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आखिरकार बॉम्बे हाई कोर्ट के जज बने Somasekhar Sundaresan, सरकार ने जताई थी आपत्ति
सरकार ने इस तर्क के साथ सोमशेखर सुंदरसन की पदोन्नति का विरोध किया था कि सुंदरसन ने कई ऐसे मामलों पर सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, जो अदालतों के समक्ष विचाराधीन है
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट (HC) के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में एडवोकेट सोमशेखर सुंदरसन (Somasekhar Sundaresan) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) द्वारा सिफारिश दोहराने के 10 महीने बाद हुई है. कॉलेजियम ने पहले फरवरी 2022 और फिर इस साल जनवरी में उनके नाम की सिफारिश की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर आपत्ति जताई थी. सरकार ने इस तर्क के साथ सोमशेखर सुंदरेशन की पदोन्नति का विरोध किया था कि उन्होंने कई ऐसे मामलों पर सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त किए, जो अदालतों के समक्ष विचाराधीन हैं.
SC द्वारा गठित समिति का हिस्सा
वकालत की दुनिया में सोमशेखर सुंदरसन बड़ा नाम हैं और हाल ही में अडानी-हिंडनबर्ग प्रकरण (Adani-Hindenburg Case) के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति में भी शामिल हैं. कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने बाजार नियामक सेबी के कामकाज में कई खामियां उजागर की हैं. इसके अलावा, सुंदरेशन लंबे समय तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के वकील भी रहे हैं. वह 2009 में (जब पी.चिदंबरम वित्त मंत्री थे) वित्त मंत्रालय द्वारा पार्टिसिपेटरी नोट्स, हॉट मनी इंस्ट्रूमेंट्स से जुड़े विवाद के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेश सुधारों पर सुझाव देने के लिए गठित एक समिति का भी हिस्सा थे.
कॉलेजियम ने कही ये बात
25 नवंबर 2022 को, केंद्र सरकार ने सोमशेखर सुंदरसन की पदोन्नति का विरोध करते हुए अपना पक्ष रखा था. सरकार ने कहा था कि चूंकि सुंदरसन ने कई ऐसे मामलों पर सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, जो अदालतों के समक्ष विचाराधीन है, लिहाजा उनके नाम की सिफारिश पर पुन: विचार किया जाना चाहिए. इस पर कॉलेजियम की तरफ से कहा गया कि सोशल मीडिया पर अपने विचारों का उपयोग यह अनुमान लगाने के लिए नहीं किया जा सकता है कि वह अत्यधिक पक्षपाती विचार वाला व्यक्ति है. इसी साल, 18 जनवरी को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने अपने बयान में कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सभी नागरिकों को बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है. एक उम्मीदवार द्वारा विचारों की अभिव्यक्ति उसे तब तक एक संवैधानिक पद धारण करने से वंचित नहीं करती, जब तक कि न्यायाधीश पद के लिए प्रस्तावित व्यक्ति सक्षमता, योग्यता और सत्यनिष्ठा वाला व्यक्ति है.
बॉम्बे हाई कोर्ट के लिए एसेट
बॉम्बे हाई कोर्ट (HC) के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में सोमशेखर सुंदरसन के नाम की सिफारिश दोहराते हुए कॉलेजियम ने कहा कि जिस तरह से उम्मीदवार ने अपने विचार व्यक्त किए हैं, वह इस अनुमान को सही नहीं ठहराता कि वह अत्यधिक पक्षपाती विचारों वाले व्यक्ति हैं या वह सरकार की महत्वपूर्ण नीतियों और निर्देशों पर सोशल मीडिया पर चुनिंदा आलोचनात्मक रहे हैं. और न ही यह इंगित करने के लिए कोई सामग्री है कि उम्मीदवार द्वारा उपयोग किए गए भाव किसी भी राजनीतिक दल के साथ मजबूत वैचारिक झुकाव के साथ उसके संबंधों को दर्शाते हैं. कॉलेजयम की ओर से कहा गया कि एडवोकेट सुंदरसन ने वाणिज्यिक कानून में विशेषज्ञता हासिल की है. यह बॉम्बे हाई कोर्ट के लिए एक एसेट होगा जिसमें अन्य शाखाओं के अलावा वाणिज्यिक और प्रतिभूति कानूनों से जुड़े मामले बड़ी संख्या में हैं. इसलिए, कॉलेजियम बॉम्बे हाई कोर्ट (HC) के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप सोमशेखर सुंदरसन की नियुक्ति के लिए 16 फरवरी 2022 की अपनी सिफारिश को दोहराता है.
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