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नई कार खरीदने वालों के लिए खुशखबरी! जानें 'भारत NCAP' लागू होने के बाद क्या होगा फायदा
कोई भी नई कार लॉन्च होगी तो सबसे पहले उसके सुरक्षा मानकों की जांच की जाएगी. इसके अंतर्गत क्रैश टेस्ट भी कराया जाएगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: यदि आप कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह खबर आपके बहुत काम की है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 'कार एसेसमेंट प्रोग्राम-भारत NCAP' पर अपनी मुहर लगा दी. इसके अंतर्गत भारत में लॉन्च होने वाली सभी कारों को क्रैश टेस्ट में उनके परफॉर्मेंस के आधार पर 'स्टार रेटिंग' दी जाएगी. गडकरी ने कहा कि 'भारत NCAP' ड्राफ्ट को मैंने मंजूरी दे दी है.
गडकरी ने कहा कि अब ऑटोमोबाइल कंपनियां इस नए प्रावधान को ध्यान में रखते हुए कारें ज्यादा सुरक्षित बनाएंगी. हमारा लक्ष्य भारत को ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में पूरी दुनिया में नंबर 1 बनाना है.
क्या है ये स्टार रेटिंग प्रोग्राम
कोई भी नई कार लॉन्च होगी तो सबसे पहले उसके सुरक्षा मानकों की जांच की जाएगी. इसके अंतर्गत क्रैश टेस्ट भी कराया जाएगा. टेस्ट रिजल्ट के आधार पर गाड़ी को 1 से 5 के बीच स्टार रेटिंग दी जाएगी.
कब से लागू हो रहा भारत NCAP प्रोग्राम
नितिन गडकरी ने अभी इस प्रोग्राम को मंजूरी दी है. सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों पर यह नया रूल 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो जाएगा.
अभी क्या है रेटिंग सिस्टम
भारत में अभी जितनी भी कारें हैं, वे Global NCAP (Global New Car Assessment Programme) के तहत आती हैं. इसी तर्ज पर भारत इस टेस्ट को अब घरेलू बना रहा है. नियम लागू होते ही हमें अब किसी दूसरे पर निर्भर नहीं रहना होगा.
Global NCAP के आधार पर किस कार की कितनी रेटिंग
Global NCAP की वर्तमान रेटिंग के अनुसार भारत की पॉपुलर कारों में शामिल Kia Carens को क्रैश टेस्ट में 3 स्टार मिला है. Toyota Urban Cruiser को 4 स्टार, Hyundai i20 को 3 स्टार, Honda City 4th Gen को 4 स्टार, Nissan Magnite को 4 स्टार, Mahindra XUV700 को 5 स्टार, Tata Punch को 5 स्टार, Mahindra Thar को 4 स्टार, Maruti Suzuki s-Presso को 0 स्टार, Hyundai Grand i10 Nios को 2 स्टार, Maruti Suzuki Ertiga को 3 स्टार मिला है.
भारत-NCAP लागू होने से क्या होगा असर
- Bharat NCAP मैन्युफैक्चरर्स को नई कार की सेफ्टी लेवल को हाई करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, क्योंकि इसे स्टार रेटिंग से भी जोड़ा गया है. इसलिए अब कारें यात्रियों के लिए पहले से ज्यादा सुरक्षित हो जाएंगी.
- स्टार रेटिंग के अनुसार अब ग्राहक भी यह तय कर सकेंगे कि उनके लिए कौन सी कार बेहतर होगी. इसका सीधा असर कारों की बिक्री पर पड़ेगा, इसलिए मैन्युफैक्चरर्स सेफ्टी फीचर्स से चाहकर भी समझौता नहीं करेंगे, क्योंकि स्टार रेटिंग जिसकी ज्यादा होगी, उसकी डिमांड बढ़ेगी.
- यह एक स्वैच्छिक कार्यक्रम है. इसपर आने वाला खर्च मैन्युफैक्चरर या इंपोर्टर उठाएंगे. सेफ्टी फीचर्स पर ज्यादा फोकस करने से लागत भी बढ़ेगा. इस वजह से कार की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है.
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