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नौकरी बदलते समय PF को लेकर इस बात का रखें ध्यान, वरना होगा बड़ा नुकसान
कई बार लोग PF अकाउंट को 5 साल का होने से पहले ही पैसा निकाल लेते हैं, जो एक बड़ी भूल है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
यदि नौकरी बदलते समय आप पुरानी कंपनी वाले प्रोविडेंट फंड (PF) से पैसा निकालते हैं, तो आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. नियम के मुताबिक, अगर कर्मचारी का PF अकाउंट 5 साल पुराना नहीं है और उसमें से पैसा निकाला जाता है, तो उस रकम पर इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा. दरअसल, 5 साल की सेवा पूरी करने से पहले PF से निकाले गए पैसे को सालाना आय में जोड़ा जाता है. इस रकम पर आपको अपनी टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स भरना होगा.
एक ही रहेगा UAN नंबर
लिहाजा, यदि आप टैक्स चुकाने से बचना चाहता है, तो आपको अपना PF अकाउंट एक्टिव रखना होगा. जैसे ही आप कोई दूसरी कंपनी जॉइन करेंगे, नई कंपनी आपके पीएफ खाते में पैसा जमा करना शुरू कर देगी. उदाहरण के तौर पर आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर या UAN पहले जैसा ही रहेगा, लेकिन, आपके PF अकाउंट में दो खाते प्रदर्शित होंगे. इसलिए नौकरी बदलते समय नए नियोक्ता को UAN प्रदान करें और अपने पुराने अकाउंट को एक्टिव बनाए रखें.
अकाउंट को मर्ज करना बेहतर
सैलरी पाने वाले व्यक्ति के पास केवल एक UAN होता है, जो सेवानिवृत्ति तक काम करता रहेगा. कृपया ध्यान दें कि आपके पुराने PF खाते की शेष राशि को आपके नए खाते से नहीं जोड़ा जाएगा. आपके पिछले नियोक्ता का अंशदान अलग से दिखाया जाता रहेगा. इसलिए कर्मचारियों को पिछले खाते में पड़े फंड को नए में जोड़ने के लिए अपने पुराने और नए खातों को मर्ज करना होगा. पीएफ खातों को मर्ज करने की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की जा सकती है. खाते मर्ज होने के बाद, आप पूरी राशि देख सकेंगे और राशि पर ब्याज भी अर्जित कर सकेंगे. मर्ज करने पर आपको अलग-अलग खातों के लिए अलग-अलग लॉग इन करने की जरूरत नहीं होगी और न ही आपको अलग-अलग खातों को अपडेट करना होगा. मर्ज करने प्रक्रिया को स्टेप बाय स्टेप समझते हैं:
इस तरह करें खातों को मर्ज
पीएफ खातों को मर्ज करने के लिए सबसे पहले ईपीएफओ के आधिकारिक पोर्टल epfindia.gov.in पर जाएं. अब ऑनलाइन सर्विसेज पर क्लिक करें. 'वन मेंबर-वन ईपीएफ अकाउंट' टैब चुनें. आपकी व्यक्तिगत जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी. अपने पिछले संगठन की मेम्बरशिप ID, पुराना PF खाता संख्या और UAN दर्ज करें. इसके बाद 'गेट डिटेल्स' के विकल्प पर क्लिक करें. अब ओटीपी डालकर आगे बढ़ें, आपकी रिक्वेस्ट सबमिट हो जाएगी. ईपीएफओ डेटा वेरिफाई करने के बाद आपका अकाउंट मर्ज हो जाएगा. इसके बाद आप एक ही पीएफ खाते में कुल जमा राशि देख सकते हैं.
इस बात का भी रखें ध्यान
रिटायरमेंट के लिए बड़ा फंड जमा करने में पीएफ फायदेमंद होता है. आपकी कमाई का एक हिस्सा पीएफ खाते में जमा होता है. इस राशि से वेतनभोगी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त रकम मिलती है. इसके बाद उन्हें कर्मचारी पेंशन योजना या (ईपीएस-95) के तहत पेंशन के रूप में हर महीने एक निश्चित राशि मिलती है. यह पेंशन आजीवन मिलेगी. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि पीएफ खाते में 10 साल के लिए योगदान किया जाए. तभी 58 साल की उम्र के बाद पेंशन मिलेगी. दस साल पूरा होने से पहले पीएफ खाते से पूरी रकम निकालने वालों को पेंशन का लाभ नहीं मिलता है. यदि चार साल के भीतर PF की रकम निकाली जाती है, तो पीएफ खाते में ब्रेक आ जाएगा. यदि आप पिछली नौकरी के PF अकाउंट से पैसा निकालकर नई नौकरी जॉइन करते हैं, तो नई नौकरी की जॉइनिंग डेट से आपको 10 साल पूरे करने होंगे.
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