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क्या बार-बार चेक करने से गिरता है Cibil Score, जानें कब-कब देखना चाहिए स्कोर?
आप अपना CIBIL Score स्कोर कितनी बार चेक कर सकते हैं? या फिर आपको अपना क्रेडिट स्कोर कितनी बार चेक करना चाहिए? आइए समझते हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 week ago
CIBIL Score वो स्कोर है, जिसे देखकर बैंक आपको लोन देने के लिए तैयार रहते हैं. CIBIL Score का दायरा 300 से 900 के बीच में होता है. ऐसे में जितना आपका स्कोर 900 के पास रहेगा, उतना आपकी फाइनेंशियल कंडीशन के लिए अच्छा होता है. कोविड के बाद से लोन लेने की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है. इसलिए सभी लोग CIBIL Score से जुड़े हर सवाल को क्लियर करना चाहते हैं. बहुत में से एक सबसे बड़ा सवाल है कि अगर हम बार-बार CIBIL Score को चेक करते हैं, तो क्या वो डाउन हो जाएगा? हमारा इसके लिए जबाव है, हां भी और नहीं भी. चलिए बताते हैं आखिर ऐसा क्यों है.
कैसे चेक करे अपना सिबिल स्कोर?
दरअसल CIBIL Score ग्राहक की पास्ट हिस्ट्री की एक रिपोर्ट होती है, जो बैंक को बताती है कि कब लोन लिया गया है और कब लोन के बारे में पूछताछ की गई है. अगर आप खुद CIBIL Score को चेक कर रहे हैं, तो आपके CIBIL Score पर कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा. इसके अलावा अगर आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो लोन देने वाली कंपनी आपके CIBIL Score को चेक करेगी. जब कंपनी चेक करे तो आपका CIBIL Score डाउन हो सकता है. आइए इसके लिए आपको हार्ड इन्क्वायरी (Hard Enquiry) और सॉफ्ट इन्क्वायरी (Soft Enquiry) को समझना होगा.
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क्या है हार्ड इन्क्वायरी?
जब कोई बैंक या NBFCs आपका CIBIL Scoreचेक करते हैं तो इसे हार्ड इन्क्वायरी कहते हैं. अगर एक साथ कई लेंडर्स आपका CIBIL Scoreचेक करते हैं तो इससे आपके सिबिल स्कोर पर असर पड़ सकता है. दरअसल जब कोई व्यक्ति लोन लेने जाता है तो वो एक साथ कई बैंकों में संपर्क करता है. उस समय बैंक की ओर से उसका सिबिल स्कोर चेक किया जाता है. इस तरह अलग-अलग बैंक जब किसी का सिबिल स्कोर चेक करते हैं तो स्कोर में कुछ पॉइंट की गिरावट आ जाती है. आपके क्रेडिट रिपोर्ट में इसकी डीटेल दी जाती है कि आपके लिए कब–कब हार्ड-इन्क्वायरी की गई है.
क्या होती है सॉफ्ट इन्क्वायरी?
जब आप अपने स्कोर को किसी ऐप के जरिए चेक करते हैं तो इसे सॉफ्ट इन्क्वायरी कहा जाता है. आमतौर पर सॉफ्ट इन्क्वायरी से आपके CIBIL Score पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. बल्कि अगर आप समय-समय पर अपना CIBIL Score चेक करते हैं, तो आप अपने स्कोर को लेकर जागरुक रहते हैं. ऐसे में स्कोर गिरने पर आप उसे सुधारने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं. ब्लकि कई फाइनेंशियल एक्सपर्ट ये सलाह देते हैं कि CIBIL Score 3-6 महीनों के पीरियड में चेक करना चाहिए. इसके अलावा आप अगर किसी भी तरह के लोन या फिर क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो आपको खासकर एक बार अपना CIBIL Score जरूर चेक करना चाहिए.
ये भी हैं CIBIL Score गिरने की वजह
सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच निर्धारित किया जाता है. आमतौर पर 750 से ज्यादा सिबिल स्कोर को अच्छा माना जाता है. बता दें कि सिबिल स्कोर गिरने की मुख्य वजह बेशक तय समय में लोन रीपेमेंट न करना है, लेकिन इसके अलावा भी कई फैक्टर्स आपके स्कोर को प्रभावित करते हैं जैसे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो गड़बड़ होना, कम समय में कई बार लोन के लिए अप्लाई करना, लोन सेटलमेंट करना, किसी ऐसे व्यक्ति का लोन गारंटर बनना जो समय से लोन न चुकाए, क्रेडिट कार्ड पेमेंट समय पर न करना आदि.
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