कपिल देव
1983 के वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया था. कल्पनाओं से इतर कपिल देव की सेना ने ऐसा खेल दिखाया कि हर कोई हैरान रह गया. वैसे तो इस जीत के नायक कपिल ही थे, लेकिन टीम के हर सदस्य ने कुछ न कुछ योगदान ज़रूर दिया. आइए जानते हैं कि 83' की जीत के खिलाड़ी आज क्या कर रहे हैं.
सुनील गावस्कर
क्रिकेट में सुनील गावस्कर के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. हालांकि, 83 के फाइनल में वह कुछ ख़ास नहीं कर पाए, लेकिन उनकी मौजूदगी ही बाकी खिलाड़ियों के काफी थी. गावस्कर भी लगातार क्रिकेट से जुड़े रहे हैं. इस समय वह क्रिकेट मैचों में कमेंट्री करते हैं. क्रिकेट बेस्ड प्रोग्राम में शिरकत करते हैं और सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं. उनकी नेट वर्थ भी 210 करोड़ के आसपास है.
कृष्णामाचारी श्रीकांत
कृष्णामाचारी श्रीकांत विस्फोटक बल्लेबाज माने जाते थे. फाइनल मैच में उन्होंने 57 गेंदों में 38 रन बनाए थे. 1992 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया, लेकिन क्रिकेट से पूरी तरह नाता नहीं तोड़ा. वह कमेंट्री करते हैं और टीवी पर एक्सपर्ट्स एडवाइज देते हुए नजर आते रहते हैं. 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार श्रीकांत की नेट वर्थ लगभग 66 करोड़ रुपए है.
रवि शास्त्री
रवि शास्त्री 1983 वर्ल्ड कप में बेहतरीन ऑलराउंडर के रूप में नजर आए थे. उन्होंने 1992 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, मगर वह क्रिकेट के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते. वह भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच भी रह चुके हैं और कमेंट्री भी करते रहते हैं. उनकी नेट वर्थ 58 करोड़ के आसपास है.
संदीप पाटिल
टीम इंडिया के मध्यक्रम को मजबूती देते थे संदीप पाटिल. उन्होंने 1983 के फाइनल मुकाबले में 27 रनों की पारी खेली थी. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह केन्या के कोच की रहे थे. फिलहाल, वह कभी-कभी एक्सपर्ट्स के रूप में TV पर दिखाई दे जाते हैं.
यशपाल शर्मा
यशपाल शर्मा एक बेहतरीन बल्लेबाज थे. 1983 वर्ल्ड कप के दौरान उन्होंने दो अर्धशतक लगाए थे. 13 जुलाई 2021 को हार्टअटैक के चलते यशपाल शर्मा का निधन हो गया था.
बलविंदर संधू
83 के फाइनल में बलविंदर संधू ने बेहतरीन गेंदबाजी की थी. उन्होंने 9 ओवर में 32 रन देकर वेस्ट इंडीज के दो विकेट चटकाए थे. साथ ही, इस मैच में उन्होंने महत्वपूर्ण 11 रन ठोंके थे. 1984 के बाद उन्होंने कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला. वह मीडिया से भी दूर रहते हैं.
मदन लाल
83 के वर्ल्ड कप में मदन लाल ने दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा विकेट लिए थे. उन्होंने 8 मैचों में 17 विकेट गिराए थे. क्रिकेट छोड़ने के बाद वह राजनीति में शामिल हुए. हालांकि, क्रिकेट से जुड़े कई कार्यक्रमों में वह नजर आते हैं और अपना एक्सपर्ट्स ओपिनियन भी देते रहते हैं.
सैयद किरमानी
टीम इंडिया विकेट कीपर सैयद किरमानी ने 1983 वर्ल्ड कप में बल्लेबाजी में भी हाथ आजमाया था. उन्होंने फाइनल मुकाबले में 14 रन बनाए थे और ये वो 14 रन कितने महत्वपूर्ण थे सभी जानते हैं. किरमानी क्रिकेट से दूर अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं.
रोजर बिन्नी
1983 के वर्ल्ड कप में रोजर बिन्नी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. फाइनल मुकाबले में जब टीम इंडिया बेहद कम स्कोर को डिफेंड करने उतरी तो उन्होंने 10 ओवर में 23 रन देकर 1 विकेट लिया था. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह अपना ज़्यादातर समय परिवार के साथ ही बिताते हैं.
मोहिंदर अमरनाथ
लाला अमरनाथ के बेटे मोहिंदर अमरनाथ की गिनती टीम इंडिया के दिग्गज खिलाड़ियों में होती है. वह 83 का विश्वकप खेलने वाली टीम के उपकप्तान भी थे. उन्होंने फाइनल मैच में 7 ओवर में 12 रन देकर 3 विकेट लिए थे. अमरनाथ टीवी प्रोग्राम्स में क्रिकेट पर बात करते नजर आते रहते हैं.
कीर्ति आजाद
83 की ऐतिहासिक जीत का हिस्सा रहे कीर्ति आजाद क्रिकेट की पिच से सियासत में उतर आए हैं. वह लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं. वर्ल्ड कप में उन्होंने अच्छी इकोनॉमी से गेंदबाजी की थी.
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