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आप किसी को स्किल दे सकते हैं लेकिन एटीट्यूड नहीं दे सकते हैं : गुरचरन दास
उन्होंने कहा कि हमारे ही देश में महाराष्ट्र के सामान्य स्कूल से पढ़ाई करने वाला एक सिक्योरिटी गार्ड किसी कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट के लिए रोल मॉडल बन जाता है ये सबकुछ आपके एटीटयूड से ही होता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
दिल्ली में हो रहे इंडिया बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल में देश की कई जानी मानी हस्तियां पहंची हुई है, जिसमें एक हैं गुरचरण दास जो कि गैंबल इंडिया के सीईओ और मैनंजिंग डायरेक्टर हैं. इस मौके पर उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं मानता हूं कि आप किसी को स्किल दे सकते हैं लेकिन आप उसे एटीट्यूड नहीं सकते हैं.
कैसे करें अच्छे टैलेंट की पहचान
गुरचरन दास से कई लोगों ने अलग अलग सवाल पूछे. उन्हीं में एक शख्स ने पूछा कि आप हमें बताईए कि आखिर हम अपनी कंपनी में अच्छे टैलेंट की पहचान कैसे करें. इसका जवाब देते हुए गुरचरण दास ने कहा कि आप अपनी कंपनी में काम करने वाले किसी भी आदमी को स्किल दे सकते हैं लेकिन एटीट्यूड नहीं दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि आप उससे ये मत पूछिए कि आपकी स्किल क्या है. क्योंकि अगर स्किल उसके अंदर नहीं है तो आप उसे वो दे सकते हैं. सबसे महत्वपूर्ण है उसका एटीट्यूड. अगर उसका एटीट्यूड पॉजीटिव है तो वो आपके लिए एक अच्छा कैंडिडेट हो सकता है.
जिदंगी के हर दिन को वैल्यूएबल समझें
गुरचरण दास ने कहा कि हमें जिंदगी को हमेशा ही कीमती समझना चाहिए. हर दिन की हमें कीमत समझनी चाहिए. उन्होंने इस बात को उदाहरण देकर समझाया कि अगर किसी को ये पता चल जाए कि उसकी तीन महीने बाद मौत होने वाली है तो वो क्या करता है. वो करता ये है कि हर दिन को बेहद कीमती समझकर जीने लगता है, हमें भी कुछ ऐसा ही करना चाहिए.
अपने बच्चों में पैशन पैदा करना जरूरी
ये 1947 में लाहौर के किंडरगार्डन की बात है मैं अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आया, मां ने दरवाजा खोला और पूछा क्या तुम फर्स्ट आए हों तभी मेरे पिता ने पीछे से कहा कि ये गलत सवाल है. मेरे पिता ने उनसे कहा कि तुम्हें ये पूछना चाहिए कि वो कितने नंबर लाना चाहता था क्या वो ला पाया है मेरे पिता के कहने का मतलब ये था कि माता पिता की भूमिका एक टीचर की तरह होती है, जिसमें वो अपने बच्चों में पैशन पैदा करते हैं. उन्हें ये जानना पड़ेगा कि आखिर बच्चा चाहता क्या है. जबकि हमारा स्कूलिंग सिस्टम ये कहता है कि क्या तुम फर्स्ट आए.
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