अगर आप भी आने वाले दिनों में हवाई सफर करने जा रहे हैं तो आपके लिए काम की खबर है. दरअसल देश के कई ऐसे रूट हैं जहां आप मात्र 150 रुपये में हवाई सफर कर सकते हैं.
महंगी फ्लाइट की टिकट के चलते प्लेन में बैठना आज भी कई लोगों के लिए एक सपने जैसा है, लेकिन अब यह सपना पूरा हो सकता है. क्योंकि केंद्र सरकार की उड़ान स्कीम के तहत अब देश का आम आदमी भी उड़ान भर सकता है. यात्रियों द्वारा असम के लिए सिर्फ 150 रुपय में हवाई सफर किया जा रहा है और यह देश की सबसे सस्ती फ्लाइट है. उड़ान स्कीम के तहत विमानन कंपनी एलायंस एयर (Alliance Air) यह खास सुविधा दे रही है. यह फ्लाइट तेजपुर से लेकर लखीमपुर जिले के लीलाबरी एयरपोर्ट तक उड़ती है. कंपनी की इस रूट पर रोजाना दो उड़ाने जाती है जो पिछले 2 महीने से फुल चल रही है.
क्या है ये ऑफर?
केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही उड़ान स्कीम के तहत आपको इन सस्ती फ्लाइट्स के सफर का मजा मिल रहा है. इसमें सिर्फ 150 रुपये का भुगतान करके आप असम में लीलाबाड़ी से तेजपुर तक 50 मिनट का हवाई सफर कर सकते हैं. सिर्फ इसी मार्ग पर नहीं, ऐसी कई उड़ानें हैं जहां टिकट का मूल किराया 1,000 रुपये से भी कम है. ट्रैवल पोर्टल 'ixigo' के मुताबिक, कम से कम 22 ऐसे डेस्टिनेशन हैं, जहां मूल हवाई किराया 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति से कम है.
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अन्य राज्यों के लिए भी मिल रहा है ऑफर
देश के कई मार्गों पर क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) के तहत परिचालित उड़ानों की अवधि लगभग 50 मिनट है. अधिकतर मार्ग जहां मूल हवाई किराया 150 रुपये से 199 रुपये प्रति व्यक्ति के बीच है, ये पूर्वोत्तर और दक्षिण क्षेत्र में हैं. दक्षिण में बेंगलुरु-सलेम, कोचीन-सलेम जैसे मार्ग भी हैं जहां मूल टिकट की कीमतें इस सीमा में हैं. गुवाहाटी और शिलॉन्ग से आने-जाने वाली उड़ानों के लिए मूल किराया 400 रुपये है. इम्फाल-आइजोल, दीमापुर-शिलॉन्ग और शिलॉन्ग-लीलाबाड़ी उड़ानों के लिए, हवाई किराया 500 रुपये है. बेंगलुरु-सलेम उड़ान में मूल टिकट किराया 525 रुपये है. वहीं गुवाहाटी-पासीघाट उड़ान के लिए मूल हवाई किराया 999 रुपये है और लीलाबाड़ी-गुवाहाटी मार्ग के लिए यह 954 रुपये है.
इतनी सस्ती कैसे?
ये उन मार्गों में से हैं जहां मांग कम है और अन्य परिवहन माध्यमों से इन जगहों पर 5 घंटे से अधिक समय में पहुंचा जा सकता है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के अनुसार, 31 मार्च, 2024 तक क्षेत्रीय संपर्क योजना यानी UDAN के तहत 559 मार्गों को चिन्हित किया गया है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने बताया कि इस रूट पर किराए को किफायती बनाने के लिए उड़ान योजना के तहत एयरलाइंस को वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) दी जा रही है. इससे कंपनी को मूल किराए में हुए नुकसान की भरपाई हो जाती है. इसके अलावा इन उड़ानों के लिए कोई लैंडिंग या पार्किंग शुल्क नहीं है.
UDAN Scheme का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार शुरुआत से देश में हवाई संपर्क बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसके लिए पीएम मोदी ने 2017 में ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (UDAN) योजना शुरू की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उड़ान योजना का उद्देश्य कम सेवा वाले या बिना सेवा वाले हवाई अड्डे पर नियमित उड़ान की संख्या बढ़ाना है. उड़े देश का आम नागरिक या उड़ान योजना का मकसद देश में क्षेत्रीय स्तर पर हवाई संपर्क को बढ़ाना है. केंद्र सरकार उड़ान योजना के तहत देश में छोटे-छोटे हवाई अड्डे विकसित करना चाहती है. UDAN योजना के तहत, टियर 2 और टियर 3 शहरों में लोग केवल 2500/– प्रति घंटे की दर से उड़ान योजना के तहत हवाई यात्रा कर सकते हैं.
