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सरकार ने सुनाई ऐसी खबर टूट जाएगा Musk का दिल, लेकिन TATA हो जाएंगे खुश
दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क अपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की भारत में एंट्री करवाना चाहते हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
टेस्ला (Tesla) को भारत की सड़कों पर फर्राटा भरते देखने को बेताब एलन मस्क (Elon Musk) के लिए एक बुरी खबर सामने आई है. हालांकि, ये बुरी खबर रतन टाटा की टाटा मोटर्स (Tata Motors) के लिए खुशखबरी के समान है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए आयात शुल्क में रियायत और स्थानीय मूल्यवर्धन से छूट देने के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है. बता दें कि हाल ही में खबरें आई थीं कि सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी में बड़ी कटौती करके मस्क को तोहफा देने की तैयारी में है.
Som Parkash ने दिया जवाब
संसद में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश (Som Parkash) ने स्पष्ट किया है कि सरकार ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है. क्या टेस्ला और अन्य बहुराष्ट्रीय कार कंपनियों को स्थानीय वैल्यू एडिशन में किसी प्रकार की छूट देने का कोई प्रस्ताव है? भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के आयात पर क्या इम्पोर्ट ड्यूटी पर सब्सिडी मिलेगी? इन सवालों के जवाब में राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि सरकार की ओर से 25,938 करोड़ रुपए के बजटीय परिव्यय के साथ ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम का ऐलान किया गया था. इसका मकसद EV और उसके कंपोनेंट सहित एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना है. हालांकि, इस समय EV के आयात पर स्थानीय मूल्य संवर्धन लागत से छूट प्रदान करने या आयात शुल्क पर सब्सिडी देने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
ये है संभावित प्रावधान
कुछ वक्त पहले खबरें आई थीं कि सरकार ने भारत में टेस्ला की एंट्री के लिए प्लान तैयार कर लिया है. इसके तहत विदेशी इलेक्ट्रिक कारों पर लगने वाले आयात शुल्क को मौजूदा 100% से कम करके 15% तक लाया जा सकता है. हालांकि, शर्त ये रहेगी कि कंपनियां जल्द ही भारत में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के लिए सहमति जताएं और बड़े स्तर पर लोकल सोर्सिंग पर जोर दें. टेस्ला भारत में कारखाना लगाने के लिए तैयार है. ऐसे में इम्पोर्ट ड्यूटी कम होने से टेस्ला को काफी फायदा मिल सकता है. विदेशी कंपनियों के लिए अपनी EV कारों को भारत भेजने में इम्पोर्ट ड्यूटी ही सबसे बड़ी बाधा रहती है, क्योंकि इसके ज्यादा होने से उनकी कारें महंगी हो जाती हैं, जिससे उम्मीद के अनुरूप डिमांड नहीं बन पाती.
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TATA ने जताया है विरोध
हालांकि, सरकार ने इस संभावित प्रावधान से टाटा मोटर्स जैसी स्थानीय कंपनियों की टेंशन बढ़ गई है. टाटा मोटर्स के इस प्रावधान के विरोध की बात भी सामने आ चुकी है. कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय (PMO) और अन्य विभागों के साथ बैठकों में टाटा ने इस आयात शुल्क कम करने की योजना का विरोध किया है. दरअसल, टाटा सहित घरेलू कंपनियों को लगता है कि इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी के चलते टेस्ला जैसे इंटरनेशनल प्लेयर सस्ते में अपनी कारें लॉन्च कर सकेंगे, जिससे उनके लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी. टाटा का यह भी मानना है कि भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों के कारोबार को बढ़ावा देने की जरूरत है.
फिलहाल टाटा का है दबदबा
भारत में इलेक्ट्रिक कारों के बाजार में टाटा इस समय सबसे बड़ा प्लेयर है. कंपनी की Nexon EV को काफी ज्यादा पसंद किया जा रहा है. इसके अलावा कंपनी के पोर्टफोलियो में टाटा टियागो EV और टाटा टिगॉर इलेक्ट्रिक भी शामिल हैं. इस तरह टाटा फिलहाल तीन इलेक्ट्रिक गाड़ियां ऑफर कर रहा है. टाटा ने 2019 में अपना इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बिजनेस शुरू किया था. निजी इक्विटी फर्म TPG और अबू धाबी की होल्डिंग कंपनी एडीक्यू ने 2021 में टाटा की इस कंपनी में 1 बिलियन डॉलर का निवेश किया था. टाटा की योजना अपने EV पोर्टफोलियो में विस्तार की है.
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