफ्टिंग भी उनको करना होगा. Nifty फ्यूचर्स के कॉन्ट्रैक्ट जो कि Singapore Exchange (SGX) में ट्रेड होते हैं उनकी ट्रेडिंग गांधीनगर के International Financial Service Centre (IFSC)में शुरू हुई है. शुरू के कुछ महीनों में SGX Nifty Futures की ट्रेडिंग GIFT-IFSC SGX दोनों में होगी. इसके बाद SGX में इसकी ट्रेडिंग बंद की जाएगी
5- अधर में लटका NSE का IPO
आशीष चौहान के सामने NSE का IPO लाने जल्द से जल्द लाने की चुनौती होगी. साल 2000 में वो NSE के फाउंडिंग मेंबर रहे थे, बाद में वो अलग अलग संस्थानों कंपनियों पर काम करते रहे, लेकिन NSE का IPO लंबे इंतजार के बावजूद नहीं आया.
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