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IPO से पहले आयोजित की जाने वाली Anchor Book के बारे में कितना जानते हैं आप?
साल 2009 में मार्केट रेगुलेटर SEBI ने भारतीय शेयर मार्केट में एंकर इन्वेस्टर्स का आईडिया पेश किया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
पिछले कुछ समय के दौरान भारत में बहुत ही भारी संख्या में एक से बढ़कर एक शानदार कंपनियों के IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर हमें देखने को मिल रहे हैं और अभी बहुत से IPO ऐसे भी हैं जिनका लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जैसे कि ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) का IPO. इसके साथ ही धीरे-धीरे इन्वेस्टर्स भी ज्यादा जागरूक हो रहे हैं और IPO जारी करने वाली कंपनी और उससे संबंधित जानकारी प्राप्त कर लेने के बाद ही अपने पैसे इन्वेस्ट कर रहे हैं. आपने अक्सर सुना होगा कि किसी भी कंपनी के IPO से पहले उसकी एंकर बुक (Anchor Book) को खोला जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एंकर बुक होती क्या है और ये एंकर इन्वेस्टर्स आखिर किस बला का नाम हैं?
Anchor Book का इतिहास और एंकर इन्वेस्टर्स
एंकर बुक शब्द का इस्तेमाल अमेरिका में काफी पहले से होता आया है और 1953 के आस पास एंकर बुक का इस्तेमाल दिन भर के दौरान हुए ट्रेड को लिखने के लिए किया जाता था. इसके बाद साल 2009 में मार्केट रेगुलेटर SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने भारतीय शेयर मार्केट में एंकर इन्वेस्टर्स का आईडिया पेश किया था. कुछ ग्लोबल मार्केटों में एंकर इन्वेस्टर्स को कॉर्नरस्टोन इन्वेस्टर्स की संज्ञा भी दी जाती है. किसी भी IPO को जनता के लिए खोले जाने से पहले उसे एंकर इन्वेस्टर्स के लिए खोला जाता है. एंकर इन्वेस्टर्स संस्थागत इन्वेस्टर होते हैं और जनता के लिए IPO खोले जाने से एक दिन पहले ही एंकर इन्वेस्टर्स IPO में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
आधुनिक Anchor Book
एंकर इन्वेस्टर्स के बारे में तो अब आपको थोड़ा बहुत मालुम चल ही गया होगा तो आइये अब एंकर बुक की बात कर लेते हैं. अमेरिका में सिर्फ एक शब्द के तौर पर इस्तेमाल होने वाला एंकर बुक, आधुनिक एंकर बुक से काफी अलग है, लेकिन काम के स्तर पर थोड़ी बहुत समानता भी देखने को मिलती है. दरअसल जो भी संस्थागत इन्वेस्टर किसी कंपनी के IPO में भाग लेते हैं उनके नाम एंकर बुक (Anchor Book) में दर्ज कर लिए जाते हैं और जितने ज्यादा बड़े नाम किसी कंपनी की एंकर बुक में शामिल होते हैं, उतना ही ज्यादा विश्वास रिटेल इन्वेस्टर्स को कंपनी के IPO पर हो जाता है.
मानक के रूप में भी होता है इस्तेमाल
अब आप जब भी किसी कंपनी के IPO में पैसे लगाने के बारे में विचार करें तो एक बार उसकी एंकर बुक पर नजर जरूर डाल लें. एंकर बुक के माध्यम से आपको पता चल सकता है कि संस्थागत इन्वेस्टर्स उस IPO के बारे में क्या सोचते हैं और आप भी अपने मेहनत के पैसे IPO में इन्वेस्ट कर सकते हैं. रिटेल इन्वेस्टर्स अक्सर एंकर बुक से ही किसी IPO के बारे में अंदाजा लगाते हैं.
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