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लगातार और ज्यादा बढ़ रही है जनरल काउंसिल की भूमिका
इस सेशन में मौजूद कई लोगों ने कहा कि भारत आज एक बदलाव के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि हम भी एक विकसित भारत की सोच के साथ काम करें.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
BW Legal Leader Conclave और 40Under40 अवॉर्ड में Genral Counsel सेशन को मॉडरेट करते हुए बिजनेस वर्ल्ड के चेयरमैन, एडिटर-इन-चीफ और एक्सचेंज4मीडिया के फाउंडर डॉ. अनुराग बत्रा ने कहा कि आज हम इस विषय पर बातचीत करने जा रहे हैं कि क्या हमारे जनरल काउंसिल आधुनिक जमाने की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं. उनके साथ इस सेशन में NEC Corporation के Genral counsel-Sr.VP(legal) अमर कुमार सुंदरम, DB Shenkar India की डॉयरेक्टर लीगल पायल खन्ना, Fresh Work के डॉयरेक्टर लीगल प्रणव मेहरा, Dalmia Bharat के ग्रुप जनरल काउंसिल राजीव चौबे, HDFC Bank की वाइस प्रेसीडेंट लीगल शिल्पा नौटियाल मौजूद रही.
ये आंकड़े हैं दिलचस्प
NEC Corporation के Genral counsel-Sr.VP(legal) अमर कुमार सुंदरम ने कहा कि हम सभी जीसी कम्यूनिटी की ओर से ललित भसीन और डॉ. अनुराग बत्रा का स्वागत करना चाहते हैं कि वो जिस तरह से हमारे विषयों को समय समय पर सामने लाते रहते हैं. रामासुंदरम ने कहा कि एसोसिएशन ऑफ कॉरपोरेट काउंसिल की एक सर्वे रिपोर्ट के कुछ डेटा को मैं आपके सामने रखना चाहूंगा. उनकी सीएलओ रिपोर्ट 2023 हाल ही में सामने आई है.
उन्होंने देशभर के 900 सीएलओ (चीफ लीगल ऑफिसर) से सलाह मशविरा करके और उन्होंने इतने ही लगभग 900 जनरल काउंसिल से भी बात की है. उन्होंने ये फीडबैक 35 देशों के 25 सेक्टरों से डेटा जुटाया है. उसमें उन्होंने पाया है कि 78 प्रतिशत लोग सीधे सीईओ को रिपोर्ट कर रहे हैं. ये 2022 में 66 प्रतिशत था. 51 प्रतिशत लोग ऐसे थे जो सीधे बोर्ड को रिपोर्ट कर रहे थे. ये डेटा लगातार बदलते परिवेश को दिखा रहा है. आज जीसी के रोल को बड़े रूप में देखा जा रहा है.
जीसी बिजनेस इनेबलर होत हैं
DB Shenkar India की डायरेक्टर लीगल पायल खन्ना ने कहा कि मैं जहां तक समझ पाई हूं तो जनरल काउंसिल की भूमिका बिजनेस इनेबेलर बनाने के तौर पर देखी जाती है. लेकिन जहां तक मैं समझती हूं इसे अब और ज्यादा प्रो एक्टिव तरीके से देखने की जरूरत है. जब कभी भी बिजनेस किसी समस्या में होते हैं या किसी तरह का इश्य सामने आ जाता है तो वो हमारे पास आ जाते हैं. लेकिन मैं सोचती हूं कि उनकी भूमिका डिसिजन मेकिंग और पॉलिसी मेंकिंग में भी उन्हें शामिल किया जाना चाहिए. अब पिछले कुछ समय से कई मल्टी नेशनल कंपनियां आ रही हैं जो ये काम कर रही हैं. मेरा ये भी मानना है कि हमें एक विश्वसनीय बिजनेस पॉर्टनर के तौर पर देखा जाना चाहिए.
