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अनिल अग्रवाल के लिए आई राहत भरी खबर, इस प्लांट के खुलने की उम्मीद बढ़ी
सुप्रीम कोर्ट ने कॉपर प्लांट फिर से शुरू करने के लिए एक पैनल बनाने का प्रस्ताव दिया है,
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) के लिए राहत भरी खबर है. तमिलनाडु में उनकी कंपनी वेदांता (Vedanta) के स्टरलाइट कॉपर प्लांट के फिर से शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है. दरअसल, इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने एक पैनल बनाने का प्रस्ताव दिया है, जो प्लांट को पुन: शुरू करने पर विचार करेगा. वेदांता के इस प्लांट को तमिलनाडु सरकार ने साल 2018 में बंद करने का आदेश दिया था. इसके बाद कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
इस वजह से हुआ था बंद
वेदांता के कॉपर प्लांट में सालाना 4,00,000 टन कॉपर (तांबा) का उत्पादन होता था. तमिलनाडु सरकार ने एक हिंसक प्रदर्शन के बाद प्लांट को बंद करने का फैसला लिया था. विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, सरकार ने प्लांट बंद करने के पीछे हिंसा नहीं बल्कि पर्यावरणीय मानदंडों के उल्लंघन को आधार बनाया था. वेदांता के साथ ही गैर-सरकारी संगठन मनु नीति फाउंडेशन ने भी मामले में तत्काल सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था. संस्था का कहना है कि स्टरलाइट कॉपर प्लांट के श्रमिकों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
आरोपों से किया है इंकार
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए और उसका अध्ययन करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाना चाहिए. यही समिति फैसला लेगी कि प्लांट को पुन: खोला जाना चाहिए या नहीं. वेदांता के लिए इसे राहत भरी खबर के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि कंपनी बार-बार कहती रही है कि तांबे के प्लांट से किसी भी तरह के रिसाव का कोई सबूत नहीं है, जैसे कि आरोप लगाए गए हैं. यदि समिति भी यही पाती है, तो संभव है कि प्लांट को दोबारा खोल दिया जाए.
ये हो सकते हैं समिति का हिस्सा
सुप्रीम कोर्ट का प्रस्ताव है कि विशेष समिति में NEERI, IIT, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (TNPCB) और 3 पर्यावरण विशेषज्ञ शामिल हो सकते हैं. समिति स्टरलाइट कॉपर प्लांट को चलाने की शर्तें पर्यावरणीय क्षति के लिए देय मुआवजे पर रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर सकती है. वहीं, तमिलनाडु ने विशेष समिति का विरोध किया है. उसका कहना है कि वेदांता द्वारा बार-बार पर्यावरणीय मानदंडों का उल्लंघन किया गया, ऐसे में प्लांट पर दोबारा विचार करने की जरूरत नहीं है.
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