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भारत की ग्रीन इमारतों की मांग में हो रही है बढ़ोत्तरी KPMG-Colliers की रिपोर्ट का दावा!
ज्यादातर कॉर्पोरेट और प्राइवेट दफ्तर अब पर्यावरण फ्रेंडली बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
2016 के मुकाबले 2023 में ग्रीन ऑफिस स्टॉक में लगभग 83% जितनी वृद्धि देखने को मिली है और इससे पता चलता है कि ऑफिस रियल एस्टेट क्षेत्र ने पिछले कुछ सालों के दौरान सतत एवं सकारात्मक विकास की दिशा में काफी तेजी से कदम बढाए हैं. यह जानकारी KPMG-कोलियर्स (KPMG-Colliers) द्वारा हाल ही में रियल एस्टेट के क्षेत्र को लेकर जारी की गई एक रिपोर्ट में साझा की गई है.
ग्रीन बिल्डिंग का महत्त्व
ज्यादातर कॉर्पोरेट और प्राइवेट दफ्तर अब पर्यावरण फ्रेंडली बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं और 2023 में भारत के कुल ऑफिसों में से 61% ऑफिस, मार्केट स्टॉक ग्रीन दिशा में आगे बढ़े हैं. इसके साथ ही KPMG-कोलियर्स (KPMG-Colliers) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सर्वे में शामिल कुल कंपनियों में से 94% कंपनियों को हरित इमारतों के महत्त्व के बारे में पता है और कंपनी की वैल्युएशन बढ़ाने में यह काफी मददगार साबित हुई है. एनर्जी बचाने वाली इमारतों की मांग में वृद्धि के साथ-साथ उनकी तरफ बढती कंपनियों की रूचि में इजाफा हुआ है.
रेटिंग सिस्टम का भी हो रहा है इस्तेमाल
KPMG और कोलियर्स द्वारा साथ मिलकर तैयार की गई इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रियल एस्टेट डेवलपर्स ग्रीन इमारतों की बढ़ती हुई मांग की पूर्ती के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. इसके साथ ही सतत एवं सकारात्मक कमर्शियल रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में LEED जैसे रेटिंग सिस्टम्स एवं ग्रीन रेटिंग इंटीग्रेटेड हैबिटैट एसेसमेंट (GRIHA) और वेल बिल्डिंग सर्टिफिकेशन जैसे रेटिंग सिस्टम्स भी शामिल हैं.
ग्रीन इमारतों की मांग वाले प्रमुख शहर
वर्तमान में देश के प्रमुख शहरों और अन्य मेट्रोपोलिटन शहरों में भी Grade A स्टॉक का महत्त्व काफी ज्यादा है और इन शहरों में बैंगलोर, दिल्ली-NCR, हैदराबाद, मुंबई, चेन्नई और पुणे जैसे शहर शामिल हैं और ये शहर कुल 421 मिलियन स्क्वेयर फीट की जगह के लिए जिम्मेदार हैं. KPMG और कोलियर्स की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 16-26% पुरानी बिल्डिंग को अपग्रेड की जरूरत हाई जिसके बाद इनके प्रदर्शन में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है. आपको बता दें कि रियल एस्टेट डेवलपर्स के द्वारा बनाये जा रहे इन ग्रीन प्रोजेक्ट्स की बदौलत भारत के सतत एवं सकरात्मक विकास के लक्ष्यों को भी मजबूती मिलेगी.
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