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डिजिटल करेंसी से 28,000 करोड़ की ड्रग डील! जांच के घेरे में तीन डिजिटल असेट कंपनियां
भारत की 7% से ज्यादा आबादी के पास डिजिटल करेंसी है. कोविड-19 महामारी फैलने के बाद वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ा है
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: तीन डिजिटल असेट मैनेजमेंट कंपनियां (Digital Asset Companies) जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं. 28,000 करोड़ रुपये के अवैध ड्रग लेनदेन में इन कंपनियों की भूमिका की बात कही जा रही है. Financial Intelligence Unit (FIU) ने इसका खुलासा किया है. इस मामले में ये तीनों कंपनियां अब प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स विभाग के जांच के दायरों में आ गई हैं.
28,000 करोड़ की ड्रग डील
ET में छपी खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, 'डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स खरीदने और बेचने के लिए किया जाता था और इनमें से कुछ कंपनियों ने इसकी सुविधा दी "अब तक एजेंसी ₹28,000 करोड़ के लेनदेन को ट्रैक करने में कामयाब हुई है" ज्यादातर लेन-देन तीन डिजिटल असेट मैनेजमेंट कंपनियों के जरिये से किए गए थे और अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं दी गई थी. इस मामले में मनी लॉन्डिंग की आशंका जताई जा रही है, इसलिये ED को इससे जुड़ी जानकारियां भेजी गई हैं, और टैक्स चोरी के मामलों की जांच के लिये इनकम टैक्स विभाग को भी शामिल किया गया है.
200 ट्रांजैक्शन का पता चला
ET में छपी खबर के मुताबिक अधिकारी ने कहा कि FIU ने Cayman Islands, ritish Virgin Islands और नाइजीरिया में डिजिटल मुद्राओं का उपयोग करके और भारत में मौजूद एक्सचेंजों के जरिये ये लेनदेन किये गये हैं. FIU को ऐसे 200 के करीब ट्रांजैक्शन का पता चला है. अधिकारी ने बिना उन तीनों कंपनियों के नामों का खुलासा किये हुए बताया क्योंकि जांच अभी जारी है, ये लेनदेन 2019 और 2021 के बीच हुए हैं. अधिकारी ने बताया कि डिजिटल करेंसी पर FIU काफी पैनी निगाह बनाये हुए है.
किप्टो का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा
इंडस्ट्री के अनुमानों के मुताबिक, भारत की 7% से ज्यादा आबादी के पास डिजिटल करेंसी है. कोविड-19 महामारी फैलने के बाद वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ा है. भारत और विदेशों में नीति निर्माता ऐसे लेन-देन की अस्पष्टता और उन संस्थाओं के कामकाज के बारे में चिंता जताते रहते हैं जो किसी भी रेगुलेटरी निरीक्षण के दायरे में नहीं आते हैं.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन ये गैर-कानूनी भी नहीं है. भारत जोर शोर से ये मांग करता रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने की मांग करता रहा है, क्योंकि इससे मनी लॉन्डिंग जैसी घटनाओं को बढ़ावा मिलता है. ऐसे मामलों को ट्रैक करना मुश्किल होता है. दूसरी तरफ रिजर्व बैंक भी अब अपनी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी कर रहा है.
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