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नहीं मिली महंगी EMI से राहत, अभी और करना होगा इंतजार, RBI ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव
RBI द्वारा रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने से बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों को निराशा हाथ लगी है. इस बार भी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से आज नई मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया गया है. शक्तिकांत दास की ओर से रेपो रेट को यथावत 6.5 प्रतिशत पर रखा गया है. यह सातवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत बढ़ाया गया था. आरबीआई एमपीसी (MPC) की बैठक में 6 सदस्यों की टीम में से 5 सदस्यों ने बहुमत के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं का करने का फैसला किया. इसके साथ ही रेपो रेट के अलावा एसडीएफ (Standing Deposit Facility) और एमएसएफ (Marginal Standing Facility) में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है. इन्हें 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है.
7 प्रतिशत पर रहेगी रियल जीडीपी ग्रोथ
आरबीआई गवर्नर ने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2025 की रियल जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. साथ ही बताया कि जीडीपी मजबूत रहने की वजह मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का मजबूत रहना है. फरवरी और मार्च में पीएमआई (PMI) 60 के ऊपर रहा है, जो कि 16 वर्षों का उच्चतम स्तर है.
अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत
वहीं, रियल जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत पर बने रहने की उम्मीद है. पहले यह 6.9 प्रतिशत था. RBI गवर्नर ने कहा कि ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में खपत मजबूत बनी हुई है. रबी सीजन में बंपर पैदावार होने के चलते महंगाई में कमी आ सकती है. हालांकि, वैश्विक चुनौतियां और सामान्य से अधिक तापमान रहने के कारण कुछ चुनौतियां जरूर आएंगी.
वित्त वर्ष 2025 के लिए महंगाई का अनुमान
वित्त वर्ष 2025 में महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई दर 4.9 प्रतिशत रही सकती है. वहीं, दूसरी तिमाही में इसके 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमहाी में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
नहीं मिली महंगी EMI से राहत
आरबीआई गवर्नर ने इसके साथ ही कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट को न बढ़ाने के पीछे का कारण देश में आर्थिक प्रगति को जारी रखने और महंगाई को काबू में रखने का है. रेपो रेट में कमी होने का इंतजार कर रहे बैंकों के ग्राहकों को निराशा हाथ लगी है. उम्मीद है कि यदि महंगाई ऐसे ही काबू में रही तो तो रिजर्व बैंक की अगली होने वाली बैठक में रेपो रेट में कमी आ सकती है.
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