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पराली जलाने वाले किसान हो जाएं सावधान, पराली जलाई तो कटेगी जेब?
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के सचिवों को केंद्र ने पराली जलाने पर किसानों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. केंद्र ने राज्यों का चिट्ठी लिखते हुए इस पर रिपोर्ट भी मांगी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 week ago
किसानों के लिए यह खबर बेहद जरूरी है, पराली जलाने वाले किसानों को अब सरकार की ओर से MSP का लाभ नहीं मिलेगा. केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों को लेकर राज्य सरकारों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि पराली जलाने वाले किसानों को इस साल से MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ देने से वंचित किया जाए. इसके लिए केंद्र ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान समेत सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इसे जल्दी लागू करते हुए स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
कैसे किसानों की पहचान होगी?
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के सचिवों को केंद्र ने निर्देश दिए है. केंद्र ने लिखी चिट्ठी और रिपोर्ट भी मांगी है. ISRO की मदद से पराली जलाने वाले किसानों की पहचान होगी. सचिवों की कमेटी के मुताबिक पंजाब को नियमों का पालन करवाना होगा. सचिवों की कमेटी ने खाद्य मंत्रालय को इसे लागू करने के लिए मेकैनिज्म तैयार करने के निर्देश भी दिए. किसानों के जमीन रिकॉर्ड के अंदर पराली जलाने की घटना दर्ज होगी.
पंजाब में जलाई जाती है सबसे ज्यादा पराली
सरकार द्वारा दिए गए नए आंकड़ों के अनुसार पंजाब में सबसे अधिक धान की खेती होती है. इस साल 31.54 लाख हेक्टेयर धान की खेती बढ़ने का अनुमान है. जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है, जबकि पंजाब के बाद हरियाणा राज्य में धान की पैदावार होती है. इस बार 15.73 लाख हेक्टेयर धान की खेती का अनुमान है. ज्यादा मात्रा में धान की खेती होने की वजह से सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले पंजाब जबकि दूसरा नंबर हरियाणा है. वैसे पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सजा और फाइन का प्रावधान बहुत जटिल है. राज्य सरकार अपने राजनीतिक नफा नुकसान को देखते हुए पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचती है. साल 2024-25 में पराली के नियम को लागू करने की योजना सरकार बना रही है.
केंद्र और राज्य के बीच हो चुकी है बैठक
बीते 10 अप्रैल को सचिवों की बैठक हुई. जिसमें केंद्र सरकार ने पराली के खिलाफ कार्रवाई करने की भी योजना बनाई. NSRC और इसरो को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसके तहत खेतों की मैपिंग कराई जाएगी. साथ ही जिन खेतों में पराली जलाए जाते हैं उनके लिए एक प्रोटोकॉल तैयार किया गया है. बीते कुछ दिनों पहले ही पंजाब सरकार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने चालू वर्ष में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के अपने लक्ष्य पर काम करने का निर्देश दिया है.
क्या होता है MSP?
आपको बता दें कि MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस (Minimum Support Price) या न्यूनतम समर्थन मूल्य होता है. MSP वह रेट है जिस पर सरकार किसानों से सरकार फसल खरीदती है. यह किसानों की उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना अधिक होती है. केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है. किसान को अपनी फसल की MSP के तहत निर्धारित कीमत मिलती ही मिलती है, चाहे बाजार में दाम जो भी हो.
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