होम / यूटिलिटी / बिना Insurance चलने वालों के लिए सरकार बना रही है नया प्लान , जानिए क्या है ये नया नियम
बिना Insurance चलने वालों के लिए सरकार बना रही है नया प्लान , जानिए क्या है ये नया नियम
सरकार का यह कदम सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए तत्काल धन सुनिश्चित करेगा, इस प्रकार भारतीय सड़कों पर होने वाली मौतों को कम करने में मदद करेगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
देश के सभी राजमार्गों में बिना इंश्योरेंस पॉलिसी चलने वाले वाहनों के लिए अब सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है. जो लोग राजमार्गों पर बिना बीमा वाले वाहनों के साथ चलते पाए जाएंगे उन्हें ऑन-द-स्पॉट बीमा कवर की पेशकश की जा सकती है. सरकार एक योजना पर काम कर रही है जिसमें अगर आपकी गाड़ी बिना इंश्योरेंस के सड़क पर चलती हुई पाई जाती है तो ऑन द स्पॉट इंश्योरेंस करके कार मालिक के फास्टैग खाते से प्रीमियम काट लिया जाएगा.
सरकार क्यों ला रही है ये योजना
सरकार बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों के लिए ये पॉलिसी इसलिए लेकर आ रही है क्योकि हमारे देश में बिना बीमा के सड़क पर चलने वाले वाहनों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है. एक आंकड़े के अनुसार ये सभी वाहनों का 40-50% होने का अनुमान है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र एक ऐसे सिस्टम पर काम कर रहा है जिन लोगों की बिना पॉलिसी की गाड़ी को ट्रैफिक पुलिस या ट्रांसपार्ट अथॉरिटी के द्वारा अगर पहली बार इंपाउंड किया जाता है तो उन मोटर वाहन मालिकों के लिए अनिवार्य थर्ड पार्टी बीमा कवर प्रदान किया जाएगा. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस दुर्घटना में पीड़ितों के लिए चिकित्सा और उपचार व्यय को कवर करता है.
ऑन द स्पॉट दी जाएगी बीमा पॉलिसी
अगर किसी वाहन को बिना बीमा के पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी अपने हैंड हैंडल मशीनों से पकड़ते हैं तो वो वहीं पर ट्रांसपोर्ट विभाग के एप वाहन के जरिए बिना बीमा की गाड़ी का इंश्योरेंस कर दिया जाएगा. ये उन कंपनियों से कराया जाएगा जो ट्रांसपोर्ट विभाग की नेटवर्क से कनेक्ट होंगी. उनका यहां ऑन द स्पॉट थर्ड पार्टी इंश्योरेंस किया जाएगा. उन्होंने कहा, ऑन-द-स्पॉट पॉलिसियों के प्रीमियम के तत्काल भुगतान के लिए, बैंकों के साथ-साथ बीमा कंपनियों को भी फास्टैग प्लेटफॉर्म पर लाया जा सकता है, जिसमें फास्टैग बैलेंस से प्रीमियम काटा जा सके. जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (जीआईसी) के एक अधिकारी ने कहा कि काउंसिल की बैठक में स्पॉट इंश्योरेंस पर भी चर्चा की गई थी और इस पर एक्शन के लिए सिफारिशें तैयार की जा रही हैं और 17 मार्च की बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी. GIC गैर-जीवन बीमा इंडस्ट्री की एक यूनिट जो सरकारी को नीति बनाने मे सलाह देता है.
इंश्योरेंस के लिए कितना देना होगा अमाउंट
इस योजना के अनुसार सरकार ने बीमा की कीमतों को गाडि़यों के इंजन की क्षमता के आधार पर बांटा है. थर्ड पार्टी बीमा का प्रीमियम वाहनों के आकार और उम्र पर निर्भर करता है, अगर आपकी गाड़ी 1000cc तक है तो उसके लिए आपको ₹2,072 का अमाउंट देना होगा, इसी तरह 1000-1500cc वाहनों के लिए ₹3,221 और 1,500cc इंजन वाले वाहनों के लिए ₹7,890 अमाउंट देना पड़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने कहा है कि इस प्रस्ताव पर जल्द ही कोई रास्ता निकाला जाएगा, और भारतीय सड़कों को सुरक्षित बनाने के बड़े लक्ष्य के लिए बीमा, परिवहन और अभियोजन एजेंसियों के सही एकीकरण में लाने के लिए राज्य सरकारों को भी शामिल किया जाएगा.
IRDAI पहले ही दे चुका है अप्रूवल
इस मामले को लेकर बीमा नियामक IRDAI ने पहले ही बीमा कंपनियों को जब्त वाहनों के लिए अस्थायी या शॉट टर्म मोटर बीमा जारी करने की अनुमति दे दी है. इस कानून से जुड़े सभी कानूनी मुद्दों का अध्ययन किया जा रहा है, और यदि आवश्यक हुआ तो, प्रस्ताव के रोल-आउट की अनुमति देने के लिए मोटर वाहन अधिनियम और बीमा नियमों में संशोधन किया जा सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में सड़क पर मारे जाने वाले 10 में से कम से कम एक व्यक्ति भारत का है.
टैग्स