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अब नेक्स्ट लेवल पर जाएगी कारों की सेफ्टी, लॉन्च हुआ भारत-NCAP!
अब तक भारत में जो वाहन बेचे जाते रहे हैं, उन्हें ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट के आधार पर सेफ्टी रेटिंग दी जाती थी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
देश में ही कारों को क्रैश टेस्ट और सेफ्टी रेटिंग देने के लिए भारत-NCAP (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) लॉन्च हो गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को इसकी शुरुआत करते हुए, लंबे समय से चले आ रहे इंतजार पर फुल स्टॉप लगा दिया. रोड सेफ्टी और कार नॉर्म्स के लिए तैयार किया गया भारत-NCAP इसी साल अक्टूबर से पूरे देश में लागू हो जाएगा. इसके साथ ही भारत कारों को क्रैश टेस्ट और सेफ्टी रेटिंग देने वाला दुनिया का 5वां देश बन गया है. इस लिस्ट में अमेरिका, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया पहले से शामिल हैं.
ऑटो इंडस्ट्री ने किया स्वागत
सरकार की तरफ से कहा गया है कि भारत-NCAP का उद्देश्य कार खरीदने वालों को यह बताना है कि बाजार में उपलब्ध गाड़ियां क्रैश टेस्ट और सेफ्टी के मामले में कितनी मजबूत हैं. भारत-NCAP के तहत देश में बनाई जाने वालीं और बेचे जाने वालीं कारों को उनकी क्रैश रिपोर्ट के आधार पर सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी. इसमें 3.5 टन तक वजन वाले वाहनों का क्रैश टेस्ट किया जाएगा. ऑटो इंडस्ट्री ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. मारुति सुजुकी, महिंद्रा और टोयोटा जैसे कार निर्माता पहले ही इसे घरेलू ऑटो उद्योग के लिए साहसिक कदम करार दे चुके हैं.
अब तक क्या थी व्यवस्था?
नए भारत-NCAP प्रोग्राम के तहत भारत में मौजूदा कार कंपनियां ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) 197 के तहत अपनी कारों को स्वैच्छिक रूप से टेस्टिंग के लिए दे सकेंगी. साथ ही भारत-NCAP के पास कारों को चुनने और लेने का अधिकार भी होगा. भारत-NCAP रैंडम तरीके से किसी भी कार को टेस्टिंग के लिए चुन सकेगा. इन कारों की सेफ्टी रेटिंग कई तरीके के क्रैश टेस्ट के बाद निर्धारित की जाएगी. टेस्टिंग के बाद वाहन के प्रदर्शन के आधार पर, वयस्क यात्रियों (AOP) और बच्चों यानी कि चाइल्ड ऑक्युपेंट्स (COP) के लिए 0 से 5 तक स्टार रेटिंग दी जाएगी. अब तक भारत में जो वाहन बेचे जाते रहे हैं, उन्हें ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट के आधार पर सेफ्टी रेटिंग दी जाती थी.
कौन करेगा कारों की टेस्टिंग?
भारत-NCAP को कुछ परीक्षणों के लिए अपडेटेड ग्लोबल NCAP प्रोटोकॉल और यूरो NCAP के आधार पर डिजाइन किया गया है, जो कई सालों से इंडस्ट्री का मानक रहे हैं. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को उम्मीद है कि इससे देश में सेफ्टी कारों की डिमांड बढ़ेगी, जिससे कार निर्माताओं को ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. अब यह भी जान लेते हैं कि कारों की टेस्टिंग कौन करेगा. ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) को भारत न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम के लिए क्रैश टेस्ट एजेंसी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ARAI की पुणे और चाकण में पूरी तरह से अत्याधुनिक तकनीक से लैस लैब्स हैं, जहां ये टेस्ट किए जाएंगे.
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