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पूर्व कर्मचारी का बकाया नहीं चुका रही थी कंपनी, अब दिवालिया कार्यवाही का करेगी सामना
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने पूर्व कर्मचारी का भुगतान नहीं करने वाली कंपनी के खिलाफ फैसला सुनाया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
कर्मचारियों की वैध देनदारियों का भुगतान करने में आनाकानी करने वाली कंपनियों के लिए बुरी खबर है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने ऐसे एक मामले में जो फैसला सुनाया है, वो नजीर बन सकता है. NCLT ने संबंधित कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए हैं. यह पूरा मामला 2019 का है, जिस पर फैसला अब आया है. फरियादी की तरफ से एडवोकेट परवेश खन्ना ने जो दलीलें पेश की उस पर सहमति जताते हुए NCLT ने पीड़ित के पक्ष में फैसला सुनाया.
अधिकारों का उल्लंघन
याचिकाकर्ता एके अग्रवाल ABC कंसल्टेंट्स के पूर्व कर्मचारी हैं. उन्होंने NCLT में याचिका दायर करते हुए ABC कंसल्टेंट्स के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई करने की मांग की थी, क्योंकि कंपनी ने उनकी वैध देनदारियों का भुगतान करने में असमर्थता जाहिर की थी. BW हिंदी ने बातचीत में एडवोकेट परवेश खन्ना ने बताया कि एबीसी कंसल्टेंट्स की तरफ से उनकी हमारे मुवक्किल को भुगतान नहीं किया जा रहा था. लगातार अनुरोध के बावजूद कंपनी इससे इनकार करती रही, जो एक कर्मचारी के अधिकारों का सीधा उल्लंघन है.
डिमांड नोटिस किया नजरंदाज
एडवोकेट खन्ना ने बताया कि पहले कंपनी को डिमांड नोटिस भेजा गया था, लेकिन जब उसने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो हमने NCLT में याचिका दायर की. NCLT में कंपनी ने अपने बचाव में कई तर्क दिए. उसने एके अग्रवाल के साथ ABC कंसल्टेंट्स के पुराने विवाद का हवाला भी दिया, जिसमें FIR दर्ज है, लेकिन कुछ काम नहीं आया. एडवोकेट खन्ना के मुताबिक, कंपनी को यदि लगता है कि कोई कर्मचारी उसकी नीतियों के अनुरूप काम नहीं कर रहा है, तो उसके पास संबंधित कर्मचारी को नौकरी से निकालने का अधिकार है, लेकिन वो उसके वैध भुगतान को नहीं रोक सकती.
काम नहीं आया कोई तर्क
NCLT ने अपने फैसले में कहा कि भले ही कंपनी और फरियादी के बीच पूर्व में विवाद रहा है और वो मामला अदालत में चल रहा है, लेकिन यह कर्मचारी की वैध बकाया राशि को रोकने का आधार नहीं हो सकता. इसके साथ ही नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने एके अग्रवाल की याचिका को स्वीकार करते हुए ABC कंसल्टेंट्स के खिलाफी दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए हैं. एडवोकेट परवेश खन्ना ने बताया कि कोरोना काल में इस तरह के कई मामले सामने आए थे, जहां कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के साथ किसी विवाद का हवाला देते हुए पहले उन्हें नौकरी से निकाला और फिर उनका वेतन और अन्य बकाया राशि रोक ली. जो सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन है.
मील का पत्थर साबित होगा फैसला
खन्ना के मुताबिक, किसी भी कंपनी को वैध देनदारियों जैसे कि देय वेतन, बोनस और ग्रेच्युटी आदि का भुगतान कर्मचारी को करना ही होगा. उन्होंने कहा कि यह फैसले मील का पत्थर साबित होगा. वहीं, एके अग्रवाल ने BW हिंदी से बातचीत में NCLT के फैसले पर खुशी जाहिर की. अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने कई बार ABC कंसल्टेंट्स से बकाया राशि के भुगतान का अनुरोध किया, लेकिन कंपनी ने उनकी एक नहीं सुनी. कंपनी ने डिमांड नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद हमने NCLT का रुख किया, जहां हमें न्याय मिला है.
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