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Real Estate हुआ बूम-बूम, दामों में हुई बेतशाह वृद्धि
एक्सपर्ट कहते हैं कि महामारी के बाद, लोगों ने घर के स्वामित्व को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है, जो नई आवासीय परियोजनाओं के विकास के साथ-साथ भूमि पार्सल की मांग को भी बढ़ावा दे रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
पोस्ट कोविड के बाद देखने में आ रहा है दिल्ली एनसीआर से लेकर देश के कई अन्य शहरों में जमीन के दामों में इजाफा हुआ है. पिछले सप्ताह दौलत कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्री कोविड समय की तुलना में टियर 1 शहरों में जमीन की कीमतें 20% से 200% के बीच बढ़ी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि गुरुग्राम और हैदराबाद दो ऐसे शहर हैं जहां जमीन के दामों में 200% से ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है.
कीमतों में हुआ है 19 से 79 प्रतिशत तक इजाफा
मीडिया रिपोर्ट कहती हैं कि दौलत कैपिटल के अनुसार, जमीन की कीमतों में बढ़ोत्तरी गुरुग्राम/हैदराबाद में बेचे गए अपार्टमेंट की औसत कीमतों में दिखती है जहां उनके दामों में 19-79% तक की बढ़ोत्तरी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि MMR और पुणे 2 ऐसे बाजार हैं, जिन पर नजर रखे जाने की जरूरत है. क्योंकि यहां कीमतें 20% और 70% के बीच बढ़ी हैं और खाली फलैटों की संख्या में 12-20 महीनों के दौरान पिछले एक दशक के निचले स्तर पर आ गई है. जबकि मुंबई और पुणे में तैयार कुल इन्वेंट्री में तैयार रेडी टू मूव इंवेंट्री का शेयर (4-5%) तक है. इस सेक्टर में काम करने वाले बड़े कारोबारी इस बात से सहमत हैं कि प्रमुख शहरों में भूमि और अपार्टमेंट दोनों की कीमतों में वृद्धि हुई है.
गुरुग्राम में भी हुआ है जमीन की कीमत में इजाफा
प्रापर्टी एक्सपर्ट कहते हैं कि 'कोविड से पहले, गुरुग्राम में जमीन की कीमतें 30,000 रुपये से 40,000 रुपये प्रति वर्ग गज के बीच थीं, और अब 1.25 लाख रुपये प्रति वर्ग गज तक पहुंच गई हैं. यह वहां के अपार्टमेंट की सेल हुए फलैटों की कीमतों में दिखाई देता है. गुरुग्राम में गोल्फ कोर्स रोड एक्सटेंशन में नई लॉन्चिंग महामारी से पहले 5,500-7,000 वर्ग फुट के मुकाबले 17,000-23,000 रुपये प्रति वर्ग फुट पर हो रही है. द्वारका एक्सप्रेसवे पर, जो जमीन प्री कोविड से पहले 3000-4,000 रुपये प्रति वर्ग फुट बिक रही थी. आज उसके दाम 12,000-14,000 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गए हैं.
हैदराबाद में दिख रहा है नया बदलाव
एक्सपर्ट कहते हैं कि हैदराबाद में कीमतों के अलावा, अपार्टमेंट का आकार भी बढ़ रहा है और उनमें लक्जरीनेस की भी डिमांड बढ़ रही है. ये इस शहर ने पहले कभी नहीं देखा है. 'कोविड से पहले, टू बेडरूम के लिए 1,200 वर्ग फुट और थ्री बेडरूम के लिए 1,800 वर्ग फुट की डिमांड थी. सबसे बड़ा 2,400 वर्ग फुट था. अब वे 7,000-10,000 वर्ग फुट के अपार्टमेंट लॉन्च कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि डेवलपर्स विशेष रूप ये गगनचुंबी इमारतों के प्रत्येक फलोर पर सिंगल अपार्टमेंट भी लॉन्च कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के विपरीत जहां जमीन की आपूर्ति सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती है, हैदराबाद में अच्छी जमीन की उपलब्धता और बेहतर बुनियादी ढांचा है. उन्होंने कहा, "गुरुग्राम में, जमीन का नियंत्रण पूरी तरह से सरकार के पास है जबकि हैदराबाद में ज्यादा और बेहतर जमीन उपलब्ध है. बेंगलुरु में भी, महामारी से पहले की अवधि की तुलना में जमीन की कीमतों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि प्लॉट से विकसित हुए आवासीय और अपार्टमेंटों में कीमतें 2,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 4,000 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं और आवासीय कीमतें 5,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से 10,000 रुपये प्रति वर्ग फुट को छू रही हैं. वो ये भी कहते हैं कि 'बेंगलुरु में सीबीडी (सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट) में जमीन की कीमतें अब तक के हाई लेवल पर पहुंच गई हैं. लेकिन कीमतों में हुए इजाफे ने जमीनों के सौदे को प्रभावित नहीं किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनारॉक के अनुसार, शीर्ष 8 शहरों ने 68 भूमि सौदे देखे हैं, जबकि में 2022 पिछले 9 महीनों 1,656 एकड़ जमीन का सौदा हुआ है. जबकि पिछले साल इसी अवधि में, इन शहरों में 925 एकड़ के लिए सिर्फ 20 भूमि सौदे बंद हुए थे. डेवलपर्स सहमत हैं कि आवासीय बाजारों में वृद्धि के कारण कीमतों में वृद्धि हुई है.
वजह ये भी है जमीन के दामों में इजाफे की
एक्सपर्ट कहते हैं कि 'कोविड के बाद जमीन की कीमतों में वृद्धि का एक सामान्य चलन रहा है, जो मुख्य रूप से सेल में तेजी, बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में सुधार के कारण हुआ है. कम रेग्यूलेटरी बाधाओं के साथ भूखंडों की कमी के कारण भी जमीन की कीमत में वृद्धि हुई है. उदाहरण के लिए, द्वारका एक्सप्रेसवे में जमीन की कीमतों में 50% की वृद्धि हुई है. एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि भूमि की कीमत और निर्माण लागत में वृद्धि ने डेवलपर्स को अपनी परियोजनाओं के दामों को बढ़ाने के लिए मजबूर किया है. वो कहते हैं कि इसके कारण 'हमने गुरुग्राम में अपनी कुछ मौजूदा परियोजनाओं की कीमतों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखी है.' एक और एक्सपर्ट कहते हैं कि “गुरुग्राम में रियल एस्टेट बाजार और इसके सूक्ष्म बाजारों में 2022 में असाधारण वृद्धि देखी गई है, जो इसे एनसीआर में मौजूद रियल एस्टेट साइटों के शीर्ष पर पहुंचाती है. गुरुग्राम में, घरों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे जमीन की कीमतें बढ़ रही हैं.
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