वरिष्ठ टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया
भारत रत्न राजर्षी पुरुषोत्तम दास टंडन की जयंती पर हिंदी के प्रति उनके प्रेम को समर्पित करते हुए इनक्रेडिबल इंडया फाउंडेशन द्वारा 'वन्दे हिन्दी समागम' कार्यक्रम का भव्य आयोजन शहर के संस्कृति भवन में किया गया. इस आयोजन में देश के वरिष्ठ पत्रकारों और साहित्यकारों ने राष्ट्र के विकास में मातृ भाषा हिन्दी की भूमिका पर अपने महत्वपूर्ण विचार प्रकट किए.
भारतीय वायुसेना महिला कल्याण एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्षा श्रीमती आशा भदौरिया
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि एवं गीतकार प्रो. सोम ठाकुर ने की. भारतीय वायुसेना महिला कल्याण एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्षा श्रीमती आशा भदौरिया और डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर प्रो. अजय तनेजा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे.
इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन के चेयरमैन श्री पूरन डावर
इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन के चेयरमैन श्री पूरन डावर ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा, "आने वाला समय भारत का है. पूरी दुनिया अब हिंदी की ओर देख रही है. उन्हें हिंदी में अब अवसर दिखने लगा है. मुझे गर्व होता है, जब मैं अपने कारोबारी मित्रों से हिंदी में बात करता हूं." उन्होंने हिंदी को दुनिया की सबसे बेहतर भाषा बताते हुए कि हिंदी ही एक ऐसी भाषा है, जिसमें अभिव्यक्ति को बेहतर ढंग से अभिव्यक्त किया जा सकता है.
राज्यसभा टीवी के संस्थापक संपादक राजेश बादल
इसके बाद राज्यसभा टीवी के संस्थापक संपादक राजेश बादल ने कहा, "आजादी को बचाए रखने का माध्यम हिंदी है. मैं आज ये बात गर्व से कह सकता हूं कि 100 करोड़ से ज्यादा लोग हिंदी बोलते और समझते हैं, इसलिए हिंदी राष्ट्र ही नहीं अब अंतरराष्ट्रीय भाषा है."
वरिष्ठ टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया
वरिष्ठ टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया ने कहा, "आज हिंदी का रेवेन्यू इंग्लिश चैनल से ज्यादा है. हिंदी दुनिया की तीसरी बड़ी भाषा है. हिंदी का विकास बहुत हद तक सरकार की कार्यशैली पर भी निर्भर करता है और ये 7 से 8 साल हिंदी के लिए स्वर्णिम युग है."
इंडिया टीवी के सीनियर एडिटर दिनेश कांडपाल
'कल की हिंदी और आज हिंदी का भविष्य' पर अपने विचार रखते हुए इंडिया टीवी के सीनियर एडिटर दिनेश कांडपाल ने कहा, "जो किसी ने नहीं किया, उसे मैं करूंगा. ये मैंने उस वक्त प्रण किया, जब मुझे टीवी के लिए सेना पर एक कार्यक्रम तैयार करने के दौरान हिंदी में कोई जानकारी नहीं मिली. इस बात से मैं इतना आहत था कि मैंने इसकी कमी को दूर करने के लिए सेना पर एक हिंदी में किताब लिख दी, जिसका नाम 'पराक्रम' है." कार्यक्रम के दौरान इस किताब का विमोचन भी किया गया.
बिजनेस वर्ल्ड हिंदी के संपादक अभिषेक मेहरोत्रा
बिजनेस वर्ल्ड हिंदी के संपादक अभिषेक मेहरोत्रा ने अपनी राय रखते हुए कहा, "हिंदी अब पहले की तरह कमजोर नहीं है. हिंदी अब मजबूत है. मैं गर्व के साथ खुले तौर पर कह सकता हूं कि मेरी आज जो सैलरी है, वो किसी इंग्लिश संपादक की सैलरी से कहीं कम नहीं है. हिंदी अब आपको बाजार दे रहा है. कमाई का मौका दे रहा है. यदि कोई समस्या है तो वो शिक्षा को स्तर पर है. आज भी बच्चे स्त्रीलिंग-पुलिंग के चक्कर में फंसे रहते हैं. उन्हें पता ही नहीं होता है कि बस आती है या आता है, चम्मच छोटा है या छोटी? जरूरत शिक्षा के स्तर पर सुधार की है. बच्चों को हिंदी की ताकत बतानी होगी."