हर काम की चुनौतियां अलग होती हैं
Fresh Work के डॉयरेक्टर लीगल प्रणव मेहरा ने कहा कि एक जीसी जो पहले एक लॉ फर्म से अपनी शुरुआत करता है तब उसके लिए चुनौतियां दूसरी होती हैं. यही नहीं जब वो एक स्टॉर्टअप शुरू करता है तब से लेकर आने वाले दिनों में उसे लॉ फर्म बनाने से लेकर इंडीपेंडेट बिजनेस बनाने तक और एक जीसी जो किसी भी प्राइवेट बिजनेस या किसी भी लिस्टेड कंपनी में बतौर जीसी की भूमिका निभाना एक स्थिति होती है. सभी की चुनौतियां अलग होती है. एक बिजनेस हाउस हमेशा ही अपने रेवेन्यू जनरेशन को बढ़ाने से लेकर बिजनेस को स्टेबन बनाने तक की कई तरह की चीजों को देखता है. हर बिजनेस एक अलग तरह का बिजनेस होता है. कोई क्लॉउड बेस बिजनेस होता है कोई क्रिप्टो में काम करने वाला होता है. आपको हर जगह देखना होता है कि आखिर वहां कौन सा लॉ फिट होता है और कौन सा नहीं.
किसी भी कंपनी में तीन लोगों की भूमिका अहम होती है
Dalmia Bharat के ग्रुप जनरल काउंसिल राजीव चौबे ने कहा कि मैंने अपने करियर को 90 के दशक में शुरू किया था तो ऐसे में मैं इन सभी चीजों को एक दूसरे नजरिए से देखता हूं. क्योंकि मैंने 1991 में इस देश में ग्लोबलाइजेशन के बदलाव को देखा है. 1991 के पहले एक अलग तरह की स्थिति हुआ करती थी तो वहीं दूसरी ओर उसके बाद कई तरह की प्राइवेट फर्म देश में आने लगी.
उसके बाद हमने कई तरह के स्कैम देखे जिसमें कोल स्कैम और 2जी स्कैम जैसी चीजों को देखा था.मैं आपको ये कहना चाहता हूं कि बिजनेस डॉयनेमिक्स आज पूरी तरह से बदल गया है. मैं मिस्टर राजेश सुंदरम की बात से इस तौर पर सहमत हूं कि किसी भी संस्थान में तीन लोगों की अहम भूमिका होती है इनमें सीएफओ, इंटरनल ऑडिटर और जनरल काउंसिल होते हैं. सीएफओर जहां कंपनी की फाइनेंशियल पेमेंट के बारे में बताते हैं वहीं दूसरी ओर वहीं इंटरनल ऑडिटर से आपको सही स्थिति पता चल जाती है यही नहीं जनरल काउंसिल से हमको न्यूट्रल वे का भी पता चलता है.
भारत ट्रांसफॉर्मेशन के दौर से गुजर रहा है
HDFC Bank की वाइस प्रेसीडेंट लीगल शिल्पा नौटियाल ने कहा कि मेरा मानना है कि जीसी किसी भी संगठन का हॉर्ट होते हैं.हमारा काम होता है कि सामंजस्य बैठाना किसी भी संगठन के बिजनेस में, हमारा काम ये भी होता है कि कानून क्या कहता है उसे भी देखना, रिस्क को मीटिगेट करना, मैनेज करना, और रिस्क को प्रीएम्प्ट करना. आपको बहुत दूरदर्शी होने की जरूरत है. भारत मौजूदा समय में ट्रांसफॉरमेशन के दौर में गुजर रहा है.
कई सारे कानूनों को सरकार निष्क्रिय कर रही है. पहले हमारी सोच ये होती है कि हमारी इकोनॉमी एक सोशल इकोनॉमी है लेकिन आज हम ये सोच रहे हैं कि हमारी आने वाले समय में एक डेवलप इकोनॉमी है. इसलिए लेजीलेशन की बदलती जरूरत को ध्यान में रखा जा रहा है.हम पश्चिम को देख रहे हैं लेकिन हम उसे इंफोर्स अच्छे से कर रहे हैं.
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