खराब क्वालिटी के स्टेनलेस स्टील के बर्तन कुछ साल बाद ही टूटने या कटने लगते हैं. ऐसे में बर्तनों की क्लालिटी बरकरार रखने के लिए स्टेनलेस स्टील के बर्तनों में ISI मार्क अनिवार्य कर दिया है.
अगर आपके घर पर रखे स्टेनलेस स्टील के बर्तन कटने या टूटने लगे हैं, तो इसका मतलब ये है कि वो खराब क्वालिटी के स्टील से बने हैं. अक्सर हम देखते हैं कि इस्तेमाल के बाद स्टील के बर्तन कुछ महीनों या साल में ही कटने या टूटने लगते हैं, लेकिन अब से जो भी स्टील के बर्तन आप खरीदेंगे, वह न तो कटेंगे ना ही टूटेंगे. दरअसल, सरकार ने स्टेनलेस स्टील के बर्तनों पर आईएसआई (ISI) मार्क अनिवार्य कर दिया है. बता दें, भारतीय मानक संस्थान (ISI) चिह्न भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा विकसित किया गया है, जो उत्पाद की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है.
इस महीने लागू हुआ यह फैसला
एक्सपर्ट्स के अनुसार भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने ग्राहकों की सुरक्षा और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से यह फैसला किया है. बीआईएस के इस फैसले को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने इसे लेकर गजट नोटिफकेशन भी जारी कर दिया है. सरकार का यह फैसला इसी महीने यानी एक सितंबर से लागू कर दिया गया है.
इसलिए गया ये फैसला
बीआईएस द्वारा स्टील के बर्तनों पर आईएसआई मार्क अनिवार्य करने का उद्देश्य ग्राहकों की सुरक्षा है. साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि बाजार में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद ही बिके. अब तक घरों में उपयोग होने वाले स्टेनलेस स्टील के बर्तनों, रसोई घर में काम आने वाले यूटेंसिल्स और कुकवेयर के निर्माण के लिए अभी तक कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं था, इसलिए गुणवत्ता विहीन प्रोडक्ट भी मार्केट में खुलेआम बिक रहे थे, लेकिन अब सरकार की तरफ से जो क्वालिटी कंट्रोल आर्डर (QCO) आया है, उसके अनुसार रसोई घर के बर्तनों के लिए ISI मार्क अनिवार्य कर दिया गया.
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स्टेनलेस स्टील और एल्यूमीनियम बर्तनों के लिए दो अलग अलग स्टैंडर्ड
बीआईएस ने रसोईघर के बर्तन एवं अन्य साजो-सामान के लिए हाल ही में स्टैंडर्ड तैयार किया है. इनमें स्टेनलेस स्टील के लिए आईएस 14756:2022 और एल्यूमीनियम के बर्तनों के लिए आईएस 1660:2024 शामिल हैं. अब जो भी इन धातु के बर्तन बनाएंगे, उन्हें सरकार के इन निर्देशाों का पालन करना होगा.
सरकार ने कहा कि इस कदम से ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा. इसके साथ बर्तन निर्माताओं को बेस्ट प्रेक्टिसेज अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
बिना ISI मार्क के नहीं होगी बिक्री
सरकार की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार अब बिना आईएसआई निशान (ISI Mark) के किसी भी तरह के स्टेनलेस स्टील या एल्यूमीनियम के बर्तनों के निर्माण, आयात, बिक्री, वितरण, भंडारण या बिक्री नहीं हो सकती है. यहां तक कि सरकार ने बिना आईएसआई निशान के बर्तनों की प्रदर्शनी पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
अब तक ईपीएफओ (EPFO) में जमा रुपये निकालने की लिमिट 50 हजार रुपए तक की ही थी, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाने का फैसला लिया है.
अगर आप भी पीएफ से पैसा निकालने की सोच रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर आई है. दरअसल, सरकार ने पर्सनल जरूरतों के लिए आपके PF में जमा राशि को निकालने की लिमिट बढ़ा दी है. तो चलिए जानते हैं अब आप अपने पीएफ खाते से कितने रुपये निकाल सकते हैं?
अब पीएफ खाते से निकाल सकते हैं 1 लाख रुपये
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने जानकारी दी है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ग्राहक अब पर्सनल जरूरतों के लिए अपने खातों से एक बार में 1 लाख रुपये तक निकाल सकते हैं, जो कि 50,000 रुपये की पिछली सीमा से अधिक है.
ईपीएफओ के संचालन में हुए कई बदलाव
श्रम मंत्रालय ने ईपीएफओ के संचालन में कई बदलाव लागू किए हैं, जिसमें लचीलापन और जवाबदेही बढ़ाने, ग्राहकों के लिए असुविधाओं को कम करने के लिए एक नया डिजिटल ढांचा और अद्यतन दिशानिर्देश शामिल हैं. इसके अलावा नए कर्मचारी, जिन्होंने अपनी वर्तमान नौकरी में अभी छह महीने पूरे नहीं किए हैं, वे अब धन निकालने के पात्र हैं, जोकि पिछली सीमा से अलग है.
