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BCCI की गतिविधियां 'दुकान' के समान जो करती हैं केवल कमाईः सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को एक चैरिटी संस्था न मानते हुए दुकान माना है क्योंकि इसकी गतिविधियों से सिर्फ कमाई होती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को एक चैरिटी संस्था न मानते हुए "दुकान" माना है क्योंकि इसकी गतिविधियों से सिर्फ कमाई होती है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की गतिविधियां व्यावसायिक प्रकृति की हैं और कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) अधिनियम के प्रावधानों के संदर्भ में इसे ‘दुकान’ कहा जा सकता है. अदालत ने कहा कि ईएसआई अधिनियम केंद्र द्वारा बनाया गया कल्याणकारी कानून है और इस अधिनियम में इस्तेमाल किए गए शब्दों से संकीर्ण अर्थ नहीं जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि यह इसके अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए बीमा करता है.
हाईकोर्ट ने नहीं की है कोई त्रुटि
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि ईएसआई अधिनियम को लागू करने के लिए बीसीसीआई को एक "दुकान" मानने और विचार करने में ईएसआई न्यायालय और/ या उच्च न्यायालय द्वारा कोई त्रुटि नहीं की गई है. शीर्ष अदालत इस सवाल से निपट रही थी कि क्या बीसीसीआई को 18 सितंबर, 1978 की अधिसूचना के अनुसार एक "दुकान" कहा जा सकता है और क्या ईएसआई अधिनियम के प्रावधान बीसीसीआई पर लागू होंगे या नहीं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि बीसीसीआई कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 की धारा 1 (5) के प्रावधानों के तहत महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी 18 सितंबर, 1978 की अधिसूचना के अनुसार "दुकान" के अर्थ के अंतर्गत आता है.
ये गतिविधियां चलाकर बीसीसीआई कमाई करती है
बीसीसीआई द्वारा की जा रही व्यवस्थित गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए, क्रिकेट मैचों के टिकटों की बिक्री, मनोरंजन प्रदान करना, कीमत के लिए सेवाएं प्रदान करना, अंतरराष्ट्रीय दौरों से आय प्राप्त करना और इंडियन प्रीमियर लीग से पैसा कमाती है. इसके अलावा वो टीवी, रेडियो, ओटीटी और डिजिटल राइट्स बेचकर भी करोड़ों रुपये कमाती है. संस्था के द्वारा आजतक किसी तरह का कोई परोपकारी काम नहीं किया है और ये केवल और केवल धनार्जन में ही लगी रहती है.
दुकान की परिभाषा के अंदर लाएं
शीर्ष अदालत ने कहा कि "दुकान" शब्द को पारंपरिक अर्थों में समझा और व्याख्या नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह ईएसआई अधिनियम के उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा कोर्ट ने कहा कि ईएसआई अधिनियम के प्रयोजनों के लिए "दुकान" शब्द को एक विस्तृत अर्थ सौंपा जा सकता है.
बीसीसीआई ने कही ये बात
शीर्ष अदालत में बीसीसीआई की ओर से कहा गया कि इसकी प्रमुख गतिविधि क्रिकेट/खेल को प्रोत्साहित करना है और इसलिए इसे ईएसआई अधिनियम को लागू करने के प्रयोजनों के लिए "दुकान" की परिभाषा के भीतर नहीं लाया जाना चाहिए, इसका कोई सार नहीं है.
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