जानिए अब किस क्षेत्र में महिलाओं ने पुरुषों को किया पीछे, हो रही है चर्चा  

इस सर्वे में ये निकलकर सामने आया है कि महिलाएं सिर्फ लाइफ इंश्‍योरेंस लेने में ही आगे नहीं हैं बल्कि बचत करने में भी आगे हैं.

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Tuesday, 07 March, 2023
womens

दिल्‍ली एनसीआर से लेकर देश के दूसरे मेट्रो शहरों के लिए मौजूदा समय में फाइनेंशियल सिक्‍योरिटी एक बड़ा पहलू है. लेकिन पिछले कई सालों से ये देखा जा रहा था कि फाइनेंसियल सिक्‍योरिटी को लेकर पुरूष ज्‍यादा चिंतित रहते हैं और वहीं इसे ज्‍यादा अडॉप्‍ट करते हैं. लेकिन हाल ही में एक सर्वे में ये बात निकलकर सामने आई है कि अब इसमें भी महिलाओं ने पुरूषों को पछाड़ दिया है. इस आंकड़े में पिछले पांच सालों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. जहां पहले सर्वे में इसका प्रतिशत 33 था वहीं अब पांचवे सर्वे में ये 40 प्रतिशत तक पहुंच गया है. ये सर्वे मैक्‍स लाइफ इंश्‍योरेंस और कंतार के द्वारा किया गया था.  

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के पास ज्‍यादा है लाइफ इंश्‍योरेंस 
पांचवें दौर के इस सर्वे में ये बताया गया है कि पिछले पांच वर्षों में यह पहला मौका है जब इस समूह ने पुरुषों को इस मामले में पछाड़ा है. 77% कामकाजी महिलाओं के पास लाइफ इंश्‍योरेंस है जबकि पुरुषों के स्‍तर पर यह आंकड़ा 74% दर्ज किया गया है. घरेलू महिलाओं का प्रोटेक्शन मार्क 38 दर्ज किया गया है जो कि नॉलेज इंडेक्स में 11 अंकों की बढ़त से प्रेरित है. पहले सर्वे में ये 38 था जबकि पांचवे में ये 49 तक पहुंच गया है. इसके अलावा, घरेलू महिलाओं में लाइफ इंश्‍योरेंस ओनरशिप भी 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. आईपीक्यू 1.0 में 58%  की तुलना में आईपीक्यू 5.0 में 68% दर्ज की गई.
 
सर्वे पर क्‍या बोले मैक्‍स लाइफ के एमडी 
इस सर्वे पर मैक्‍स लाइफ के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत त्रिपाठी ने कहा, इस एडिशन के नतीजों से भारतीय महिलाओं की वित्तीय तैयारियों की झलक काफी उत्साहजनक है. यह इस बात का भी सूचक है कि वित्तीय समावेशन के स्तर पर समाज बराबरी की तरफ बढ़ रहा है. लाइफ इंश्‍योरेंस ओनरशिप के मामले में कामकाजी महिलाओं ने पहली बार पुरुषों को पटखनी दी है और यह उज्‍ज्‍वल भविष्‍य का इशारा है. अब जबकि हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं, हमें समाज में अपने प्रियजनों के लिए सुरक्षा के इंतजाम करने में हमेशा जुटी रहने वाली महिलाओं की वित्तीय जागरूकता और समानता सुनिश्चित करने के प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए.


प्री कोविड लेवल पर पहुंच चुका है स्‍तर 
 इस सर्वे के अनुसार महिलाओं में वित्‍तीय सुरक्षा का स्‍तर तेजी से सुधर रहा है. महामारी के बाद, शहरी भारत में महिलाएं अपने वित्तीय मामलों को लेकर लगातार सुरक्षित महसूस कर रही हैं और उनके सुरक्षा का स्‍तर भी महामारी पूर्व के स्‍तरों पर पहुंच चुका है. यह आईपीक्यू 3.0 यानी तीसरे सर्वे में ये स्‍तर 57% था जबकि आईपीक्यू 5.0 के सर्वे में ये 62% तक पहुंच चुका है. इसी तरह, लाइफ इंश्‍योरेंस ओनरशिप आईपीक्यू 3.0 में 67%  की तुलना में आईपीक्यू 5.0 सर्वे में 71%  तक पहुंच चुका है.
 
बचत करने में भी महिलाएं हैं आगे 
ये सर्वे बताता है कि कामकाजी महिलाएं अपनी 45% आमदनी को बचत और निवेश पर लगाती हैं जबकि 43% पुरुष ऐसा करते हैं. महिलाएं मूलभूत और लग्जरी चीजों पर भी कम खर्च करती हैं, वे 40% मूलभूत चीजों पर खर्च करती हैं जो कि पुरुषों की तुलना में 3% कम है. इसी तरह, यह समूह अपनी 14% आमदनी लग्जरी पर खर्च कर रहा है जो कि पुरुषों के मुकाबले  1%  कम है, इससे यह ज़ाहिर होता है कि महिलाएं अपने खर्चों को लेकर काफी सजग रहती हैं और इच्छापूर्ति की बजाय बचत को प्राथमिकता देती हैं.
 


आपको करनी है टैक्‍स बचत तो ये हो सकता है सबसे बेस्‍ट सॉल्‍यूशन !

होम लोन ही ऐसा लोन है जिस पर कम ब्‍याज लगता है लेकिन जब आप टॉप अप लोन की तरफ जाते हैं तो आपको होम लोन के मुकाबले थोड़ा ज्‍यादा ब्‍याज दर चुकानी होती है. 