इन खर्चों के लिए लोगों को पड़ती है पीएफ की जरूरत
मंडाविया ने कहा कि लोग अक्सर शादी और चिकित्सा उपचार आदि जैसे खर्चों को पूरा करने के लिए अपनी ईपीएफओ बचत का सहारा लेते हैं. हमने निकासी की सीमा को एक बार में 1 लाख रुपए तक बढ़ा दिया है. नई निकासी सीमा इसलिए बढ़ाई गई क्योंकि खर्च में बदलाव के कारण पिछली सीमा पुरानी हो गई थी, और लोगों की जरुरत के हिसाब से 50 हजार की रकम कम पड़ रही थी
8.25 प्रतिशत निर्धारित की गई ईपीएफओ की बचत ब्याज दर
प्रोविडेंट फंड संगठित क्षेत्र में 10 मिलियन से अधिक कर्मचारियों को रिटायरमेंट आय प्रदान करते हैं और अक्सर कई श्रमिकों के लिए जीवन भर की बचत का प्राथमिक स्रोत होते हैं. ईपीएफओ की बचत ब्याज दर, जो वित्त वर्ष 24 के लिए 8.25 प्रतिशत निर्धारित की गई है, वेतनभोगी मध्यम वर्ग द्वारा बारीकी से निगरानी की जाने वाली एक प्रमुख बेंचमार्क है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2024 को अपने 74वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में ओडिशा में Subhadra Yojana का शुभारंभ किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा राज्य की महिलाओं को अपने जन्मदिन का रिटर्न गिफ्ट दिया है. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2024 को अपने 74वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में ओडिशा में सुभद्रा योजना (Subhadra Yojana) का शुभारंभ किया है. इस योजना के तहत राज्य की 1 करोड़ महिलाओं को सालाना 2 किस्त में 10,000 रुपये दिए जाएंगे. तो आइए जानते हैं ये योजना क्या है और महिलाओं को इसका लाभ कैसे मिलेगा?
सुभद्रा योजना पर 55,825 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार
ओडिशा में शुरु होने वाली सुभद्रा योजना राज्य की महिलाओं के लिए शुरू की जा रही है, लाभार्थी महिलाओं को हर साल 2 किस्तों में कुल 10,000 रुपये दिए जाएंगे. इन महिलाओं को पहली किस्त हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) और दूसरी किस्त राखी पूर्णिमा पर मिलेगी. बता दें, इस योजना में ओडिशा की कम से कम 1 करोड़ महिलाओं को 5 साल की अवधि में 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी. इस योजना को 2024-25 से लेकर 2028-29 तक के लिए चलाया जाएगा. जिसमें सरकार करीब 55,825 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है.
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इन महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ
सुभद्रा योजना के तहत अब तक करीब 60 लाख महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है. 15 सितंबर तक जिन महिलाओं का रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा हो गया है, उन्हें 17 सितंबर को वित्तीय सहायता की पहली किस्त दे दी गई है. बता दें, सुभद्रा योजना का फायदा राज्य की उन महिलाओं को मिलेगा जिनकी उम्र 21 से 60 साल के बीच है
इन महिलाओं को नहीं मिलेगा योजना का लाभ
वह महिलाएं जिन्हें किसी सरकारी स्कीम या स्कॉलरशिप के तहत 18000 रुपये या उससे अधिक सालाना मिलते हैं, उन्हें इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा. इसके साथ ही वे महिलाएं जो टैक्स भरती हैं, वह भी इस योजना का फायदा नहीं उठा सकती हैं.
योग्य महिलाएं ऐसे करें आवेदन
महिलाएं इस योजना के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकती हैं. ऑनलाइन आवेदन के लिए सुभद्रा पोर्टल का इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि ऑफलाइन आवेदन के लिए महिलाएं स्थानीय बैंक, डाकघर, या कॉमन सर्विस सेंटरों (CSC) का सहारा ले सकती हैं.
देश में महंगाई का स्तर लगातार नीचे आ रहा है. सिर्फ रिटेल मार्केट में ही नहीं बल्कि होल सेल यानी थोक बाजार में भी महंगाई नीचे आ गई है.
भारत के होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) के आधार पर थोक महंगाई दर अगस्त में 1.31 फीसदी रही है जबकि जुलाई में यह 2.04 फीसदी पर थी. यह महंगाई दर पिछले 4 महीने में सबसे कम है. कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) ने मंगलवार को आंकड़े जारी किए और इसके अनुसार मुख्य रूप से खाद्य महंगाई दर में कमी के चलते इस बार थोक महंगाई दर में गिरावट देखी गई है. अगस्त में खाद्य महंगाई (Food Price Inflation) 3.11 फीसदी रही है. जुलाई में यह 3.45 फीसदी थी. यह कमी खाने-पीने की चीजों और बनाए जाने वाले प्रोडक्ट के दाम में आई कटौती की वजह से दिखाई पड़ रही है.
