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देश की नामी कंपनियों की हायरिंग में हुई बड़ी गिरावट, जानिए कितनी हुई कमी?
दुनियाभर की खराब परिस्थितियों का भारत की आईटी कंपनियों की हॉयरिंग पर भी असर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. वर्ष 21-22 के मुकाबले इसमें 22-23 में 78 प्रतिशत की कमी आई है.
ललित नारायण कांडपाल 1 year ago
दुनियाभर की कंपनियों में चल रही कॉस्ट कटिंग और बड़े पैमाने पर हो रहे ले ऑफ के बीच भारत में भी बाजार के इस हाल का असर दिखने लगा है. भारतीय टेक कंपनियों में इसका सबसे पहले असर दिखाई दे रहा है, जिसमें नौकरी निकालने की खबर भले ही न आई हो लेकिन अब खबर ये सामने आई है कि 20-21 के मुकाबले 22-23 में टेक कंपनियों में हायरिंग में बड़े पैमाने पर कमी आई है. इसमें तकरीबन 78 प्रतिशत तक की कमी आई है. जो इस सेक्टर के लिए अच्छी खबर नहीं है.
कैसा रहा TCS का रिपोर्ट कार्ड
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार TCS ने FY 22-23 में 22,600 को काम पर रखा. जबकि वहीं अगर हायरिंग के इस प्रतिशत की पिछले साल से तुलता करें तो पता चलता है कि कंपनी ने वित्त वर्ष 21-22 में 1,03,000 अधिक लोगों को अपने साथ जोड़ने में कामयाब रही. दो सालों के इस अंतर को प्रतिशत में देखें तो TCS में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वित्त वर्ष 22-23 में भर्ती में 78 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई.
INFOSYS - HCL में भी रहा कुछ ऐसा ही हाल
इसी तरह के रुझान इंफोसिस में भी देखने को मिले. कंपनी ने FY 2022-23 में 29,219 लोगों को जोड़ा, जबकि FY 2021-22 में इसने 54,396 लोगों को जोड़ा. ये पिछले वित्त वर्ष की तुलना में हायरिंग में 46 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है. वहीं अगर HCLTech में हायरिंग के आंकड़ों को देखें तो यहां 57 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है. आईटी कंपनी ने वित्त वर्ष 23 के दौरान कुल 17,067 कर्मचारियों को काम पर रखा था, जो कि पिछले वित्त वर्ष 2021- 22 में भर्ती किए गए 39,900 लोगों की तुलना में काफी कम है.
कैसी रहेगी वर्ष 2024 में हायरिंग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल के ऐसे सुस्त आंकड़ों के बीच आने वाले पूरे साल को लेकर क्या उम्मीद लगाई जा रही है ये भी जानना जरूरी है. हालांकि इस साल को लेकर भी कोई बहुत सकारात्मक नतीजों की जानकार घोषणा नहीं कर रहे हैं. जानकारों का मानना है कि वित्त वर्ष 24 में भर्ती के कम ही रहने की आशंका है. HCL Tech के CPO (चीफ पीपल ऑफिसर) राम सुंदरराजन ने चौथी तिमाही के अर्निंग कॉल में कहा कि अगली कुछ तिमाहियों में हायरिंग मॉडरेट (स्थिर) रहेगी. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 24 की हायरिंग योजना पिछली दो तिमाहियों में जोड़े गए लोगों के कारण मॉडरेट रहने की संभावना है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन्फोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी नीलांजन रॉय ने कहा कि 'फ्रेशर्स की उपलब्धता के लिहाज से हमारे पास अगली कुछ क्वार्टर के लिए गुंजाइश है’. हम 2024 के लिए किसी तरह के नंबरों के बारे में नहीं कह सकते हैं. टैलेंट सॉल्यूशंस कंपनी एनएलबी सर्विसेज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 23-24 में हायरिंग में 20-25 फीसदी की गिरावट आएगी.
क्यों कम रहेगी मांग
सबसे महत्वपूर्ण ये भी है कि ये जाना जाए कि आखिर मांग में कमी क्यों रहेगी. रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है, 'मौजूदा मैक्रो-इकोनॉमिक परिस्थितियों के कारण आईटी क्षेत्र में परियोजनाओं के लिए नरम मांग जारी रह सकती है और इससे वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में समग्र हेडकाउंट पर 20-25 प्रतिशत का प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. मीडिया रिपोर्ट ये भी कह रही हैं कि आईटी सेवाओं की मांग में गिरावट से न केवल नियुक्तियों में गिरावट आई है, बल्कि फ्रेशर्स को ऑनबोर्ड करने में भी देरी हुई है और अधिकांश भारतीय आईटी कंपनियों में बेंच के आकार में वृद्धि हुई है.
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