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नई EV Policy को मिल गई मंजूरी, अब जल्द Bharat की सड़कों पर फर्राटा भर सकेंगी Tesla की कारें
नई नीति के तहत इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट की बात कही गई है, जिसका कुछ घरेलू कंपनियों ने विरोध किया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (EV Policy) को मंजूरी दे दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार का कहना है कि वह देश को एक मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना चाहती है और इसी को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रिक वाहन नीति को तैयार किया गया है. इस नीति के तहत, भारत में एंट्री की चाहत रखने वालीं विदेशी कंपनियों को भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करना होगा और कम से कम 4150 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा.
मस्क की मुराद पूरी!
सरकार की तरफ से आई इस खबर से जहां टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी दिग्गज ऑटो कंपनियों को झटका लगेगा. वहीं, टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) का चेहरा जरूर खिल जाएगा. क्योंकि नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में आयात शुल्क में कटौती का भी जिक्र है. इस नीति के तहत भारत में न्यूनतम 4150 करोड़ रुपए का निवेश और इसके तीन साल के भीतर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने वाली कंपनी को इम्पोर्ट टैक्स में छूट दी जाएगी. अब तक टेस्ला जैसी कंपनियां भारी-भरकम आयात शुल्क के चलते ही भारत आने से बच रही थीं. अब उनकी एंट्री का रास्ता साफ हो गया है. खासकर एलन मस्क के लिए यह मुराद पूरी होने जैसा है.
नीति की खास बातें
सरकार का कहना है कि नई नीति से लेटेस्ट टेक्नोलॉजी तक पहुंच प्रदान करने, ईवी इकोसिस्टम को बढ़ाने और मेक इन इंडिया इनिशिएटिव को सपोर्ट करने में मदद मिलेगी. इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में कहा गया है कि इच्छुक कंपनियों को 3 साल के भीतर भारत में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगानी होगी और ई-व्हीकल का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करना होगा. उन्हें कार बनाने के लिए स्थानीय बाजारों से 35 प्रतिशत कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करना होगा. साथ ही इन निर्माताओं को पांच वर्षों के भीतर घरेलू मूल्य वर्धन (डोमेस्टिक एडेड वैल्यू - DVA) का 50 प्रतिशत तक पहुंचना होगा. इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया जाएगा. बशर्ते उनकी कीमत 35,000 डॉलर यानी लगभग 29 लाख रुपए से ज्यादा न हो. बता दें कि मौजूदा व्यवस्था के तहत भारत में लाई जाने वाली इलेक्ट्रिक कारों पर 70 से 100 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी लगती है.
काम नहीं आया विरोध
दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला शुरुआत से ही इम्पोर्ट शुल्क में कमी की मांग करती रही है. ऐसे में भारत की नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी उसके लिए राहत की बात है. अब एलन मस्क अपनी कंपनी की कारों को भारत में दौड़ते देख सकेंगे. हालांकि, ये बात अलग है कि Tata Motors और Mahindra सहित घरेलू EV निर्माताओं को इसके चलते चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टाटा और महिंद्रा ने आयात शुल्क कम करने के प्रस्ताव का विरोध किया था. दोनों का कहना था कि इससे स्थानीय वाहन निर्माता प्रभावित होंगे. उनका ये भी कहना था कि इसके बजाये सरकार को स्थानीय EV निर्माताओं को प्रोत्साहित करना चाहिए. पिछले साल यह खबर सामने आई थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय (PMO) और अन्य विभागों के साथ बैठकों में टाटा ने आयात शुल्क कम करने की योजना का विरोध किया था. टाटा सहित घरेलू कंपनियों को लगता है कि इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी के चलते टेस्ला जैसे इंटरनेशनल प्लेयर सस्ते में अपनी कारें लॉन्च कर सकेंगे, जिससे उनके लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी.
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