खाद्य महंगाई दर या फूड आर्टिकल्स की थोक महंगाई दर
फूड आर्टिकल्स की थोक महंगाई दर देखें तो अनाज के दाम में 8.44 फीसदी, धान के भाव में 9.12 फीसदी और दालों की कीमतों में 18.57 फीसदी गिरावट आई है. हालांकि प्याज की कीमत में थोड़ी ज्यादा गिरावट देखी गई और अगस्त में इसकी थोक महंगाई दर में 65.75 फीसदी की गिरावट आई. महंगाई दर में इतनी कमी के बावजूद इसकी महंगाई दर ज्यादा देखी गई लेकिन दूसरी ओर अगस्त महीने में आलू की थोक महंगाई दर में 77.96 फीसदी की बंपर तेजी देखी गई. वहीं फलों के दाम में 16.7 फीसदी की बढ़ोतरी तेजी देखी गई.
थोक महंगाई दर के घटने के खास कारण जानें
सब्जियों, खाद्य पदार्थों और फ्यूल के सस्ते होने से थोक महंगाई दर में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई और अगस्त में यह 1.31 फीसदी रही. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित थोक महंगाई दर में जुलाई में 2.04 फीसदी थी जबकि एक साल पहले अगस्त 2023 में यह -0.46 फीसदी रही थी यानी शून्य से नीचे चली गई थी. फ्यूल और पावर सेगमेंट में थोक महंगाई दर अगस्त में 0.67 फीसदी रही जो जुलाई में 1.72 फीसदी पर रही थी. यानी इस सेगमेंट की थोक महंगाई खासी नीचे गई है.
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने क्या कहा?
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कहा कि अगस्त 2024 में खाने-पीने के सामान, प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स के अलावा मैन्यूफैक्चरिंग, क्लोथ मैन्यूफैक्चरिंग और मशीनरी-इक्विपमेंट आदि की मैन्यूफैक्चरिंग कीमतों में इजाफा देखा गया है. पिछले हफ्ते सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण अगस्त में रिटेल महंगाई दर 3.65 फीसदी रही जबकि जुलाई में सीपीआई इंफ्लेशन 3.60 फीसदी पर रही थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 18 सितंबर, 2024 को एनपीएस वात्सल्य योजना (NPS-Vatsalya scheme) का शुभारंभ करेंगी, जिसमें स्कूली बच्चे भी भाग लेंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आम बजट पेश करते हुए एनपीएस वात्सल्य स्कीम (NPS Vatsalya Scheme) को लाने का एलान किया था. और अब उस एलान को धरातल पर उतारते हुए 18 सितंबर 2024 को वित्त मंत्री इस योजना को लॉन्च करने जा रही हैं. एनपीएस वात्सल्य स्कीम में सब्सक्राइब करने के लिए इसके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया जाएगा. इसके अलावा स्कीम से जुड़े डिटेल्स जारी की जाएंगी साथ में योजना में जुड़ने वाले नाबालिग सब्सक्राइबर्स (Minor Subscribers) को पर्मांनेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (Permanent Retirement Account Number) भी वित्त मंत्री सौपेंगी.
क्या है एनपीएस वातसल्य स्कीम?
एनपीएस वात्सल्य स्कीम के तहत माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के लिए पेंशन खाते में निवेश करके बचत कर सकेंगे जिससे लंबी अवधि में उनके लिए बड़ा कॉरपस तैयार किया जा सके. एनपीएस वात्सल्य फ्लेक्सिबल कंट्रीब्यूशन (Flexible Contributions) और निवेश का विकल्प (Investment Option) प्रदान करता है, जिससे माता-पिता बच्चे के नाम पर सालाना 1,000 रुपये का निवेश कर सकते हैं जिससे यह सभी आर्थिक पृष्ठभूमि वाले परिवारों के लिए सुलभ हो सके.
युवाओं के लिए तैयार की गई है योजना
दरअसल एनपीएस-वात्सल्य योजना खासतौर से युवाओं के लिए तैयार की गई है. ये योजना मौजूदा एनपीएस का ही एक प्रकार है, इस योजना के तहत माता-पिता और अभिभावक अपने बच्चों के लिए एनपीएस खाता खोल सकते हैं. माता-पिता सिर्फ 500 रुपए महीने या 6,000 रुपए सालाना से इस योजना की शुरुआत कर सकते हैं. यानी बच्चे के 18 साल के होने तक हर महीने या साल में एक निश्चित राशि का योगदान कर सकते हैं. इस योजना से माता-पिता या अभिभावकों के लिए अपने बच्चों के लिए करियर और पेंशन की योजना बनाना मुमकिन हो सकेगा.
