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आखिर किस बात को लेकर कल्याणी परिवार में चल रहा विवाद? कोर्ट तक पहुंचा मामला
कैमिकल कंपनी Hikal में हिस्सेदारी को लेकर भारत फोर्ज Bharat Forge के चेयरमैन और एमडी बाबा कल्याणी और उनकी बहन सुगंधा हीरेमथ बॉम्बे हाई कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
कैमिकल कंपनी हिकल (Hikal) को लेकर भारत फोर्ज ( Bharat Forge) के चेयरमैन और एमडी बाबा कल्याणी का अपने भाई गौरीशंकर और बहन सुगंधा हीरेमथ से विवाद चल रहा है. पैतृक संपत्ति में अपने अधिकार को लेकर बाबा कल्याणी की बहन सुगंधा व जीजा जयदेव हिरामेथ उनके साथ बॉम्बे हाई कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. वहीं, उनका अपने छोटे भाई व उसके परिवार से भी विवाद चल रहा है.
हिकल बोर्ड से बाहर हो गए थे बाबा कल्याणी, भारत फोर्ज में बरकरार
75 वर्षीय बाबा कल्याणी के पास कुल संपत्ति 4.1 बिलियन है. उन्हें जनवरी में हिकल के बोर्ड पद से हटा दिया गया था. हिकाल के बोर्ड से हटाए जाने से पहले शेयरहोल्डर एडवाइजरी फर्म (एसईएस) ने भारत फोर्ज के शेयरधारकों से उम्र के कारण कंपनी बोर्ड में बाबा कल्याणी की पुनर्नियुक्ति के खिलाफ मतदान करने की सिफारिश की थी. फिर भी बाबा कल्याणी अधिक वोट पाकर अपनी नैया पार लगाने में कामयाब रहे और दोबारा नियुक्त हो गए. कल्याणी की कंपनी भारत फोर्ज भारत के रक्षा उपकरणों के अग्रणी निर्माताओं में से एक है.
छोटे भाई व परिवार से ये है विवाद
बीडब्ल्यू के पास कल्याणी पारिवार में चल रहे विवाद से संबंधित विभिन्न पत्र और दस्तावेज हैं. बाबा कल्याणी के अपने छोटे भाई गौरीशंकर और उनके परिवार के साथ रिश्ते काफी समय से तनावपूर्ण हैं. उनके भाई और उसकी पत्नी रोहिणी दोनों कल्याणी फोर्ज के प्रमुख हैं. उनकी भतीजी शीतल ने कल्याणी परिवार की पैतृक संपत्ति में 1/9वां हिस्सा मांगने के लिए उन पर मुकदमा दायर किया था. बाबा कल्याणी अदालत में शीतल से पूरी ताकत से लड़ रहे हैं. उनके छोटे भाई और उसकी पत्नी रोहिणी ने भी बाबा कल्याणी के खिलाफ कोर्ट में कई मामले दायर किए हैं. कल्याणी ने भी अपनी ओर से अदालतों में उन पर कुछ मामले दायर किए हैं.
इस पैतृक संपत्ति को लेकर बहन व जीजा से विवाद
हाल में बहन सुगंधा ने भी बाबा कल्याणी के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया है. सुगंधा ने बताया है कि बाबा कल्याणी 1994 के फैमिली एग्रीमेंट के तहत उन्हें हिकल में हिस्सेदारी देने से मना कर रहे हैं. इस फैमिली एग्रीमेंट में उनके पिता डॉ. नीलकंठ कल्याणी ने हिकल का नियंत्रण और शेयर उन्हें और उनके पति जयदेव हिरेमथ को सौंपने की बात थी.
विवाद के केंद्र में हिकल लिमिटेड के 34.01 प्रतिशत शेयर
इस विवाद के केंद्र में 1988 में स्थापित हिकल लिमिटेड के 34.01 प्रतिशत शेयर हैं, जो बाबा कल्याणी द्वारा नियंत्रित कंपनियों के पास हैं. वर्तमान में बॉम्बे हाई कोर्ट में चल रहे मुकदमे में कल्याणी इन्वेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड और बीएफ इन्वेस्टमेंट लिमिटेड नामक दो कंपनियों को भी पार्टी बनाया गया है. जयदेव हिरेमथ हिकल के चेयरमैन, जबकि सुगंधा हिकल के बोर्ड में नान एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं. हिरेमथ समूह के पास हिकल में 34.84 प्रतिशत शेयर हैं.
19 जून 1994 के फैमिली एग्रीमेंट को बनाया आधार
मुकदमे में बहन व बहनोई बाबा कल्याणी द्वारा नियंत्रित कंपनियों द्वारा 1300 करोड़ रुपये मूल्य की 34.01 प्रतिशत हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने 19 जून 1994 को मुंबई के होटल ताज महल में हुए एक फैमिली एग्रीमेंट को आधार बनाया है. यह एग्रीमेंट डॉ. नीलकंठ कल्याणी, उनकी पत्नी सुलोचना कल्याणी, बाबा कल्याणी, इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (अब आईसीआईसीआई बैंक) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पद्म भूषण एन वाघुल और सेबी के तत्कालीन अध्यक्ष पद्म भूषण एसएस नाडकर्णी की उपस्थिति मे हुआ था.
कोर्ट में कल्याणी ने क्या कहा?
वहीं, बाबा कल्याणी ने भी अपनी बहन सुगंधा हिरेमथ और उनके पति जयदेव हिरेमथ द्वारा दायर मुकदमे को चुनौती दी है, जिसमें पिता और पुत्र के बीच आदान-प्रदान किए गए पत्र सामने आए हैं. बाबा कल्याणी ने कोर्ट में कहा है कि पिछले 29 वर्षों में उनकी बहन और न ही जीजा ने 1994 के फैमिली एग्रीमेंट के बारे में कुछ बात की है उन्होंने आगे कहा कि यह एग्रीमेंट उनके पिता द्वारा 'एकतरफा' तरीके से तैयार की गई थी. वह इसके हस्ताक्षरकर्ता नहीं हैं और इसलिए यह उन्हें हिस्सा देने के लिए बाध्यकारी नहीं है.
कोर्ट जाने से पहले लिखे पत्र
सुगंधा हीरेमथ ने 90 के दशक में कल्याणी को कई पत्र लिखे और मांग की कि वह शेयरों के बायबैक समझौते का सम्मान करें. उनके पति जयदेव ने भी वर्ष 2000 में इस विषय पर बाबा कल्याणी को पत्र लिखा था. सुगंधा ने आखिरी गुहार मार्च 2023 में लगाई, जब कल्याणी की कंपनियों ने हिकल के अतिरिक्त शेयर खरीदने की मंजूरी मांगी. सुगंधा ने लिखा कि 1993 और 1994 के फैमिली एग्रीमेंट के अनुसार हिकाल के शेयर उन्हें व उनके पति को वापस हस्तांतरित किए जाने थे. उन्हें इस बात की जरा भी जानकारी नहीं थी कि उनका सगा भाई उनका हक नहीं देना. हमारी दिवंगत मां सुलोचना कल्याणी भी यही चाहती थी कि बाबा कल्याणी हिकल के शेयर उन्हें और उनके पति को सौप दे.
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