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दुनिया के कई देशों में ग्लोबल वार्मिंग का असर दिखना शुरू हो चुका है: डॉ. अनुराग बत्रा
डॉ. अनुराग बत्रा ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव के बीच समुद्र की अहमियत और बढ़ गई है, उन्होंने ये भी कहा कि अब जरूरत है कि शहरों को पर्यावरण के अनुसार डिजाइन किया जाए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
बिजनेस वर्ल्ड समूह की BW Sustainability कम्यूनिटी के कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बिजनेस वर्ल्ड समूह के चेयरमैन, एडिटर-इन-चीफ और एक्सचेंज4मीडिया के संस्थापक डॉ. अनुराग बत्रा ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग का असर दुनिया के कई देशों में दिखाई देने लगा है. उन्होंने कहा कि आज दुनिया के कई देशों मे गर्मियों का मौसम सीजन से चार महीने पहले आने लगा है. उन्होंने कहा कि आज हमारे वातावरण के लिए समुद्र की कीमत और बढ़ गई है क्योंकि वहां रहने वाले मैमल हमारी कार्बन डाई ऑक्साइड को आब्जर्व कर लेते हैं.
BW Sustainability हमारी सबसे यंग कम्यूनिटी
डॉ. अनुराग बत्रा ने कहा कि BW sustainability बिजनेस वर्ल्ड की सबसे यंग कम्यूनिटी है. हमने इसे 26 अक्टूबर को लॉन्च किया था. इस दिन विश्व सस्टेनेबिलिटी दिवस होता है. पिछले चार सालों में हम सस्टेनेबिलिटी में देश की बेस्ट 500 कंपनियों में शामिल रहे हैं. मैं सभी स्पीकर का स्वागत करता हूं और आज शाम को हम अवॉर्ड भी देने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज हमारे साथ यहां कई साथी हैं जो सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में गहराई से काम कर रहे हैं. उनकी कोशिश है कि अपनी इस अर्थ को रहने लायक बनाया जा सके. आज यहां से जो कुछ भी निकलने वाला है हम उसे बिजनेस वर्ल्ड में भी कवर करने वाले हैं.
हमारे इस इवेंट में कई अहम लोग मौजूद
डॉ. अनुराग बत्रा ने बताया कि हमारे साथ यहां मेरे मित्र सुधीर मिश्रा भी मौजूद हैं जो दिल्ली के एयर पल्यूशन में ऑड ईवन से लेकर टाइगर कंजर्वेशन तक कई काम कर चुके हैं. हम हर साल सस्टेन लैब्स पेरिस के साथ मिलकर इंडिया की मोस्ट सस्टेनेबल कंपनी की रैंकिंग को लेकर काम करते हैं. हम मार्च या अप्रैल में उसे फिर करेंगे.
शहरों की संख्या के बारे में सोचने की जरूरत
डॉ. अनुराग बत्रा ने कहा क्योंकि आप लोग इस क्षेत्र के एक्सपर्ट हैं इसलिए मैं आप लोगों के सामने ये बात रखना चाहता हूं कि आखिर एक बैटरी कितना एमीशन पैदा करती है. मैं और सुधीर इस पर बात कर रहे थे, मैं जानता हूं आप सभी दिल्ली के स्मॉग से परिचित होंगे. उसकी इकोनॉमिक कॉस्ट क्या होगी? वो हर किसी के लंग्स को खराब कर रहा है. विशेष तौर पर बच्चे और दूसरों के स्वास्थ्य को खराब कर रहा है. हमारे शहरों में जिंदगी हर बीतते दिन के साथ कठिन होती जा रही है. उन्होंने कहा कि मैं टाइम मैगजीन में एक लेख पढ़ रहा था जिसमें ये बताया गया था शहरों का डिजाइन बेहतर पर्यावरण के अनुसार होना चाहिए.
उसमें एक कपल की स्टोरी थी, जिसमें बताया गया था कि वो एक ऐसे टाउन से आए थे जिसकी आबादी 1 लाख थी, लेकिन अब वहां की आबादी 2 मिलियन हो चुकी है. सोचिए भारत में क्या हाल होता होगा जहां एक मिलियन की आबादी में 2 मिलियन लोग रहते हैं. मुझे लगता है कि दिल्ली में जो प्रदूषण होता है वो वाहनों के कारण उतना ज्यादा नहीं होता है. दिल्ली में स्मॉग वाहनों के प्रदूषण के कारण नहीं होता है. दिल्ली में स्मॉग 3 किलोमीटर ऊपर रहता है. अगर बारिश होती है तो वो पूरी तरह से सेटल हो जाता है. आखिर वो कहां चला जाता है. हम जो कोल बर्न कर रहे हैं और किस क्वॉलिटी का कोल बर्न कर रहे हैं ये उस पर भी निर्भर करता है.
जीवन में ये तीन चीजें सबसे अहम हैं
डॉ. अनुराग बत्रा ने कहा कि आज मैं आप लोगों से तीन चीजों के बारे में बात करना चाहता हूं, हालांकि मैं इसका एक्सपर्ट नहीं हूं, लेकिन हां इसके बारे में जानना जरूर चाहता हूं. उन्होंने इजराइल के उस युवक की कहानी सभी को सुनाई जिसने अपने दोस्त की जिंदगी बचाने के लिए एवरेस्ट पर चढ़ने से ज्यादा वापस आना तय किया. उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के बारे में बात की और कहा कि क्लाइमेट चेंज को लेकर उन्होंने जो कहा था वो गलत था. आज आप अमेरिका के शहरों का तापमान देख सकते हैं. आज आग से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, और कई देश परेशान हैं. गर्मियों का मौसम कई देशों में चार महीने पहले आ रहा है.
सस्टेनेबिलिटी का मतलब ये है कि आप अर्थ को लेकर संवेदनशील हों. दूसरी चीज ये है कि माइंडफुल, हम लोग स्वास्थ्य पोषण से लेकर कई दूसरी चीजों पर बात करते हैं. इनके लिए सबसे अहम है ये है कि आप पर्याप्त नींद लें. मैं खुद 9 घंटे सोता हूं. मैं आप लोगों से कहना चाहता हूं कि आप लोगों को कम से कम 9 घंटे सोना चाहिए. तीसरी चीज है काइंडनेस. लोगों को एक दूसरे के प्रति दयालु होना चाहिए.
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