Last Modified:
Friday, 17 March, 2023
home loan

क्‍या आपने जो मकान बनाया था उसके लिए आपका अभी भी लोन चल रहा है? क्‍या ऐसा भी है अब आपको अपने घर की मरम्‍मत के लिए या उसे अपग्रेड करने के लिए और पैसे की जरूरत है, और आप कुछ ऐसा भी चाहते हैं कि आप जहां से पैसा लें तो आपको उस पर टैक्‍स में भी फायदा मिल तो होम लोन टॉप-अप आपके लिए सबसे अच्छा लोन विकल्प हो सकता है. होम लोन टॉप-अप एक प्रकार का लोन है जो घर के मालिकों को उनके मौजूदा होम लोन के ऊपर अतिरिक्त पैसा उधार लेने की अनुमति देता है. इस अतिरिक्त उधारी का उपयोग घर की मरम्‍मत के लिए किया जा सकता है.  एक होम लोन कई अन्‍य तरह के लोन के मुकाबले कई मायनों में बेहतर लोन है, और इसके कई और फायदे हैं. 

होम लोन की होती है सबसे कम ब्‍याज दर 
बाजार के एक्‍सपर्ट बताते हैं कि एक होम लोन एक ऐसा लोन है जो सबसे सेफ तरह का लोन मााना जाता है. इसकी दूसरी सबसे बड़ी खास बात ये है कि ये सबसे कम ब्‍याज दरों में मिलता है. जबकि ऑटो लोन, पर्सनल लोन होम लोन की तुलना में बहुत ज्‍यादा रेट पर मिलते हैं. होम लोन ही ऐसा लोन है जिस पर आपको सबसे ज्‍यादा समय मिलता है. इसलिए ज्‍यादातर लोग इसे लेते भी हैं. लेकिन अगर आप टॉप अप लोन लेते हैं तो उसकी ब्‍याज दर सामान्‍य होम लोन से थोड़ा ज्‍यादा होती है. लेकिन ये फिर भी दूसरे लोन से कम ही है. अगर आप आज SBI से होम लोन लेते हैं तो ये 9.15% की ब्‍याज दर पर मिलता है जबकि टॉप अप लोन 9.55% की ब्‍याज दर पर मिलता है. 

कुछ नहीं रखना पड़ेगा गिरवी 
सामान्‍य तौर पर बैंक आपको तभी लोन देता है जब आप उसके पास कुछ गिरवी रखते हैं. होम लोन के समय भी ऐसा ही होता है कि आपको घर की रजिस्‍ट्री के पेपर जमा कराने होते हैं. लेकिन टॉप अप लोन के लिए ज्‍यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. इसे आप उसी घर के लिए लेते हैं तो आपको कुछ गिरवी रखने की जरुरत नहीं होती है. इस लोन में तेजी से काम होता है और आपको जल्‍दी होम लोन मिल जाता है. यही नहीं ज्‍यादा पेपरवर्क का भी सामना नहीं करना पड़ता है. बैंक के पास आपकी सभी तरह की जानकारी पहले से ही होती है तो टॉप अप के लिए आपको ज्‍यादा पेपर फॉरमैलिटी से नहीं गुजरना पड़ता है. इस लोन पर भी आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है.

खुद से बने मकान पर इतनी मिलती है छूट 
अगर आपने अपना मकान खुद से बनाया है तो टॉप-अप होम लोन के ब्याज के रिपेमेंट पर उपलब्ध अधिकतम कटौती 30,000 रुपये है. यह कटौती 2 लाख रुपये की समग्र सीमा के तहत है. किराए पर दी गई प्रापर्टी के मामले में, आप टॉप-अप होम लोन के ब्याज भुगतान पर असीमित कटौती प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि, आय के अन्य प्रमुखों के खिलाफ 2 लाख रुपये की वार्षिक सेट-ऑफ लिमिट है.
 


अब देश में बर्बाद नहीं होगी फसल, सरकार बना रही है प्‍लानिंग 

दरअसल हमारे देश में होने वाली तीन किस्‍म की फसलों में लेट खरीफ फसल की उम्र बहुत कम होती है. एक महीने की उम्र होने के कारण इसका प्रबंधन सही से नहीं हो पाता है.

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Thursday, 16 March, 2023
onion-potato

हमारे देश में अक्‍सर ये देखने में आता है कि फसलों के ज्‍यादा होने पर किसानों को उसकी कीमत नहीं मिल पाती है. ऐसा होने पर फसल पैदा करने वाले किसान उसे या तो कम कीमत पर बेच देते हैं या वो कम कीमत लेने से बेहतर उसे नष्‍ट कर देते हैं. इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. कई मीडिया रिपार्ट ऐसी सामने आई हैं जिसमें किसान उसे या तो उसे नष्‍ट कर रहे थे या उन्‍हें उनकी फसल की सही कीमत नहीं मिली. लेकिन अब सरकार ने इसे लेकर प्‍लानिंग कर ली है. अब किसानो को आने वाले समय में अपनी फसल को नष्‍ट नहीं करना पड़ेगा. सरकार इसे लेकर योजना बनाने में जुट गई है. 

क्‍यों पैदा होती है ये समस्‍या 
बिजनेस वर्ल्‍ड को मिली जानकारी के अनुसार दरअसरल हमारे देश में तीन तरह की फसले पैदा होती हैं. इसमें एक रबी की होती है दूसरी खरीफ की होती है तीसरी वो होती है जिसे लेट खरीफ कहा जाता है. इस लेट खरीफ फसल के साथ परेशानी ये होती है कि इसकी उम्र बहुत कम होती है. इसकी उम्र सिर्फ एक महीना होती है. लेकिन बाकी रबी और खरीफ में पैदा होने वाली फसलों की उम्र तीन से चार महीना होती है. उम्र कम होने के कारण इसे एक्‍सपोर्ट नहीं किया जा सकता है, इसके चलते ये समस्‍या पैदा होती है. बाजार में ज्‍यादा प्‍याज या आलू आने के कारण उसके दाम कम हो जाते हैं. 


