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आज लीगल डिपार्टमेंट की भूमिका बहुत बदल गई है : डॉ अखिल प्रसाद
आज लीगल डिपार्टमेंट टिपिकल लीगल डोमेन से काफी आगे निकल चुकी है. पहले वो सिर्फ एक लीगल एडवाइर तक सीमित होते थे, जबकि आज वो कंपनी की स्ट्रैटजी में भाग लेते हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
पहले के मुकाबले आज लीगल डिपार्टमेंट की भूमिका बदल गई है. पहले जहां लीगल डिपार्टमेंट की भूमिका बड़ी सीमित होती थी वहीं अब इस डिपार्टमेंट की भूमिका बदल गई है. मल्टी नेशनल हो, इंडियन हो कहीं भी ये उसके प्रमोटर पर डिपेंड करता है कि आखिर वो लीगल डिपार्टमेंट को किस तरह से देखता है. ये बात बोइंग इंडिया के कंपनी सेक्रेट्री और निदेशक कंट्री काउंसिल डॉ अखिल प्रसाद ने बिजनेस वर्ल्ड लीगल के इवेंट में इवेंट में कही उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों में किस तरीके से बदलाव आया है.
सबकुछ प्रमोटर के एटीट्यूड पर निर्भर करता है
डॉ अखिल प्रसाद ने कहा कि जो प्रॉफिट मेकिंग सेक्टर है उसमें इंडियन मल्टी नेशनल कंपनी है, जिनके पास एक जनरल काउंसिल ऑफिस होता है मैंने भारतीय मल्टी नेशनल कंपनी में भी काम किया है जिनका अप्रोच दूसरा होता है उनके प्रमोटर जो हैं वो किसी सीनियर लीगल प्रोफेशनल के साथ इंगेज होते हैं. वहीं मल्टी नेशनल का व्यू थोड़ा कम होता है जबकि भारतीय प्रमोटर का व्यू बहुत स्ट्रॉंग होता है. उन्होंने कहा कि ये सबकुछ इस पर डिपेंड करता है कि आपकी ऑर्गेनाइजेशन कैसी है वो अपने लॉ डिपार्टमेंट को कैसे चलाना चाहते हैं. कुछ ऑर्गेनाइजेशन लॉ डिपार्टमेंट को कंप्लीट फ्रीडम देते हैं जो कि कंपनी की स्ट्रेटजी में बहुत कुछ कह सकतें है कुछ नहीं देते हैं.
पहले जनरल काउंसिल को एक तरह से पेपर वेट की तरह देखा जाता था. अगर कोई फाइल उनके पास आती थी तो वो उस पर पेपर वेट रखकर बैठ जाते थे, लेकिन आज बहुत कुछ बदल गया है पिछले 10 से 15 साल में ग्लोबलाइजेशन के दौर में आज बहुत कुछ बदल गया है. भारतीय और विदेशी कंपनियां बहुत बदल गई हैं. ये हर साल बदल रहा है. मैं स्टूडेंट्ससे कहना चाहूंगा कि आप किसी एक चीज के स्पेशलिस्ट नहीं बन सकते हो. क्योंकि आप नहीं जानते हैं कि कल सुबह कौन से सब्जेक्ट का रॉकेट आपके ऊपर आने वाला है.
नजरिए में बहुत बड़ा बदलाव आया है
वहीं इस पैनल में बोलते हुए सनटेक रियेलिटी के लीगल हेड श्रीवल्स कुमार ने कहा कि आज नजरिए में बहुत बड़ा बदलाव आ गया है. पहले होता ये था कि इवेंट के हो जाने के बाद लॉ डिपार्टमेंट को एक्टिव किया जाता था, जबकि अब लीगल डिपार्टमेंट डे वन से ही एक्टिव हो जाता है. आज इंडियन मल्टी नेशनल हो या दूसरी कंपनी हो वो लीगल डिपार्टमेंट की वैल्यू को अच्छे से जानते हैं. लीगल डिपार्टमेंट का रोल बदल रहा है एक वो हैं जहां लीगल हेड एक सीईओ के बराबर पावरफुल हो जाता है जबकि दूसरा यूरोप और यूएस में वो सिर्फ लीगल डिपार्टमेंट को हेड नहीं करते हैं बल्कि वो कंपनी की स्ट्रैटजी में भी भाग लेते हैं. वहीं पूजा सेहगल मेहतानी ने कहा कि आज लीगल डिपार्टमेंट की भूमिका बदल गई है, पहले जहां उनकी भूमिका सीमित होती थी आज उनकी भूमिका बढ़ गई है.
आज लीगल टीम का काम 24 7 हो गया है
इसी पैनल में बोलते हुए यम डिजिटल टेक्नोलॉजी की सीनियर मैनेजर प्रियंका वालेशा ने कहा कि आज लीगल टीम का काम 24x7 हो गया है. कोई भी कंपनी नहीं चाहती है कि लीगल टीम ज्यादा ऑफ पर रहे. उनकी हर वक्त जरूरत बन गई है. ऐसे में हमारा काम पहले के मुकाबले ज्यादा चैलेंजिंग हो गया है. आज न्यू कमर्स के लिए ज्यादा अवसर पैदा हो गए हैं.
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