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Mother's Day Special: बेटे को बचाने की जंग जीती, फिर खड़ी कर डाली हर्बल कंपनी
सोनाली जजोड़िया की लाइफ में सबकुछ ठीक चल रहा था, फिर अचानक उनके बेटे को ब्रेन स्ट्रोक आया. यहां से एक मां की जिद, जुनून और संघर्ष का सिलसिला शुरू हुआ, जो सफलता के शिखर पर जाकर ही रुखा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
बात जब अपने बच्चे की आती है, तो मां पूरी दुनिया से लड़ने को तैयार हो जाती है. एक मां के लिए अपने बच्चे से बड़ा कुछ नहीं होता और उसकी हिफाजत के लिए वो किसी भी हद तक जा सकती है. HappyGut Company की फाउंडर सोनाली जजोड़िया (Sonali Jajodia) इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं. सोनाली का बचपन दवाओं से मुक्त रहा. उन्हें जब भी कोई तकलीफ होती, नानी घरेलू नुस्खे से उसे पलभर में दूर कर देतीं. बड़े होने के बाद भी उन्होंने इन नुस्खों को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाए रखा. सोनाली को यह देखकर अजीब लगता था कि दूसरी मदर्स हर छोटी की तकलीफ पर बच्चों को लेकर डॉक्टर्स के पास पहुंच जाती थीं, जबकि घर के किचन में भी उपचार मौजूद है. सोनाली ने लोगों को जागरुक करने का फैसला लिया, लेकिन वह जानती थीं कि बिना किसी सर्टिफिकेशन के यह उतना कारगर नहीं होगा. इसके बाद उन्होंने वेलनेस कोच के तौर पर सर्टिफिकेशन प्राप्त किया.
कर दिखाया चमत्कार
सोनाली जजोड़िया की लाइफ में अब तक सबकुछ ठीक चल रहा था, फिर अचानक उनके बेटे को ब्रेन स्ट्रोक आया. यहां से एक मां की जिद, जुनून और संघर्ष का सिलसिला शुरू हुआ, जो सफलता के शिखर पर जाकर ही रुका. सोनाली अपने बेटे को मौत के मुंह से खींच लाईं और दुनिया के सामने यह साबित कर दिया कि नानी-दादी के नुस्खे, वो चमत्कार भी कर सकते हैं, जो बड़ी-बड़ी दवाओं से संभव नहीं हो पाता. सोनाली जजोड़िया के बेटे की 12 सर्जरी हुईं, उसके बाद वह कोमा में चला गया. करीब डेढ़ साल तक एक मां अपने बेटे को 'गहरी' नींद से जगाने का प्रयास करती रही, उसने बेटे को ठीक करने के लिए जमीन-आसमान एक कर दिया और फिर एक दिन चमत्कार हुआ...बेटे ने आंखें खोलीं और HappyGut Company की कल्पना ने आकार लिया.
लंबी लड़ाई का सुखद अंत
सोनाली जजोड़िया कहती हैं, 'अपने बच्चे को अस्पताल के बिस्तर पर कोई मां नहीं देखना चाहेगी. मेरे लिए वो बेहद कठिन समय था. डॉक्टर्स की कोशिशें काम नहीं कर रही थीं. मुझे अपने बेटे को हर कीमत पर ठीक करना था. अपनी नानी और मां से मैंने घरेलू नुस्खों के बारे में बहुत कुछ सीखा था. मुझे उस पर पूरा विश्वास था. उस विश्वास को और पुख्ता करने के लिए मैंने गहन अध्ययन किया. क्योंकि एक मां बच्चे के मामले में कोई जोखिम नहीं ले सकती. मैंने फैसला लिया कि मैं जड़ी-बूटियों और मसालों (Herbs And Spices) को अपने बेटे की दावा बनाऊंगी. चूंकि डॉक्टर चमत्कार की उम्मीद छोड़ चुके थे, उन्होंने मुझे इसकी अनुमति दे दी. मुझे एक लंबी जंग लड़नी पड़ी, लेकिन मैं अपने बेटे को अस्पताल से बाहर निकालने में सफल रही'.
इस तरह बनी कंपनी
HappyGut Company की शुरुआत के बारे में बताते हुए सोनाली ने कहा - मैंने सोचा कि जब मेरा बेटा हर्ब्स एंड स्पाइसेस की बदौलत मौत के मुंह से बाहर निकल सकता है, तो सबको इनके दुर्लभ लाभ के बारे में पता होना चाहिए. तब मैंने हर्बल हर्ब्स एंड स्पाइसेस से निर्मित प्रोडक्ट्स बनाने और उन्हें लोगों तक पहुंचाने का फैसला लिया और इस तरह हमारी कंपनी अस्तित्व में आई. HappyGut Company के प्रोडक्ट्स की आज देश ही नहीं विदेशों में भी डिमांड है. सोनाली की कोशिश है कि दादी-नानी के घरेलू नुस्खों की ताकत को लोग पहचानें और एलोपैथी दवाओं के साइड इफेक्ट से हमेशा के लिए आजाद हो जाएं.
आसान नहीं था काम
सोनाली के मुताबिक, एक ऐसी कंपनी शुरू करना जिसकी नींव जड़ीबूटियों और मसालों पर टिकी है और उसके उत्पाद खरीदने के लिए लोगों को प्रेरित करना बेहद मुश्किल काम था. लोग घरेलू नुस्खों की शक्ति को पहचानते तो हैं, लेकिन इन्हें अपनाने के लिए तुरंत तैयार नहीं होते. मेरे सामने चुनौती थी, उन्हें इसके लिए तैयार करने की, और मैंने कर दिखाया. हमारे प्रोडक्ट्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है. देश के अलग-अलग शहरों से लेकर विदेशों में भी अपने हर्बल प्रोडक्ट भेज रहे हैं.
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