होम / ऐसा भी होता है / महाराष्ट्र के किसान को 512 किलो प्याज के बदले मिले 2 रुपये, जानिए क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र के किसान को 512 किलो प्याज के बदले मिले 2 रुपये, जानिए क्या है पूरा मामला
किसान के 512 रुपये प्याज की कुल लागत में उसका खर्चा निकालकर उसके पास हाथ में आया सिर्फ 2.49 रुपये का चेक, जिस पर 15 दिन बाद की तारीख पड़ी हुई थी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
महाराष्ट्र के किसानों की बदहाली की खबरें आम हैं. कभी आत्महत्या तो कभी पैदल मार्च ऐसी खबरें महाराष्ट्र से आती रहती हैं. लेकिन अब एक ऐसी खबर निकलकर सामने आई है जिसने सभी को हिला कर रख दिया है. ये है सोलापुर जिले के एक किसान की हकीकत जो अपना 512 किलो प्याज लेकर सोलापुर मंडी पहुंचा तो उसे वहां प्याज का भाव 1 रुपये प्रति किलो मिला. लेकिन प्याज का सौदा करने के बाद किसान के हाथ में सिर्फ 2.49 रुपये आए, जो बताता है कि किसानों की फसल का क्या भाव मिल रहा है.
ये है पूरा मामला
महाराष्ट्र के राजेन्द्र तुकाराम चौहान जोकि बारसी तालुका के बोरगांव के रहने वाले हैं. उन्होंने इस साल प्याज की फसल लगाई थी जिसके बाद उनके खेत में कुल 512 किलो प्याज हुई. इसे बेचने के लिए वो अपने गांव से 70 किलोमीटर दूर की सोलापुर एपीएमसी मंडी पहुंचे. जहां उन्हें इस प्याज के लिए एक रुपये प्रति किलो का भाव मिला. इस 1 रुपये के अनुसार उनके प्याज की कुल कीमत 512 रुपये बनी. इसके बाद उन्होंने बताया कि मंडी के ही एक अन्य ट्रेडर ने ट्रांसपोर्टेशन चार्ज के 509 रुपये काट लिए, जिसके बाद बचे 2 रुपये का उन्हें चेक दे दिया गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चौहान को पिछले साल इसी प्याज के लिए 20 रुपये प्रति किलो तक का भाव मिला था.
कितनी लगी थी प्याज पर लागत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के किसान ने बताया कि उन्हें इस 512 किलो प्याज को उगाने में 40 हजार रुपये से ज्यादा खर्च करने पड़े थे. उन्होंने कहा कि पिछले 3 से 4 सालों में देश में पेस्टीसाइड की कीमतों में इजाफा हुआ है. इसके कारण लागत मूल्य बढ़ गया है.
पोस्ट डेटेड चेक पर क्या बोले मंडी कर्मी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किसान को 15 दिन बाद का पोस्ट डेटेड चेक दिए जाने को लेकर मंडी व्यापारी का कहना था कि सामान्य तौर पर इतनी ही देर में पैसा दिया जाता है. उन्होंने ये भी कहा कि ये प्याज काफी लो क्वॉलिटी की है. उन्होंने कहा कि इससे पहले चौहान अच्छी किस्म का प्याज उगाया था तो उन्हें 18 रुपये किलो का भाव मिला था. उसके बाद के लॉट के लिए उन्हें 14 रुपये प्रति किलो का भाव मिला था.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्सपर्ट का कहना है कि मंडी में सिर्फ 25 प्रतिशत माल ही हाई क्वॉलिटी का आ पाता है. जबकि 30 प्रतिशत माल औसत दर्जे का आता है. उसके बाद बाकी लो क्वॉलिटी का आता है. इस साल महाराष्ट्र से लेकर देश के कई राज्यों में प्याज की बंपर पैदावार हुई है जिसके कारण थोक के दाम कम हुए हैं.
टैग्स