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Ramdev की पतंजलि को घेरते-घेरते आखिर खुद कैसे फंस गए IMA के चीफ?
भ्रामक विज्ञापन के मामले में सुप्रीम कोर्ट पतंजलि को कड़ी फटकार लगा चुका है और लगता है अब बारी IMA की है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 week ago
बड़े-बड़े दांवों पर बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की पतंजलि को घेरते-घेरते इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) प्रमुख डॉ. आरवी अशोकन कुछ ऐसा कर गए हैं कि आने वाले दिन उनके लिए मुश्किलों भरे हो सकते हैं. अब तक पतंजलि (Patanjali) को सुप्रीम कोर्ट से मिली फटकार से आत्म-संतुष्टि का अनुभव करने वाले अशोकन खुद भी कोर्ट के निशाने पर आ गए हैं. शीर्ष अदालत ने डॉ. अशोकन को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है. चलिए जानते हैं कि भ्रामक विज्ञापन मामले में फरियादी की भूमिका निभा रहा IMA आखिर आरोपी के किरदार में कैसे पहुंच गया.
बाबा वाली गलती कर बैठे अशोकन
पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. कुछ वक्त पहले जब बाबा रामदेव ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके अपना गुस्सा जाहिर किया था, तो IMA ने इस मुद्दे को खूब उछाला था और इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करार देते हुए बाबा पर निशाना साधा था. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना था कि बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रेस कांफ्रेंस काके डॉक्टरों के खिलाफ दुष्प्रचार किया. इसके अलावा, रोक के बावजूद विज्ञापन प्रकाशित करवाए गए, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. अब आईएमए प्रमुख डॉ. अशोकन खुद बाबा रामदेव वाली गलती कर बैठे हैं और बाबा के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने उनकी इस गलती को पकड़ लिया है.
बालकृष्ण चाहते हैं कार्रवाई
पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने डॉ. अशोकन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है, जिस पर अदालत ने IMA प्रमुख को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है. जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने मामला लंबित रहने के दौरान डॉ. अशोकन द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर कड़ी फटकार लगाई. जस्टिस कोहली ने IMA के वकील से बेहद कड़े शब्दों में कहा कि जब मामला अदालत में लंबित है, तो आपका मुवक्किल इस बारे में इंटरव्यू कैसे दे सकता है? आप कह रहे हैं कि दूसरा पक्ष भ्रामक विज्ञापन चला रहा है, आप क्या कर रहे हैं? अदालत की कार्यवाही पर टिप्पणियां कर रहे हैं.
क्या कहा था IMA चीफ ने?
अब यह भी जान लेते हैं कि आखिर आईएमए अध्यक्ष अशोकन ने कहा क्या था. उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा था कि ये बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने IMA और प्राइवेट डॉक्टरों की प्रैक्टिस की आलोचना की. उच्चतम न्यायालय के कुछ बयानों ने प्राइवेट डॉक्टरों का मनोबल कम किया है और हमें ऐसा लगता है कि उन्हें देखना चाहिए था कि उनके सामने क्या जानकारी रखी गई है. बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पतंजलि के खिलाफ याचिका दायर की थी. IMA ने बाबा की कंपनी पर आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक दावे और विज्ञापन प्राकशित करने का आरोप लगाया है. इसी मुद्दे को लेकर अदालत में सुनवाई चल रही है. कोर्ट पतंजलि को कड़ी फटकार लगा चुका है और लगता है अब बारी IMA की है.
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