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Vivo, Oppo समेत हर चीनी कंपनी को मिला भारत सरकार से ऐसा आदेश, सुनकर उड़ जाएंगे होश!
भारत सरकार द्वारा यह सभी बातें शाओमी (Xiaomi), ओप्पो (Oppo), रियलमी (Realme), और विवो (Vivo) जैसी कंपनियों को कही गई हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
भारत सरकार बहुत ही तेजी के साथ आत्मनिर्भर बनने की तरफ काम कर रही है और इसी प्लान के तहत कई बड़े फैसले भी लिए जा रहे हैं. हाल ही में भारत सरकार ने चीनी मोबाइल निर्माता कंपनियों के संबंध में भी ऐसा ही एक बड़ा फैसला लिया है जो आपको चौंका सकता है.
भारत सरकार ने क्या कहा?
दरअसल भारत सरकार ने चीनी मोबाइल निर्माता कंपनियों से कहा है कि वह भारतीय इक्विटी पार्टनर्स को अपने ऑपरेशंस में शामिल करें. इतना ही नहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार ने कंपनियों से यह भी कहा है कि वह कंपनी के प्रमुख पदों यानी CEO (Chief Executive Officer), COO (Chief Operating Officer), CFO (Chief Financial Officer), CTO (Chief Technical Officer) के लिए भी भारतीय एग्जीक्यूटिव्स को ही नियुक्त करें.
आत्मनिर्भरता को दिया जाए बढ़ावा
इस संबंध में हाल ही में एक मीटिंग की गई थी और इस मीटिंग में शामिल लोगों की मानें तो भारतीय बिजनेस को बढ़ावा देने के मकसद से भारत सरकार ने कंपनियों को कहा है कि वह केवल भारतीय कॉन्ट्रैक्ट निर्माताओं को ही चुनें और क्षेत्रीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ ‘जॉइंट-वेंचर’ करें और देश में निर्यात को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दें और क्षेत्रीय डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ मिलकर काम करें.
कौन सी कंपनियों थीं शामिल?
इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा कंपनियों को देश के कानून और नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है और टैक्स से न भागने के लिए भी कहा गया है. भारत सरकार द्वारा यह सभी बातें शाओमी (Xiaomi), ओप्पो (Oppo), रियलमी (Realme), और विवो (Vivo) जैसी कंपनियों को कहा गया है. माना जा रहा है कि ICEA (भारतीय सेलुलर और इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन) भी इस मीटिंग में शामिल थी और यह मीटिंग MeitY (सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय) द्वारा आयोजित की गई थीं.
कम हुआ चीन से आने वाले सामान
अगर पिछले कुछ समय की बात करें तो भारत के आयात में चीन के हिस्से में काफी कमी देखने को मिली है. वाणिज्य मंत्रालय की मानें तो 2021-22 में भारतीय आयातों में चीन का कुल हिस्सा 15.43% हुआ करता था जो 2022-23 में कम होकर मात्र 13.79% रह गया है. इसके साथ वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान खासकर अप्रैल से लेकर फरवरी के बीच चीन से आयात किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक मामल में सालाना आधार पर लगभग 2 बिलियन डॉलर्स की कमी देखने को मिली है.
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