क्‍या कर रही है सरकार इसका उपाय 
सूत्र बता रहे हैं कि सरकार इसके लिए गंभीरता से विचार कर रही है. दरअसल किसी भी तरह की फसल को एक्‍सपोर्ट करने के लिए तीन महीने का एडवांस समय लगता है. लेकिन इसकी उम्र 1 महीना होने के कारण इसकी प्‍लानिंग नहीं हो पाती थी. लेकिन अब इसे लेकर भी सरकार की ओर से प्‍लानिंग की जा रही है. सरकार इसकी ये प्‍लानिंग कर रही है कि इस फसल के आने से पहले ही इसे बेचने को लेकर काम कर लिया जाए, जिससे इस फसल को भी एक्‍सपोर्ट किया जा सके. इसके बाद उम्‍मीद की जानी चाहिए कि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल पाएगा. 

इस साल भी रहा कुछ ऐसा ही हाल 
ये एक बहुत पुरानी परेशानी है. इस साल भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. महाराष्‍ट्र जहां की प्‍याज बंपर पैदावार होती है वहां तो इस बार किसानों को आलू और प्‍याज के लिए 2 रुपये तक का भाव मिला है. ऐसे में सवाल सबसे बड़ा ये है कि अगर ऐसा हुआ है तो किसान की लागत मूल्‍य कहां से सामने आएगी. उसका घाटा बढ़ जाएगा. लेकिन उम्‍मीद की जानी चाहिए कि अगर इस फसल को भी एक्‍सपोर्ट करने का काम हो जाता है तो किसानों को नुकसान नहीं हो पाएगा. 
 


एयर इंडिया के बाद अब रेलवे में हुई ये शर्मनाक हरकत, सुनेंगे तो हैरान रह जाएंगे

एयर इंडिया में महिला यात्री के साथ जिस तरीके से एक यात्री ने शराब के नशे में पेशाप किया उस घटना को जिसने भी सुना वो हैरान रह गया, अब कुछ ऐसा ही मामला भारतीय रेलवे से भी निकलकर आया है.

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Tuesday, 14 March, 2023
Munna Kumar

एयर इंडिया के विमान में एक महिलाा यात्री पर उसके सहयात्री के द्वारा पेशाप करने की शर्मनाम घटना के सामने आने के बाद अब भारतीय रेलवे से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. ठीक एयर इंडिया की तर्ज पर बिहार के रहने वाले एक टीटी मुन्‍ना कुमार ने एक महिला पर पेशाप कर दिया. बताया जा रहा है कि महिला के पति भी रेलवे में कार्यरत हैं. इस घटना के सामने आने के बाद आरोपी टीटी को पुलिस ने अरेस्‍ट कर लिया है. बताया ये भी जा रहा है कि मुन्‍ना कुमार जिसने इस वारदात को अंजाम दिया वो तब छुटटी पर चल रहा था. आरपीएफ ने मुन्‍ना कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. ये ट्रेन अमृतसर से कोलकाता की ओर जा रही थी. जानकारी के अनुसार महिला A1 कोच में बैठी हुई थी. 

रात 12 बजे हुई घटना 
जानकारी के अनुसार अमृतसर के रहने वाले राजेश कुमार अपनी पत्‍नी के साथ अकाल तख्‍त साहिब ट्रेन से सफर कर रहे थे. ये ट्रेन अमृतसर से कोलकाता की ओर जा रही थी. लेकिन तभी मुन्‍ना कुमार ने महिला के ऊपर पेशाप कर दिया. इसके बाद महिला ने शोर मचाया तो लोगों ने मुन्‍ना कुमार को पकड़ लिया. लोगों का कहना है कि जिस वक्‍त ये हादसा हुआ उस वक्‍त मुन्‍ना कुमार नशे में धुत्‍त था. इसके बाद राजेश कुमार की शिकायत पर पुलिस ने मुन्‍ना कुमार को अरेस्‍ट कर लिया. 
 

इससे पहले फलाईट में भी सामने आ चुकी है ऐसी घटना 
इससे पहले एयर इंडिया में भी इस तरह का वाकया सामने आ चुका है. जहां न्‍यूयॉर्क से दिल्‍ली आ रही एक बुजुर्ग महिला पर उसके सहयात्री ने शराब के नशे में पेशाप कर दिया था. हालांकि बाद में आरोपी शंकर मिश्रा को गिरफतार कर लिया गया. लेकिन महिलाओं के साथ इस तरह की ये दूसरी घटना है. एयर इंडिया वाली घटना में महिला की शिकायत के बाद एयर इंडिया ने उस यात्री की यात्रा पर बैन भी लगा दिया था. 
 


वित्‍त मंत्री ने लोकसभा में बताया अडानी की कंपनियों में LIC  का है कितना पैसा ?  

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी की फर्मों में LIC का निवेश जांच के दायरे में आ गया है.  क्‍योंकि रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी फर्मों के सूचीबद्ध शेयरों में 50% से अधिक की गिरावट आई है.

Last Modified:
Monday, 13 March, 2023
LIC

जब से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई है और अडानी के शेयरों में गिरावट हो रही है तब से लगातार विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साध रहा है. विपक्ष का आरोप है कि अडानी की फर्मों को हुए नुकसान में एलआईसी के निवेश को भी खतरा पैदा हो गया है. सोमवार को संसद के पहले दिन वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया कि मौजूदा समय में एलआईसी कितने नुकसान में है. वित्‍त मंत्री ने कहा कि दिसंबर 2022 में ये बकाया 6,347 करोड़ रुपये था जो 5 मार्च, 2023 को 6,183 करोड़ रुपये हो गया है. 