एक बच्चे के लिए सिर्फ एक ही खाता खुलेगा
राष्ट्रीय पेंशन योजना खोलने के लिए अब तक 18 से 70 साल के बीच उम्र होना जरूरी थी लेकिन एनपीएस वात्सल्य योजना में अब 18 साल से कम उम्र वालों का भी खाता खाता खोला जा सकता है. इस योजना में एक बच्चे के लिए सिर्फ एक ही खाता खुलेगा. जब तक बच्चा 19 साल का नहीं हो जाता तब कर उसके माता-पिता या अभिभावक इसका संचालन करेंगे. जब बच्चा 18 साल का हो जाएगा वात्सल्य खाता उसको ट्रांसफर हो जाएगा. जिसके बाद वो खुद इस खाते का संचालन कर सकेगा.
हर दिन यूपीआई लेनदेन की सीमा में बदलाव हो गया है. इसे लेकर भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने घोषणा कर दी है, आइए नई लिमिट जानते हैं.
देश में यूपीआई ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ा है. स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाला लगभग हर शख्स छोटे-बड़े लेनदेन और पैसा ट्रांसफर करने के लिए यूपीआई का प्रयोग कर रहा है. बड़े दुकानदारों से लेकर सड़क किनारे छोटी दुकान वालों ने तक क्यूआर कोड से पेमेंट के इस सिस्टम को अपना लिया है. हालांकि, इसकी डेली लिमिट को लेकर हमेशा से सवाल खड़े किए जाते रहे हैं. अब नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इस दिक्कत को भी दूर कर दिया है. आज यानि सोमवार, 16 सितंबर से कई चीजों के लिए यूपीआई ट्रांजेक्शन की डेली लिमिट में इजाफा होने जा रहा है. आइए आपको इस बारे में सारी जानकारी देते हैं.
आरबीआई ने अगस्त में दिए थे बदलाव के निर्देश
एनपीसीआई (National Payments Corporation of India) ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के निर्देशानुसार, 16 सितंबर से कई जगहों पर यूपीआई ट्रांजेक्शन लिमिट बढ़ाने का फैसला लिया है. आरबीआई ने 8 अगस्त को मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग के बाद यूपीआई ट्रांजेक्शन की सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी. इस बारे में एनपीसीआई ने सभी यूपीआई एप, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स और बैंकों को भी जानकारी दे दी है. साथ ही उनसे अनुरोध किया है कि अपने सिस्टम को नए निर्देशों के हिसाब से अपडेट कर लें.
इन जगहों पर हो सकेगा 5 लाख रुपये का पेमेंट
एनपीसीआई के अनुसार, नए नियमों के तहत अब आप कल से टैक्स (Tax Payment) भरने के लिए यूपीआई के जरिए 5 लाख रुपये तक ट्रांसफर कर पाएंगे. हॉस्पिटल बिल (Hospital Bill), शिक्षा संस्थानों की फीस (Educational Fees), आईपीओ (IPO) और आरबीआई की रिटेल डायरेक्ट स्कीम्स (Retail Direct Schemes) में भी 5 लाख रुपये तक के ट्रांजेक्शन हो पाएंगे. हालांकि, बढ़ी हुई लिमिट का इस्तेमाल हर ट्रांजेक्शन में नहीं होगा. इससे पहले एनपीसीआई ने दिसंबर, 2021 और दिसंबर, 2023 में यूपीआई ट्रांजेक्शन लिमिट में बदलाव किया था. साथ ही एक ही अकाउंट से कई लोगों द्वारा लेनदेन करने की सुविधा यूपीआई सर्कल (UPI Circle) भी शुरू की गई है.
बैंक अपने हिसाब से भी सेट कर सकते हैं लिमिट
अभी बाकी सभी तरह के यूपीआई ट्रांजेक्शन के लिए एक लाख रुपये की डेली लिमिट ही है. हालांकि, अलग-अलग बैंक अपने हिसाब से भी यह लिमिट सेट कर सकते हैं. इलाहाबाद बैंक की यूपीआई ट्रांजेक्शन लिमिट 25,000 रुपये है. वहीं, एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) एक लाख रुपये तक के ट्रांजेक्शन मंजूर करते हैं. इसके अलावा कैपिटल मार्केट, कलेक्शन, इंश्योरेंस और विदेशी लेनदेन (Foreign Inward Remittances) के लिए यही लिमिट 2 लाख रुपये प्रतिदिन तक है.
देश में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में कई टॉप बैंक ग्राहकों को अपने अलग-अलग Credit Card पर शानदार ऑफर दे रहे हैं.
