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रिटायरमेंट के बाद चाहते हैं 50 हजार रुपये की हर महीने पेंशन, तो फिर कर लें ये काम
लेकिन अगर कोई व्यक्ति निजी क्षेत्र में है तो फिर उसको रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी के लिए एक पेंशन प्लान होना चाहिए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः सरकारी कर्मचारियों को तो रिटायरमेंट के बाद किसी तरह की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उनको पेंशन सरकार की तरफ से मिलती रहती है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति निजी क्षेत्र में है तो फिर उसको रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी के लिए एक पेंशन प्लान होना चाहिए. तभी वो जिंदगी को ठीक तरीके से जी सकेगा.
किसी व्यक्ति के लिए यह आदर्श है कि वह अपने सेवा जीवन की शुरुआत से ही रिटायरमेंट की योजना बनाना शुरू कर दे ताकि बिना अधिक तनाव के एक उपयुक्त रिटायरमेंट फंज का संचय सुनिश्चित हो सके. अगर आपने अभी तक रिटायरमेंट के लिए निवेश शुरू नहीं किया है, तो बेहतर होगा कि इसमें और देरी न करें.
अभी के हिसाब से चाहिए 50 हजार रुपये की मासिक पेंशन
एक व्यक्ति को अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए प्रति माह कम से कम 50,000 रुपये की आवश्यकता होती है. हालांकि, यदि आप कुछ वर्षों के बाद रिटायर होने जा रहे हैं, तो हर गुजरते साल के साथ मासिक आवश्यकता बढ़ती जाएगी.
हालांकि आवश्यकता में वृद्धि के बावजूद, रिटायरमेंट से पहले आपके पास जितना अधिक समय होगा, आपके लिए रिटायरमेंट फंड जमा करना उतना ही आसान होगा. इसके लिए बहुत सारे विकल्प हैं जिन पर हम आज आपको बताने जा रहे हैं.
एफडी में चाहिए होगा 80 लाख का निवेश
वरिष्ठ नागरिकों के लिए वर्तमान में FD की दर लगभग 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष है तो प्रति माह 50,000 रुपये या प्रति वर्ष लगभग 6 लाख रुपये प्राप्त करने के लिए आपको लगभग 80 लाख रुपये का निवेश करने की आवश्यकता है. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) 7.4 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दरों के साथ एक सुरक्षित विकल्प है, लेकिन आप प्रत्येक योजना में केवल 15 लाख रुपये तक ही निवेश कर सकते हैं. एफडी पर ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 80TTB के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये की छूट सीमा से अधिक कर योग्य है. स्रोत पर कर (टीडीएस) काटा जाएगा, जब तक कि फॉर्म 15एच जमा नहीं किया जाता है.
एलआईसी की पेंशन स्कीम
एलआईसी प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) योजना भी वितरित करता है जो वर्तमान में 15 लाख रुपये की निवेश सीमा के साथ 10 वर्षों के लिए 7.66 फिसदी की वार्षिक ब्याज दर की पर मिल रही है. इस स्कीम के तहत कोई टीडीएस नहीं होगा और वार्षिकी करने वालों को अपनी आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय अन्य स्रोतों से आय में इसको फाइल करना होगा.
म्यूचुअल फंड
इक्विटी और डेट सेगमेंट दोनों के तहत विभिन्न प्रकार की एमएफ योजनाएं उपलब्ध हैं. इक्विटी-उन्मुख एमएफ योजनाओं की तुलना में ऋण-उन्मुख योजनाओं के लिए रिटर्न की दर या चक्रवृद्धि वार्षिक विकास दर (सीएजीआर) कम है. दूसरी ओर, निवेशित पूंजी में उतार-चढ़ाव डेट योजनाओं के लिए कम और इक्विटी योजनाओं के लिए अधिक होगा.
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