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2024 तक डीजल कारें बनाना बंद कर देगी ये जानी-मानी कंपनी!
कंपनी ने घोषणा करते हुए कहा कि 2024 तक वह अपने बाकी बचे डीजल मॉडल्स की निर्माण प्रक्रिया पूरी तरह बंद कर देगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
जब भी बात लग्जरी और सुरक्षित फीचर्स वाली कारों की आती है तो वॉल्वो (Volvo) का नाम न आए यह नामुमकिन हो जाता है. लेकिन अब हाल ही में वॉल्वो ने एक ऐसी घोषणा कर दी ही जिस एसुनकर आपको झटका लग सकता है. दरअसल हाल ही में कंपनी ने घोषणा कर जानकारी दी है कि 2024 तक वह डीजल कारों का निर्म्मान पूरी तरह से बंद कर देगी.
पूरी तरह बनना है इलेक्ट्रिक
आपको बता दें कि वॉल्वो (Volvo) धीरे-धीरे पूरी तरह एक इलेक्ट्रिक कार निर्माता बनने की ओर बढ़ रही है और इसी लक्ष्य के अनुरूप यह फैसला लिया गया है. कंपनी ने आज घोषणा करते हुए कहा है कि 2024 तक वह अपने बाकी बचे डीजल मॉडल्स की निर्माण प्रक्रिया पूरी तरह बंद कर देगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वॉल्वो स्वीडन की कंपनी है और आज दी गए बयान में जानकारी देते हुए कंपनी ने बताया कि आज से कुछ ही महीनों बाद कंपनी द्वारा अपनी आखिरी डीजल कार का निर्माण किया जाएगा और ऐसा करने वाली वॉल्वो पहली कर कंपनी होगी.
बढ़ी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री
वॉल्वो कार (Volvo) कंपनी में एक काफी बड़ा हिस्सा चीन की कंपनी Geely का भी है और इस कंपनी ने भी निर्णय लिया है कि 2030 तक कंपनी पूरी तरह इलेक्ट्रिक हो जाएगी. आपको बता दें कि 2019 तक वॉल्वो द्वारा यूरोप में बेचीं गई कुल कारों की संख्या में से ज्यादातर कारों को डीजल से ताकत मिलती थी. दूसरी तरफ साल 2022 तक कंपनी की कुल बिक्री में इन कारों की हिस्सेदारी कम होकर केवल 8.9% रह गई थी. अगस्त में वॉल्वो द्वारा बेचीं गई कुल कारों में से 33% कारें या तो इलेक्ट्रिक या फिर हाइब्रिड थीं. हालांकि फिलहाल कंपनी द्वारा यह जानकारी साझा नहीं की गई है कि बाकी बची 67% ICE (Internal Combustion Engine) कारों में से डीजल और पेट्रोल कारों की संख्या कितनी है.
कम हुई डीजल कारों की बिक्री
यूरोप में डीजल कारों की बिक्री में काफी तेजी से गिरावट देखने को मिली है. फॉक्सवेगन (Volkswagen) द्वारा एमिशन कम करने के नाम पर किए गए स्कैम के बाद से ही यह कमी देखने को मिली है. इस स्कैम के बाद से ही कार निर्माता कंपनियां लगातार अपने मॉडल्स में मौजूद डीजल कारों की संख्या को कम कर रही हैं. आपको बता दें कि यूरोप में साल 2015 के दौरान बेचीं गई कारों की कुल संख्या का 50% हिस्सा केवल डीजल कारों का था जबकि जुलाई 2023 में यह हिस्सा कम होकर मात्र 14% रह गया था.
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