अगर आप भी फेस्टिव सीजन में शॉपिंग की तैयारी कर रहे हैं, तो ये खबर आपका दिल खुश कर देगी. दरअसल, फेस्टिव सीजन में कई बैंक अपने क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करने पर ग्राहकों को शानदार ऑफर्स दे रहे हैं. इनमें देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सहित कई बड़े निजी बैंक शामिल हैं. तो चलिए जानते हैं कौन-कौन से बैंक अपने किस क्रेडिट कार्ड पर, आपको क्या ऑफर दे रहे हैं?
SBI बैंक के क्रेडिट कार्ड पर मिलेगा ये ऑफर
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) के क्रेडिट कार्ड से स्विगी (Swiggy) से ऑर्डर प्लेस करने पर 100 रुपये का डिस्काउंट मिल रहा है. वहीं, एथर (Ather) पर 7.5 प्रतिशत और ब्लैकबैरीज (Blackberrys) पर 5 प्रतिशत का कैशबैक मिल रहा है.
HDFC बैंक दे रहा ये ऑफर
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने अपने VISA Contactless क्रेडिट कार्ड पर 30 अक्टूबर 2024 तक के लिए शानदार ऑफर लॉन्च किया है. इसके तहत ग्राहकों तो ऑनलाइन फर्नीचर और इंटीरियर सर्विस ब्रैंड होमटाउन (HomeTown) से शॉपिंग पर 5 से 15 प्रतिशत तक की छूट मिल रही है. इसके अलावा मैड ओवर डोनट्स (Mad over donuts) और लुकवैल सैलून (Lookwell Salon) के बिल पर 15 प्रतिशत छूट मिल रही है.
Kotak Mahindra के क्रेडिट कार्ड पर ये ऑफर
कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) के क्रेडिट कार्ड की ईएमआई पर 10 प्रतिशत या अधिकतम 3,000 रुपये की छूट मिल रही है. वहीं, ऑर्गेनिक हार्वेस्ट (Organic Harvest) से 400 रुपये से अधिक की शॉपिंग पर 40 प्रतिशत की छूट मिल रही है. क्यूब क्लब (Cube club) जिम में 15 प्रतिशत छूट और कोटक क्रेडिट ईएमआई पर 8,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिल रही है. वहीं, आम शॉपिंग पर आपको 15 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिल रही है.
Axis बैंक के क्रेडिट कार्ड पर ये ऑफर
एक्सिस (Axis) बैंक क्रेडिट कार्ड से मैक्स फैशन(Max Fashion) में शॉपिंग करने पर 5 प्रतिशत की छूट मिल रही है. यह ऑफर 3 नवंबर 2024 तक वैलिड है. वहीं, 2 अक्टूबर तक आईफोन शॉपिंग पर 8,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिल रही है. गोआईबीबो (Goibibo) से फ्लाइट्स और होटल बुकिंग पर 20 प्रतिशत का डिस्काउंट मिल रहा है. यह ऑफर 25 सितंबर तक वैलिड है.
ICICI और और IDBI बैंक का ऑफर
आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक प्लैटिनम कार्ड लेने पर आपको किसी भी तरह की एनुअल और ज्वाइनिंग फीस नहीं देनी होगी. इसके अलावा आपको फ्यूल सरचार्ज पर डिस्काउंट भी ऑफर किया जा रहा है. इसके अलावा ग्राहकों को शॉपिंग के लिए रिवॉर्ड और वाउचर भी ऑफर किए जा रहे हैं. उधर आईडीबीआई (IDBI) बैंक के क्रेडिट कार्ड से स्विगी इंस्टामार्ट (Swiggy Instamart) और स्विगी फूड (Swiggy Food) से शॉपिंग करने 20 प्रतिशत यानी अधिकतम 150 रुपये तक का डिस्काउंट मिल रहा है. ये ऑफर 30 नवंबर तक के लिए वैलिड है. वहीं, बुक मॉय शो (BookMyShow) से टिकट बुकिंग करने पर 25 प्रतिशत या अधिकतम 300 रुपये की छूट मिल रही है. इसके PVR और INOX पर भी 25 प्रतिशत की छूट ऑफर की जा रही है.
पिछले करीब एक महीने से प्याज की कीमत में तेजी बनी हुई है. अब सरकार ने प्याज पर लगने वाले न्यूमतम निर्यात मूल्य (MEP) को हटा लिया है.
सरकार ने प्याज के निर्यात पर बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने प्याज एक्सपोर्ट के लिए पहले तय की गई मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) हटा दी. इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज की अधिकता के बीच भारतीय किसानों को स्थितियों का फायदा उठाने में मदद मिलेगी. सरकार ने पहले न्यूनतम निर्यात मूल्य के तौर पर 550 डॉलर प्रति टन की सीमा तय की थी. इसका मतलब यह था कि किसान इस दर से कम कीमत पर अपनी उपज विदेश में नहीं बेच सकते थे.
