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केजरीवाल को राहत के लिए करना होगा और इंतजार, SC का जल्द सुनवाई से इंकार
दिल्ली हाई कोर्ट से मिले झटके के बाद अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 weeks ago
शराब नीति घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सुप्रीम कोर्ट से त्वरित राहत नहीं मिली है. हालांकि, अदालत ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी कर 24 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 29 अप्रैल को होगी. अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार से रोकने के लिए गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने मामले को सुनवाई के लिए 19 अप्रैल को ही सूचीबद्ध करने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने जल्द सुनवाई से इंकार करते हुए 29 अप्रैल का दिन तय कर दिया.
'अपनी दलील बचाकर रखें'
अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति घोटाले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए पहले दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था, लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली. इसके बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही है. केजरीवाल के वकील और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा कि केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार करना है. साथ ही पार्टी के लिए प्रत्याशी चयन में भी उनकी सलाह चाहिए. इस पर कोर्ट ने कहा कि वह अपनी दलील 29 अप्रैल को होने वाली सुनवाई के लिए बचाकर रखें.
High Court ने दिया था झटका
अभिषेक मनु सिंघवी लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस मामले की सुनवाई में तेजी लाने की अपील भी की, लेकिन अदालत ने इससे इंकार करते हुए स्पष्ट कर दिया कि 29 अप्रैल से पहले का समय नहीं दिया जा सकता. इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने ED की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया था. याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने कहा था कि इस कोर्ट के समक्ष ED ने जो दस्तावेज पेश किए हैं, उसमें कानून का पालन किया गया है. ईडी ने गिरफ्तारी में PMLA एक्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन किया है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि ED के तथ्यों से लगता है कि कथित घोटाले में सीएम की संलिप्तता है.
के. कविता को भी लगा झटका
इधर, इसी मामले में बीआरएस लीडर के कविता को भी झटका लगा है. सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अब सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है. इससे पहले ED ने उन्हें गिरफ्तार किया था. ईडी का दावा है कि के. कविता शराब कारोबारियों की 'साउथ ग्रुप' लॉबी से कनेक्टेड हैं. इस ग्रुप ने दिल्ली सरकार की 2021-22 की शराब नीति (एक्साइज पॉलिसी) में बड़ी भूमिका निभाई थी. बताया जा रहा है कि शराब घोटाले के आरोपी विजय नायर को कथित रूप से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत साउथ ग्रुप से ही मिली थी, जिसे संबंधित लोगों उपलब्ध कराया गया था. ईडी हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्रन पिल्लई और कविता का आमना-सामना भी करवा चुकी है. पिल्लई को कविता का करीबी माना जाता है. उसने पूछताछ में बताया था कि कविता और आम आदमी पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत 100 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ और कविता की कंपनी 'इंडोस्पिरिट्स' को दिल्ली के शराब कारोबार में एंट्री मिली. पिछले साल फरवरी में CBI ने बुचीबाबू गोरंतला नामक व्यक्ति को इस मामले में गिरफ्तार किया था. ED ने भी बुचीबाबू से का बयान दर्ज किया था. माना जाता है कि बुचीबाबू कविता का अकाउंट संभाला करता था.
आखिर क्या है South Group?
ED के मुताबिक, 'साउथ ग्रुप' दक्षिण के राजनेताओं, कारोबारियों और नौकरशाहों का समूह है. इसमें सरथ रेड्डी, एम. श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा और कविता शामिल हैं. जबकि इस ग्रुप का प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुचीबाबू ने किया था, तीनों को ही शराब घोटाले में गिरफ्तार किया जा चुका है. प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को भी इस मामले में गिरफ्तार किया था. संजय सिंह को अदालत से जमानत मिल चुकी है.
क्या है शराब घोटाला?
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू की थी. नई नीति के तहत, सरकार शराब कारोबार से बाहर आ गई और पूरी दुकानें निजी हाथों में सौंप दी गईं. सरकार का दावा था कि नई शराब नीति से माफिया राज पूरी तरह खत्म हो जाएगा और उसके रिवेन्यु में बढ़ोतरी होगी. हालांकि, ये नीति शुरू से ही विवादों में रही. जब बवाल ज्यादा बढ़ गया तो 28 जुलाई 2022 को केजरीवाल सरकार ने इसे रद्द करने का फैसला लिया. इस कथित शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था. तब से अब तक ED इस मामले में कार्रवाई कर रही है.
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