न्यूज 18 इंडिया के एसोसिएट एडिटर यतींद्र शर्मा
न्यूज 18 इंडिया के एसोसिएट एडिटर यतींद्र शर्मा ने बड़े ही मजेदार अंदाज में कहा, "हिंदी का आज बोलबाला है, जब हिंदी का कोई संपादक फील्ड में जाता है तो उसके साथ सेल्फी लेनी की होड़ मच जाती है, जबकि इंग्लिश के एडिटर्स के पास कोई नहीं जाता. हिंदी के एडिटर्स के लिए सेल्फी की लाइन लग जाती है. उन्होंने खुलकर कहा कि पहचान अब हिंदियत की है, इंग्लिशियत की नहीं."
वरिष्ठ पत्रकार अनुरंजन झा
तीसरे पैनल में विचार-विमर्श के दौरान वरिष्ठ पत्रकार अनुरंजन झा ने कहा, "आप अपने बच्चे को पिताजी के पास पहुंचा दीजिए, हिंदी की समस्या खत्म हो जाएगी. हिन्दी की भाषा ऐसी हो, जो सहज हो सके. हिन्दी भारत की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हो चुकी है. आपको किसी भाषा को किनारा नहीं करना है, उसे आत्मसात करना है.
वरिष्ठ पत्रकार शैलेश रंजन
वरिष्ठ पत्रकार शैलेश रंजन ने कहा, "बच्चे को ये भरोसा दिला सकें कि उन्हें हिंदी पढ़ते हुए भी अच्छी नौकरी मिल सकती है. हमें हिंदी को उस स्तर तक ले जानी होगी. इसकी शुरुआत हमें घर से ही करनी होगी. हमें हिंदी दिवस की जरूरत नहीं. हमें इसके प्रचार प्रसार की जरूरत सभी 365 दिन है. आप अपने बच्चों को गुड मॉर्निंग की जगह सुप्रभात बोलना सिखाकर इसकी शुरुआत कर सकते हैं."
वरिष्ठ पत्रकार गरिमा सिंह
वरिष्ठ पत्रकार गरिमा सिंह ने कहा, "जब हम अपनी भाषा में बात करते हैं तो उसकी तान दूर तक सुनाई देती है. संस्कारशाला आपका घर है और इसकी शिक्षिका मां हैं. ये जिम्मेदारी मां को भी उठानी होगी. जरूरत है बच्चों को शुरुआत से ही हिंदी के महत्ता बताना."
राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि पवन आगरी
राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि पवन आगरी ने कहा, "मैंने अपनी जिंदगी में अंग्रेजी का एक भी शब्द इस्तेमाल नहीं किया. हिंदी को सबसे ज्यादा समृद्ध कवि सम्मेलन ही कर रही है. ये पूरी दुनिया में विख्यात हो रही है. हिंदी को प्रचारित प्रसारित करने का बड़ा काम हिंदी फिल्मों के गाने भी करते हैं. हिंदी के बल पर हम बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं. जिन्होंने भी हिंदी के रूप में सपने को देखा है, वो जरूर पूरे होंगे."
स्क्वाड्रन लीडर ए.के. सिंह, चेयरमैन, आयोजन समिति
डॉ. मुनीश्वर गुप्ता, वरिष्ठ चिकित्सक
राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि एवं गीतकार प्रो. सोम ठाकुर और इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन के चेयरमैन श्री पूरन डावर
वरिष्ठ पत्रकार शैलेश रंजन को स्मृति चिह्न भेंट किया गया
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई
वरिष्ठ टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया के साथ बिजनेस वर्ल्ड हिंदी के संपादक अभिषेक मेहरोत्रा
राज्यसभा टीवी के संस्थापक संपादक राजेश बादल को स्मृति चिह्न भेंट किया गया
डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर प्रो. अजय तनेजा
वरिष्ठ पत्रकार गरिमा सिंह के साथ बिजनेस वर्ल्ड हिंदी के संपादक अभिषेक मेहरोत्रा
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