सरकार ने हटाया बैन
उस समय विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना में कहा था, प्याज की निर्यात नीति को संशोधित कर तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक 550 डॉलर प्रति टन के MEP के तहत प्रतिबंध से मुक्त किया गया है. हालांकि, सरकार ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का आदेश जारी रखा था.पिछले साल अगस्त महीने में भारत ने 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था. उसके पहले 8 दिसंबर, 2023 को इस साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.
38 लाख टन है प्याज का भंडारण
ऐसे कहा जा रहा है कि एनसीसीएफ और नेफेड के पास सरकारी भंडारण में 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है. सरकार एनसीसीएफ और नेफेड के सहयोग से अपने स्टोर और मोबाइल वैन के माध्यम से प्याज की खुदरा बिक्री कर रही है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सप्ताह उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा था कि आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों का पूर्वानुमान सकारात्मक बना हुआ है, क्योंकि खरीफ (ग्रीष्म) में बोया गया रकबा पिछले महीने तक तेजी से बढ़कर 2.9 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह रकबा 1.94 लाख हेक्टेयर था. इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि किसानों और व्यापारियों के पास अभी भी लगभग 38 लाख टन प्याज का भंडारण है.
कीमत में नहीं आएगी तेजी?
दिल्ली के खुदरा बाजार में अभी प्याज की कीमत 60 रुपये किलो के करीब बनी हुई है. प्याज के निर्यात से बैन हटने के बाद इसकी खुदरा कीमत में किसी प्रकार की तेजी की उम्मीद नहीं की जा रही. इसका कारण यह है कि सरकार के पास 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बना हुआ है. किसी भी तरह की कीमत में इजाफा होने पर सरकार इसको ओपन मार्केट में बेचकर कीमत को नीचे लाएगी. इसके अलावा आने वाली सीजन में प्याज की फसल की पैदावार बढ़ने की उम्मीद से भी कीमत नॉर्मल बने रहने की संभावना है. बताया जा रहा है कि करीब 38 लाख टन प्याज का भंडार किसानों और व्यापारियों के पास बना हुआ है.
देश के लाखों बुजुर्ग सरकारी पेंशनर्स हर साल नवंबर के महीने में Life Certificate जमा करना होता है. ऐसे में अब बुजुर्गों की सुविधा के लिए सरकार ने (Digital Life Certificate) की सुविधा शुरू कर दी है.
अगर आप सरकारी पेंशनर हैं या आपके परिवार में किसी को सरकारी पेंशन मिलती है और आपको हर साल जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, तो ये खबर आपके बहुत काम की है. दरअसल, सरकारी पेंशन पाने वाले देश के लाखों बुजुर्गों को हर साल नवंबर के महीने में जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा करना होता है. ऐसे में अब बुजुर्गों की सुविधा के लिए सरकार ने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Digital Life Certificate) की सुविधा शुरू कर दी है. वहीं, अब सरकार डाकघर विभाग की मदद से घर-घर जाकर बुजुर्ग पेंशनर्स को ये सुविधा प्रदान करने जा रही है. तो चलिए जानते हैं आपको ये सुविधा कब और कैसे मिलेगी?
घर बैठे आसानी से बन जाएगा जीवन प्रमाण पत्र
बुजुर्ग पेंशनभोगियों को हर साल अपने जीवित रहने का प्रमाण पत्र जमा करना होता है. ऐसे में सरकार ने बुजुर्गों को सुविधा देने के उद्देश्य से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) जमा करने की सुविधा दी है. अब तक बुजुर्गों को भी किसी जन सुविधा केंद्र या साइबर कैफे में जाना होता था, लेकिन अब सरकार डाक विभाग के सहयोग से उन्हें घर बैठे ये सुविधा देगी. डाक विभाग वृद्धों को घर-घर जाकर सेवाएं प्रदान करेगा (और) पेंशनभोगियों को आवश्यकतानुसार डीएलसी जमा करने के लिए सूचित करेगा. बता दें, इस समय देश में करीब 68 लाख पेंशनर्स तो सिर्फ केंद्र सरकार के ही हैं. इनमें राज्य सरकारों के पेंशनर्स की संख्या जोड़ दी जाए तो यह आंकड़ा काफी बढ़ जाएगा.
1-30 नवंबर तक देशभर में चलेगा अभियान
केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने इसे लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया है. यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) ने 1 से 30 नवंबर, 2024 तक पूरे देश के सभी जिला मुख्यालयों और प्रमुख शहरों में डीएलसी अभियान 3.0 आयोजित करने का निर्णय लिया है. कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार जिला डाकघर पेंशनभोगी कल्याण संघों, पेंशन वितरण बैंकों और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDIA) के साथ समन्वय करके जिला डाकघरों में डीएलसी अभियान 3.0 का संचालन करेंगे. बयान में कहा गया है कि पेंशनभोगी एंड्रॉयड स्मार्ट फोन से फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग करके जिला डाकघरों में जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) जमा कर सकते हैं. सरकार बैनर, सोशल मीडिया, एसएमएस और लघु वीडियो के माध्यम से जागरूकता फैलाकर डीएलसी 3.0 अभियान का प्रचार करेगी.