LIC ने सरकार को दी जानकारी 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा को बताया कि  भारतीय जीवन बीमा निगम ने सरकार को जानकारी दी है कि 31 दिसंबर, 2022 और 5 मार्च, 2023 तक अडानी समूह की फर्मों के लिए उसका ऋण जोखिम कितना रह गया है. दिसंबर में ये 6,347 करोड़ रुपये था जबकि 5 मार्च को ये 164 करोड़ घटकर 6,183 करोड़ रुपये हो गया है. वित्‍त मंत्री ने एक लिखित उत्तर में कहा‍ कि अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड में एलआईसी का बकाया ऋण 31 दिसंबर, 2022 को 5,553 करोड़ रुपये के मुकाबले 5 मार्च, 2023 तक 5,388.6 करोड़ रुपये रह गया है. सरकार ने शनिवार को एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार का कार्यकाल नहीं बढ़ाने का फैसला किया. वित्‍त मंत्री ने ये भी कहा कि पांच सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों ने जानकारी दी है कि इन कंपनियों के पास अडानी फर्मों के लिए कोई ऋण/क्रेडिट जोखिम नहीं है.


50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के कारण शुरू हुई जांच 
अडानी फर्मों में एलआईसी का निवेश तब से गहन जांच के दायरे में आया है जब से इस समूह के सूचीबद्ध शेयरों में 50% से अधिक की गिरावट आई है, क्योंकि अमेरिकी लघु विक्रेता हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा इसके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे.  मंत्री ने इस सवाल का भी जवाब दिया कि विभिन्न बैंकों ने अडानी समूह फर्मों को ऋण/क्रेडिट जोखिम की वसूली में शामिल जोखिमों का आकलन किया है. उन्‍होंने जवाब देते हुए कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने जानकारी दी है कि वो किसी भी कंपनी का लोन तभी मान्‍य करते हैं जब प्रोजेक्‍ट वॉयबिलिटी, संभावित कैश प्रवाह, रिस्‍क फैक्‍टर और पर्याप्त सुरक्षा की उपलब्धता और ऋणों की चुकौती की उपलब्धता का आकलन किया जाता है , न कि परियोजना द्वारा उत्पन्न रेवेन्‍यू द्वारा सुनिश्चित किया जाता है. 


विपक्ष लंबे समय से मांग रहा है सरकार से ब्‍यौरा 
जब से अडानी फर्मो को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई है तब से लगातार विपक्ष सरकार पर हमलावर है. वो लगातार सरकार से एलआईसी और दूसरे बैंकों के निवेश की जानकारी मांग रहा है. हालांकि सरकार ने इससे पहले भी ये जानकारी दी है लेकिन अब वित्‍त मंत्री ने अगर ये लोकसभा में कहा है तो उसके बाद उम्‍मीद की जानी चाहिए कि ये विवाद थम जाएगा. 
 


क्‍या इस साल फिर गर्मियों में होने जा रही है कोयले की कमी? ऐसा हुआ तो जाएगी बिजली 

कोयले की आमद में कमी की खबरें पिछले साल जमकर सामने आई थी, इस साल तापमान में अभी से इजाफा हो गया है और जून-जुलाई में बिजली की मांग बढ़ने का पुर्वानुमान अभी से जताया जा चुका है.

Last Modified:
Saturday, 11 March, 2023
coal shortage

पिछले साल गर्मियों में हम सभी ने देखा था कि किस तरह से कोयले की कमी की खबरों के बीच देश के कई राज्‍यों में बिजली का संकट पैदा हो गया था. इस बार भी कुछ ऐसा ही होने की आशंका पैदा हो गई है. पावर मंत्रालय ने सभी बिजली कंपनियों को इस बात की सूचना दी है कि इस साल कोयले के उत्‍पादन में 20 मिलियन टन की कमी हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऐसा कहा गया है कि विद्युत मंत्रालय ने इस बाबत सभी स्‍टेकहोल्‍डरों को एक प्रजेंटेशन के जरिए इसकी जानकारी दी है. 

एक मीटिंग के दौरान दी गई जानकारी 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जानकारी दी गई है कि विद्युत मंत्रालय के साथ सभी स्‍टेकहोल्‍डरों की हुई एक मीटिंग में प्रजेंटेशन के जरिए ये जानकारी दी गई है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी को बताया गया है कि वित्‍त वर्ष 2023-24 के पहले क्‍वार्टर में कोयले की कमी हो सकती है. मंत्रालय ने ये भी बताया है कि कोयले के साथ-साथ रेलवे के रैक्‍स की भी कमी है, जिसके कारण इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

इस साल अभी से बढ़ चुका है तापमान 

इस साल फरवरी महीने से ही तापमान में इजाफा हो चुका है. हर साल गर्मी की शुरुआत सामान्‍य तौर पर मार्च अंत और अप्रैल शुरू से होती है लेकिन इस साल फरवरी में ही तापमान में इजाफा हो चुका है ऐसे में अगर जून जुलाई में तापमान अपने पीक पर जाता है और दूसरी ओर कोयले की कमी होती है तो एक बार फिर बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है. इस बढ़ते तापमान के कारण बिजली की मांग में पहले ही इजाफा हो चुका है और पीक महीनों में इसमें और इजाफा होने की संभावना है. 

पिछले साल भी हुई थी भारी कमी 

पिछले साल भी देश में कोयले की भारी कमी की खबरें सामने आई थी. कहा गया था कि कुछ ही दिनों का कोयला बचा है. इसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने भी जमकर सियासत की थी. हालांकि बिजली मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है. यही नहीं रेलवे ने भी कहा था कि कोयले की मांग और खपत 20 प्रतिशत बढ़ी है.  
 


UP सरकार ने की कार की उम्र तय, कहीं आपकी गाड़ी की भी तो नहीं हो गई Retirement Age!

यूपी में स्‍क्रैप पॉलिसी के लागू होने के बाद जहां आपको पुराने वाहन पर रोड टैक्‍स में छूट मिल पाएगी वहीं दूसरी ओर इससे राज्‍य में नौकरी के भी नए अवसर पैदा होंगे.

