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अब Mahua Moitra ने ऐसा क्या कर दिया कि गृह मंत्री तक पहुंच गई शिकायत?
टीएमसी लीडर महुआ मोइत्रा एक नई मुश्किल में फंस गई हैं. उनके पूर्व दोस्त ने उन पर जासूसी का आरोप लगाया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
कैश-फॉर-क्वेरी मामले में संसद से निष्कासित हुई टीएमसी लीडर महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) अब एक नई मुश्किल में फंस गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसी जमाने में उनके दोस्त रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने महुआ पर जासूसी का आरोप लगाया है. देहाद्राई ने गृह मंत्री अमित शाह और CBI चीफ प्रवीण सूद को पत्र लिखकर इस मामले में जांच की मांग की है. पत्र में जय अनंत देहाद्राई ने लिखा है कि महुआ बंगाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की मदद से मेरी जासूसी करवा रही हैं. संभवतः मेरे फोन नंबर के जरिए मेरा लोकेशन ट्रैक किया जा रहा है.
पहले भी कर चुकी हैं ऐसा
सुप्रीम कोर्ट के वकील देहाद्राई का कहना है कि पूर्व TMC सांसद महुआ मोइत्रा पहले भी ऐसा कर चुकी हैं. वह 2019 में सुहान मुखर्जी नाम के एक शख्स की लोकेशन ट्रैक करवाती थीं, जिसकी जानकारी महुआ ने मुझे खुद दी थी. देहाद्राई के मुताबिक, महुआ उस समय सुहान के साथ रिलेशनशिप में थीं. उन्हें शक था कि सुहान का किसी जर्मन महिला से संबंध है. इसलिए महुआ सुहान की कॉल डिटेल्स निकलवाती थीं. उन्हें सब पता होता था कि सुहान किससे बात करता है, कहां जाता है.
जवाब देकर डिलीट किया पोस्ट
वहीं, जय अनंत देहाद्राई के आरोपों के बाद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसका जवाब दिया. उन्होंने तंज भरे लहजे में लिखा- 'मैं गृह मंत्रालय से आग्रह करती हूं कि भारत के सभी एक्स बॉयफ्रेंड्स की शिकायतों की जांच के लिए एक स्पेशल CBI डायरेक्टर नियुक्त किया जाए'. लेकिन बाद में महुआ ने अपने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया. बता दें कि संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने (कैश फॉर क्वेरी) के मामले में TMC लीडर महुआ मोइत्रा को 8 दिसंबर को संसद से निष्काषित कर दिया गया था. महुआ ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. इस याचिका पर 3 जनवरी यानी आज सुनवाई हो सकती है.
ऐसे हुई थी संसद से विदाई
BJP सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों के बाद महुआ मोइत्रा की जांच शुरू हुई थी, जिसमें उनके ऊपर लगे आरोपों को सही पाया गया. इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी. दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ ने लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछे हैं. उन्होंने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से की थी. बिरला ने मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी बनाई. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ को दोषी माना गया, जिसके बाद महुआ के निष्कासन का प्रस्ताव 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश हुआ. इस मुद्दे पर लोकसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस के बाद आखिर में प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसमें विपक्ष ने वॉकआउट किया. लिहाजा, वोटिंग में महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने प्रस्ताव पास हो गया.
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