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BW People: एक्सपर्ट से समंझिये कैसे बनाये जाते हैं भविष्य के लीडर्स?
कंपनी के उच्च पदों पर बैठे 2% लोग आमतौर पर कंपनी के 98% कर्मचारियों के व्यवहार एवं प्रदर्शन पर प्रभाव डालते हैं
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
भविष्य के लिए टैलेंट का पालन-पोषण कितना ज्यादा जरूरी है, इस बात से हम सभी परिचित हैं. भविष्य में टैलेंट के बेहतर पालन-पोषण और इस विषय पर एक्सपर्ट्स की राय जानने के लिए BW बिजनेसवर्ल्ड द्वारा आज देश की राजधानी दिल्ली में “भविष्य के लिए टैलेंट को पोषित करने के कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया गया था और इस दौरान मारुती सुजुकी के पूर्व एग्जीक्यूटिव एडवाइजर डॉक्टर SY सिद्दीकी ने भविष्य में लीडर्स के निर्माण पर अपनी राय पेश की.
गलती मानना है जरूरी
डॉक्टर सिद्दीकी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि लीडरशिप के संबंध में वैसे तो हमने जापान से बहुत कुछ सीखा है लेकिन हमने भारत की संस्कृति से भी बहुत कुछ सीखा है और यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण है. एक उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया कि उन्होंने एक बार कंपनी में 200 लोगों से पूछा कि पिछले साल उनमें से कितने लोगों ने ऐसी गलती की थी जो उन्हें लगता है कि अन्य लोगों को नहीं करनी चाहिए. डॉक्टर सिद्दीकी कहते हैं कि आमतौर पर ऐसे सवाल पर कोई भी व्यक्ति सवाल नहीं उठाता लेकिन हमारी बिजनेस रिव्यु मीटिंग में भी अगर ये सवाल पूछा जाता है तो 5-6 लोग हाथ खड़े करके सामने आ जायेंगे ताकि उन्होंने जो गलती की वह अन्य लोग न करें.
ये तीन चीजें हैं जरूरी
इसके बाद डॉक्टर सिद्दीकी कहते हैं कि बड़ी मात्रा में लोगों को लीडरशिप सिखाना बेहद जरूरी है और कारोबार पर सही रूप से ध्यान केन्द्रित करना भी जरूरी है ताकि लोग सही दिशा में काम कर सकें. जापान ने हमें सिखाया है कि जब भी कोई व्यक्ति किसी बड़े पद पर जाए तो उससे पहले वह तीन प्रमुख चीजों मसलन भूगोल, मुसीबत और अपनाए जाने की योग्यता को सीख ले और इसीलिए मारुती सुजुकी में जब भी कोई व्यक्ति बड़े पद पर जाता है तो उसे पहले इन तीन चीजों के बारे में बताया जाता है.
98 गुना 2 का नियम
इसके बाद डॉक्टर कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति की क्षमता मापना भी जरूरी है और इसीलिए हम किसी भी व्यक्ति को उसकी आम भूमिका के साथ-साथ महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्टों में भी उन्हें जगह दे सकते हैं. इसके साथ ही डॉक्टर सिद्दीकी ने 98 गुना 2 के नियम के बारे में भी बात की और कहा कि कंपनी के उच्च पदों पर बैठे 2% लोग आमतौर पर कंपनी के 98% कर्मचारियों के व्यवहार एवं प्रदर्शन पर प्रभाव डालते हैं इसलिए उन 2% लोगों द्वारा सही उदाहरण तय करना जरूरी है.
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