Last Modified:
Friday, 10 March, 2023
Scrap Policy

क्‍या आपके पास भी कोई ऐसी कार है जो 15 साल पुरानी है, अगर है तो समझ लीजिए कि उसके Retirement Age आ गई है.  यूपी सरकार ने 15 साल पुरानी गाडि़यों के स्‍क्रैप सेंटर जाने का रास्‍ता साफ कर दिया है. योगी आदित्‍यनाथ सरकार की कैबिनेट ने वाहनों की स्‍क्रैप पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. इस पॉलिसी के तहत अब राज्‍य में स्‍क्रैप सेंटर खोले जा सकेंगे जहां 15-20 साल पुराने वाहनों को स्‍क्रैप किया जा सकेगा. सरकार ने कहा है कि 15 साल से पुरानी गाड़ी को स्‍क्रैप कराते हैं तो उनकी पैनल्‍टी पर 50 प्रतिशत तक राहत दी जाएगी और 20 साल से ऊपर के वाहनों को सरकार ने 75 प्रतिशत से ज्‍यादा रिबेट देने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है. इस पॉलिसी के जरिए सरकार का मकसद है राज्‍य में से 15 से 20 साल पुराने वाहनों को हटाया जाए और प्रदूषण में भी कमी लाई जा सके. अगर 


जानिए कितने सरकारी वाहन होंगे स्‍क्रैप 
दरअसल वाहनों की इस स्‍क्रैपिंग पॉलिसी को केन्‍द्र सरकार लेकर आई थी जिसके तहत 15-20 साल से ऊपर के वाहनों को सड़कों से हटाया जा सके. इसके बाद इस पॉलिसी को सभी राज्‍यों को अपने वहां भी पास कराना था. इसी कड़ी में यूपी सरकार ने आज इसे कैबिनेट से अप्रूवल दे दिया है. इसकी जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि इसके बाद अब यूपी में खुद 5000 सरकारी वाहनों को भी स्‍क्रैप किया जा सकेगा. इस पॉलिसी के तहत सभी तरह के वाहनों को स्‍क्रैप किया जा सकेगा. इसमें प्राइवेट, कमर्शियल और सरकारी वाहन शामिल होंगे.


स्‍क्रैप पॉलिसी से क्‍या होगा फायदा 
यूपी की योगी सरकार ने जिस स्‍क्रैप पॉलिसी को आज मंजूरी दी है उससे सबसे बड़ा फायदा यूपी पुलिस को होने जा रहा है. क्‍योंकि यूपी पुलिस के थानों में कई वाहन ऐसे हैं जो पिछले कई सालों से पड़े हुए हैं लेकिन सरकार की किसी पॉलिसी के न होने के कारण उन्‍हें नष्‍ट किए जाने का कोई तरीका नहीं था. यही नहीं यूपी में अभी अनुमान के अनुसार ऐसे वाहन बड़ी संख्‍या में हैं जो अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं. इस पॉलिसी के आने के बाद उन सभी को नष्‍ट किया जा सकेगा. 


नए पार्ट्स के दामों में होगी कमी 
जानकार कहते हैं कि जब पूरे देश में स्‍क्रैप सेंटर खुल जाएंगे उसके बाद बड़ी संख्‍या में वाहनों के डिस्‍पोज होने के बाद मेटल के दामों में भी कमी होने की संभावना है. यही नहीं आज मौजूदा समय में हम देख रहे हैं कि जो वाहन अपनी उम्र को पूरी कर चुके हैं वो फिर भी चल रहे हैं. लेकिन एक बार स्‍क्रैप होने के बाद ऑटोमोबाइल सेक्‍टर में भी तेजी आने की उम्‍मीद है.
 


खुलने जा रहा है आश्रम फ्लाईओवर, आप उठा पायेंगे इसका फायदा?

ट्रैफिक पुलिस का मानना है कि इस फ्लाईओवर के खुलने से बारापुला एलिवेटेड रोड के ट्रैफिक में 15-20% तक की कमी आ सकती है. दिल्ली पुलिस ने नागरिकों की सुविधा के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की है.

Last Modified:
Monday, 06 March, 2023
Ashram Flyover

साउथ दिल्ली को नोएडा और फरीदाबाद से जोड़ने वाला आश्रम-DND (दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाई वे) फ्लाईओवर, आज शाम 5 बजे से मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा उदघाटन के बाद हल्के वाहनों (कार, मोटरसाईकल, स्कूटी, पिक-अप ट्रक और मिनीवैन) वाले यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा. 1.5 किलोमीटर लंबा यह पुल, मथुरा रोड को रिंग रोड से भी जोड़ता है जिसकी वजह से लाजपत नगर से सराय काले खान जाने वाले यात्रियों के लिए भी यात्रा आसान होगी.
 

2 महीनों से ज्यादा समय तक बंद था फ्लाईओवर  
आश्रम फ्लाईओवर और DND के बीच रोड बनाये जाने के चलते लगभग पिछले दो महीनों से पुल की दोनो साइड्स को बंद रखा गया था. दिल्ली और नोएडा के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को इस फ्लाईओवर के बंद होने की वजह से ‘बारापुला फ्लाईओवर’ से यात्रा करनी पड़ रही थी. फ्लाईओवर के दोबारा खुल जाने से यात्री आश्रम चौक और DND के बीच स्थित सभी सिग्नल्स को पार करते हुए बहुत ही आराम से यात्रा कर पायेंगे और इससे ट्रैफिक का संचालन भी और आरामदायक हो जाएगा. ट्रैफिक पुलिस का अनुमान है कि इस फ्लाईओवर के खुल जाने के बाद बारापुला एलिवेटेड रोड पर ट्रैफिक में 15 से 20% तक की कमी आ सकती है. ट्रैफिक का संचालन और अधिक सुविधापूर्ण हो इसके लिए दिल्ली पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी कर फ्लाईओवर पर चलने वाले वाहनों की अनुमति के बारे में बताया है. 
 