ये विभाग देंगे तकनीकी सहायता
केंद्र सरकार के बयान में बताया गया है कि यूआईडीएआई और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय शिविरों के दौरान तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे. बयान के अनुसार यह परिकल्पना की गई है कि सहयोग पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए सरकार के प्रयासों को व्यापक और गहरा करेगा और उनके जीवन को आसान बनाने में काफी योगदान देगा.
दिल्ली मेट्रो ने मल्टीपल जर्नी क्यूआर टिकट (MJQRT) की सुविधा शुरू की है, जिससे यात्री अपने मोबाइल फोन को स्मार्ट कार्ड की तरह उपयोग कर सकेंगे.
साल 2002 में शुरू हुई दिल्ली मेट्रो अब दिल्ली के कोने-कोने बल्कि दिल्ली-एनसीआर तक के कोने कोने को कवर कर रही है. दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने के लिए टिकटिंग सिस्टम भी काफी चेंज हो गया है. पहले जहां टोकन का इस्तेमाल हुआ करता था. तो वहीं अब QR कोड टिकट ने जगह ले ली है. पर मेट्रो स्मार्ट कार्ड पहले की तरह अभी भी काम करते हैं. लेकिन अब मेट्रो स्मार्ट कार्ड के जैसा ही मल्टीपल जर्नी QR टिकट जारी कर दिया है. किस तरह कर पाएंगे इसका इस्तेमाल. चलिए आपको बताते हैं.
कैसे इस्तेमाल होगा मल्टीपल जर्नी QR टिकट?
दिल्ली मेट्रो से फिलहाल जो लोग सफर करते हैं. अगर उनके पास मेट्रो का स्मार्ट कार्ड नहीं होता, तो वह QR टिकट लेते हैं. QR टिकट ऑनलाइन बुक की जा सकती है और काउंटर से भी ली जा सकती है. आप जितनी बार भी यात्रा करते हैं. आपको हर बार एक QR टिकट लेनी होती है. लेकिन अब आपको बार-बार QR टिकट लेने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. क्योंकि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन यानी डीएमआरसी ने मल्टीप्ल जर्नी QR टिकट लॉन्च कर दी है.
दिल्ली सारथी यानी Momentum 2.0 एप के जरिए QR कोड खरीद कर उसी का लगातार इस्तेमाल कर पाएंगे. यानी आप स्मार्ट कार्ड की तरह ही उस QR कोड को उसे रिचार्ज कर पाएंगे. बता दें दिल्ली मेट्रो में यह सुविधा 12 सितंबर से लागू हो चुकी है. इससे अब दिल्ली मेट्रो में सफर करना और भी आसान हो गया है.
किस तरह खरीदें QR कोड?
दिल्ली मेट्रो का मल्टीप्ल जर्नी QR टिकट खरीदने के लिए आपको दिल्ली सारथी (Momentum 2.0) ऐप पर लॉगिन करके मल्टीप्ल जर्नी क्यूआर टिकट के ऑप्शन पर जाना होगा. इसके बाद आपको 150 रुपये चुकाकर QR कोड खरीदना होगा. क्यूआर कोड की कीमत के पैसे आप ट्रैवल के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें इस क्यूआर कोड में आप मिनिमम ₹50 तो वही मैक्सिमम ₹3000 तक का रिचार्ज कर सकते हैं. रिचार्ज यूपीआई, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड किसी से भी किया जा सकता है. अपने फोन पर QR कोड को आप स्कैन करके आसानी से सफर कर सकते हैं.
इन बातों का रखना होगा ध्यान
मल्टीपल जर्नी क्यूआर टिकट खरीदने के लिए यात्री यूपीआई, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड जैसे डिजिटल पेमेंट गेटवे का उपयोग कर सकते हैं. स्मार्ट कार्ड के विपरीत, मोबाइल खो जाने पर भी वॉलेट में शेष राशि सुरक्षित रहती है और यात्री किसी अन्य डिवाइस से लॉग इन करके MJQRT का इस्तेमाल कर सकते हैं. यात्री ऐप के माध्यम से अपनी यात्रा का रिकॉर्ड देख सकते हैं और वहीं से क्यूआर कोड को रिचार्ज भी कर सकते हैं. MJQRT यूजर्स को पीक आवर्स (सुबह 8 से दोपहर 12 और शाम 5 से रात 9 बजे) में 10% और ऑफ-पीक आवर्स में 20% की छूट मिलेगी.