फ्लाईओवर पर चल सकेंगे केवल यह वाहन 
1.    DND से AIIMS, चिराग दिल्ली, ग्रेटर कैलाश, गुरुग्राम, कालकाजी, खानपुर, सफदरजंग, और साकेत जाने वाले हल्के वाहन बारापुला फ्लाईओवर की बजाय आश्रम फ्लाईओवर का इस्तेमाल कर सकते हैं. 
2.    AIIMS, चिराग दिल्ली, धौला कुआं, ग्रेटर कैलाश, गुरुग्राम, INA, कालकाजी, खानपुर, साकेत और सफदरजंग जैसी जगहों से गाजियाबाद, नोएडा, सराय काले खान, और यमुनापार के इलाकों की तरफ जाने वाले हल्के वाहन अब बारापुला फ्लाईओवर की बजाय आश्रम फ्लाईओवर का इस्तेमाल कर सकते हैं. 
3.    बस एवं ट्रक जैसे भारी वाहन इस पुल पर चलाने की अनुमति नहीं है.
 

इन वजहों से निर्माण कार्य में हुई देरी 
इसके साथ-साथ दिल्ली पुलिस द्वारा जारी की गयी एडवाइजरी में सराय काले खान से आने वाले यात्रियों को आश्रम फ्लाईओवर इस्तेमाल न करने की सलाह दी गयी है. एडवाइजरी में कहा गया है कि असुविधा न हो इसके लिए लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों में ड्यूटी पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों द्वारा दिए गए दिशा निर्देश भी मानने चाहिए. हालांकि दिल्ली सरकार द्वारा दिसंबर 2019 में ही फ्लाईओवर पर निर्माण कार्य करने की अनुमति दे दी गयी थी और दिसंबर 2020 में इस फ्लाईओवर पर काम शुरू भी हो गया था लेकिन कोविड महामारी के दौरान की गयी तालाबंदी और बढ़ते प्रदूषण से बार बार निर्माण कार्य रुकने की वजह से इस कार्य में देरी हुई है. 
 

यह भी पढ़ें:  खाद्य पदार्थों की कमी से हो सकता है भयावह अकाल

 


लापरवाही के लिए भुगतान करेगा SBI, जानिए क्‍या है पूरा मामला? 

स्टेट कंज्यूमर फोरम ने SBI बैंक को शिकायतकर्ता को एटीएम का CCTV फुटेज प्रदान करने में विफल रहने और समय पर उसका ATM कार्ड ब्लॉक न करने के कारण लापरवाह माना है.

Last Modified:
Friday, 03 March, 2023
SBI

ऐसा कम ही सुनने को मिलता है जब किसी बड़े बैंक को उसकी लापरवाही के लिए अपने उपभोक्‍ता को भुगतान करना पड़ता हो. लेकिन दिल्‍ली के जिला कंज्‍यूमर फोरम के सुनाए एक ऐसे ही फैसले को स्‍टेट कंज्‍यूमर फोरम ने बरकरार रखा है. दिल्‍ली स्‍टेट कंज्‍यूमर फोरम की जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की अध्यक्षता वाली और पिंकी की सदस्यता वाली बेंच ने जिला फोरम के उस आदेश को बरकरार रखा है. जिला कंज्‍यूमर फोरम ने अपने आदेश में एसबीआई बैंक को लापरवाही के लिए मुआवजा देने का निर्देश दिया गया था. क्योंकि यह शिकायतकर्ता को एटीएम की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने में विफल रहा और  उसका एटीएम कार्ड भी समय पर ब्लॉक करने में विफल रहा. 


जानिए क्‍या था पूरा मामला 
इस मामले के तहत हुआ कुछ ऐसा कि एक शिकायतकर्ता ने पैसे निकालने के लिए एसबीआई एटीएम गई  लेकिन उसके कार्ड से ट्रांजिक्‍शन नहीं हो पाई. लेकिन तभी उसी समय कोई अज्ञात व्यक्ति एटीएम में घुस गया और कहा कि वह शिकायतकर्ता के लिए पैसे निकाल लेगा. वह जबरदस्ती उसका कार्ड ऑपरेट करने लगा. शिकायतकर्ता द्वारा पासवर्ड का बटन पहले ही दबाया जा चुका था लेकिन  एटीएम से पैसे नहीं आए थे. इसके बाद शिकायतकर्ता एक्सिस बैंक के एटीएम में गया और मशीन में एटीएम डाला, लेकिन स्क्रीन पर गिरजेश गुप्ता नाम दिखाई दिया. शिकायतकर्ता तुरंत घटना की शिकायत करने बैंक गई लेकिन उसकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उन्हें अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए लंबी लाइन में खड़े होने को कहा गया. नतीजतन, जब तक शिकायतकर्ता का एटीएम कार्ड ब्लॉक होता तब तक उसके खाते से 40 हजार रुपये निकाले जा चुके थे.


सीसीटीवी फुटेज नहीं दे सका बैंक 
शिकायतकर्ता की शिकायत पर बाद में एक प्राथमिकी दर्ज की गई क्योंकि उस व्यक्ति ने फिर से कई बार कार्ड का इस्तेमाल किया था. लेकिन शिकायतकर्ता केअनुरोध पर भी बैंक ने घटना का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराया और कहा कि कुछ तकनीकी त्रुटि थी जिसके कारण वो फुटेज नहीं दे सकते हैं. बाद में शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत लोकपाल से भी की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसके बाद शिकायतकर्ता ने मुआवजे के साथ 40,000 रुपये की वापसी के लिए जिला फोरम का दरवाजा खटखटाया. इसके बाद मामले की सुनवाई हुई और जिला मंच ने बैंक को 6% प्रति वर्ष के ब्याज पर 40,000 रुपये की राशि वापस करने का निर्देश दिया. 8.05.2012 से वसूली की तारीख तक और आगे बैंक को मानसिक उत्पीड़न और मुकदमेबाजी शुल्क के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया.

परिणामस्वरूप बैंक ने जिला फोरम के आदेश को रद्द करने के लिए राज्य फोरम का दरवाजा खटखटाया. बैंक ने कहा कि शिकायतकर्ता ने स्वयं अपना एटीएम कार्ड एक अज्ञात व्यक्ति को सौंप दिया था और जब तक वह घटना की शिकायत करने के लिए बैंक पहुंची, तब तक 40,000 की राशि काट ली जा चुकी थी. जबकि शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने अपना कार्ड किसी अज्ञात व्यक्ति को नहीं दिया था, यह उससे जबरन लिया गया था. उसने आगे कहा कि अगर बैंक ने उसका कार्ड समय पर ब्लॉक कर दिया होता तो उसके पैसे नहीं काटे जाते. उसने आगे कहा कि बैंक उसे एटीएम में घटना का सीसीटीवी फुटेज देने में भी विफल रहा, जिससे उसका कार्ड जबरन लेने वाले व्यक्ति की पहचान करना मुश्किल हो गया.

अदालत ने बैंक पर लगाया जुर्माना 
स्टेट फोरम ने पाया कि क्या बैंक वास्तव में कार्ड को समय पर ब्लॉक न करके और सीसीटीवी फुटेज को बनाए नहीं रखकर शिकायतकर्ता प्रतिवादी को अपनी सेवाएं प्रदान करने में विफल रहा है. पीठ ने कहा कि यहां प्रतिवादी ने घटना के बारे में पुलिस शिकायत की और बैंकिंग लोकपाल के समक्ष भी शिकायत की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. वर्तमान मामले में जहां एक निर्दोष नागरिक अपने बुढ़ापे के कारण धोखाधड़ी के लिए अतिसंवेदनशील है, वह बदमाशों के दुष्कर्मों का शिकार हो गया था.  स्टेट फोरम ने पाया कि एटीएम में सीसीटीवी का प्राथमिक उद्देश्य धोखाधड़ी की ऐसी घटनाओं को रोकना है. स्‍टेट फोरम ने शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए जिला फोरम के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें बैंक को 6% प्रति वर्ष के ब्याज पर 40,000 रुपये की राशि वापस करने का निर्देश दिया गया था. 8.05.2012 से वसूली की तारीख तक और बैंक को मानसिक उत्पीड़न और मुकदमेबाजी शुल्क के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया.


बिना Insurance चलने वालों के लिए सरकार बना रही है नया प्‍लान , जानिए क्‍या है ये नया नियम  

सरकार का यह कदम सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए तत्काल धन सुनिश्चित करेगा, इस प्रकार भारतीय सड़कों पर होने वाली मौतों को कम करने में मदद करेगा.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 28 February, 2023
Last Modified:
Tuesday, 28 February, 2023
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देश के सभी राजमार्गों में बिना इंश्‍योरेंस पॉलिसी चलने वाले वाहनों के लिए अब सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है. जो लोग राजमार्गों पर बिना बीमा वाले  वाहनों के साथ चलते पाए जाएंगे उन्‍हें ऑन-द-स्पॉट बीमा कवर की पेशकश की जा सकती है. सरकार एक योजना पर काम कर रही है जिसमें अगर आपकी गाड़ी बिना इंश्‍योरेंस के सड़क पर चलती हुई पाई जाती है तो ऑन द स्‍पॉट इंश्‍योरेंस करके कार मालिक के फास्टैग खाते से प्रीमियम काट लिया जाएगा. 

सरकार क्‍यों ला रही है ये योजना 
सरकार बिना इंश्‍योरेंस वाले वाहनों के लिए ये पॉलिसी इसलिए लेकर आ रही है क्‍योकि हमारे देश में बिना बीमा के सड़क पर चलने वाले वाहनों की संख्‍या में बड़ा इजाफा हुआ है. एक आंकड़े के अनुसार ये सभी वाहनों का 40-50% होने का अनुमान है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार  केंद्र एक ऐसे सिस्‍टम पर काम कर रहा है जिन लोगों की बिना पॉलिसी की गाड़ी को ट्रैफिक पुलिस या ट्रांसपार्ट अथॉरिटी के द्वारा अगर पहली बार इंपाउंड किया जाता है तो उन मोटर वाहन मालिकों के लिए अनिवार्य थर्ड पार्टी बीमा कवर प्रदान किया जाएगा. थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस दुर्घटना में पीड़ितों के लिए चिकित्सा और उपचार व्यय को कवर करता है.

ऑन द स्‍पॉट दी जाएगी बीमा पॉलिसी 
अगर किसी वाहन को बिना बीमा के पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी अपने हैंड हैंडल मशीनों से पकड़ते हैं तो वो वहीं पर ट्रांसपोर्ट विभाग के एप वाहन के जरिए बिना बीमा की गाड़ी का इंश्‍योरेंस कर दिया जाएगा. ये उन कंपनियों से कराया जाएगा जो ट्रांसपोर्ट विभाग की नेटवर्क से कनेक्‍ट होंगी. उनका यहां ऑन द स्‍पॉट थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस किया जाएगा. उन्होंने कहा, ऑन-द-स्पॉट पॉलिसियों के प्रीमियम के तत्काल भुगतान के लिए, बैंकों के साथ-साथ बीमा कंपनियों को भी फास्टैग प्लेटफॉर्म पर लाया जा सकता है, जिसमें फास्टैग बैलेंस से प्रीमियम काटा जा सके. जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (जीआईसी) के एक अधिकारी ने कहा कि काउंसिल की बैठक में स्पॉट इंश्योरेंस पर भी चर्चा की गई थी और इस पर एक्‍शन के लिए सिफारिशें तैयार की जा रही हैं और 17 मार्च की बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी. GIC गैर-जीवन बीमा इंडस्‍ट्री की एक यूनिट जो सरकारी को नीति बनाने मे सलाह देता है.


इंश्‍योरेंस के लिए कितना देना होगा अमाउंट 
इस योजना के अनुसार सरकार ने बीमा की कीमतों को गाडि़यों के इंजन की क्षमता के आधार पर बांटा है. थर्ड पार्टी बीमा का प्रीमियम वाहनों के आकार और उम्र पर निर्भर करता है, अगर आपकी गाड़ी 1000cc तक है तो उसके लिए आपको ₹2,072 का अमाउंट देना होगा, इसी तरह 1000-1500cc  वाहनों के लिए ₹3,221 और 1,500cc  इंजन वाले वाहनों के लिए ₹7,890 अमाउंट देना पड़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने कहा है कि इस प्रस्ताव पर जल्द ही कोई रास्ता निकाला जाएगा, और भारतीय सड़कों को सुरक्षित बनाने के बड़े लक्ष्य के लिए बीमा, परिवहन और अभियोजन एजेंसियों के सही एकीकरण में लाने के लिए राज्य सरकारों को भी शामिल किया जाएगा.


IRDAI पहले ही दे चुका है अप्रूवल 
इस मामले को लेकर बीमा नियामक IRDAI ने पहले ही बीमा कंपनियों को जब्त वाहनों के लिए अस्थायी या शॉट टर्म मोटर बीमा जारी करने की अनुमति दे दी है. इस कानून से जुड़े सभी कानूनी मुद्दों का अध्ययन किया जा रहा है, और यदि आवश्यक हुआ  तो,  प्रस्ताव के रोल-आउट की अनुमति देने के लिए मोटर वाहन अधिनियम और बीमा नियमों में संशोधन किया जा सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में सड़क पर मारे जाने वाले 10 में से कम से कम एक व्यक्ति भारत का है.
 


आलूू-प्‍याज के दाम हुए इतने कम, निकला किसानों का दम !

हर साल दिसंबर जनवरी में नई फसल आनी शुरू हो जाती है लेकिन इस बार देरी से फसल लगाए जाने के कारण ऐसा नहीं हो सका, इसलिए मंडियों में अब फसल एकसाथ आ रही है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 28 February, 2023
Last Modified:
Tuesday, 28 February, 2023
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इस साल आलू और प्‍याज की इतनी पैदावार हुई है कि इसने किसानों को परेशानी में डाल दिया है. हालात ये हैं कि आलू और प्‍याज की कीमतें मंडी में बहुत कम हो गई हैं, महाराष्‍ट्र जैसी मंडियों में आलू, प्‍याज की कीमत 3-4 रुपये तक जा पहुंची है, इन कीमतों ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है. किसान को उसकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक ओर देश में इतनी ज्‍यादा पैदावार हुई है जबकि दूसरी ओर क्‍या इस पैदावार का असर बाजार में भी देखने को‍ मिल रहा है. क्‍या आम आदमी को आलू और प्‍याज सस्‍ते में मिल रहा है. 

आखिर कितनी हुई है आलू-प्‍याज की पैदावार 
मुंबई एपीएमसी से जुड़े एक कारोबारी ने बिजनेस वर्ल्‍ड को बताया कि इस बार सितंबर में बारिश होने के कारण आलू और प्‍याज की पैदावार थोड़ी देरी से लगाई गई थी जिसके बाद इस वक्‍त अब यूपी की मंडियों में सभी जगहों से आलू की बंपर फसल मंडी में पहुंच रही है. इसका नतीजा ये हुआ है कि फर्रुखाबाद जैसी मंडी में आलू 400 रुपये क्विंटल से लेकर 700 रुपये क्विंटल तक बिक रहा है. इस वक्‍त सभी किसान आलू की बंपर फसल मंडी में लेकर आ रहे हैं. हर साल दिसंबर और जनवरी से नया आलू आना शुरू हो जाता था लेकिन इस बार नहीं हो पाया. इसके कारण अब यूपी की सभी बड़ी मंडियों में आलू आ रहा है और वो 4 रुपये किलो से 6 रुपये किलो तक बिक रहा है. 

आखिर क्‍या है प्‍याज का भाव 
मंडी के एक शख्‍स ने बताया कि आलू की तरह प्‍याज की भी पैदावार जमकर हुई है. समूचे महाराष्‍ट्र में प्‍याज की फसल की बंपर पैदावार हुई है, इस साल सर्दियों में ज्‍यादा बारिश नहीं हुई तो उससे फसल और अच्‍छी पैदा हुई है. इसके कारण लासनगांव सहित सभी मंडियों में जमकर प्‍याज आ रहा है उसी का नतीजा है कि प्‍याज 300 रुपये किलो से लेकर 1100 रुपये किलो तक बिक रहा है. प्‍याज का दाम उसकी क्‍वालिटी पर निर्भर करता है. 

क्‍या बाजार पर दिख रहा है इसका असर 
आलू और प्‍याज की बंपर पैदावार की खबरों के बीच इसका महत्‍वपूर्ण पहलू ये है कि क्‍या आम आदमी को इसका फायदा मिल रहा है या नहीं. दिल्‍ली एनसीआर के बाजारों के बात करें तो बंपर पैदावार का असर आलू के दामों में तो दिख रहा है. आलू दिल्‍ली एनसीआर में 10 रुपये किलो तक मिल रहा है. लेकिन प्‍याज की कीमतों मे कोई खास असर नहीं दिखाई दे रहा है. प्‍याज अभी भी बाजार में 20 रुपये किलो तक ही मिल रहा है. 

क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट 
आलू प्‍याज की इन कीमतों को लेकर कमोडिटी एक्‍सपर्ट अजय केवड़िया कहते हैं कि फसल की पैदावार बंपर होने के कारण इस तरह के दाम दिखाई दे रहे हैं. लेकिन आने वाले दिनों में जैसे ही शादी ब्‍याह का सीजन शुरू होगा वैसे ही डिमांड में इजाफा हो जाएगा. एक बार इजाफा होने के बाद फिर दाम अपनी जगह पर आ जाएंगे.

क्‍या कम हाेने जा रहे हैं आटे के दाम?