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जगजीत सिंह के चाहने वालों के लिए अनमोल तोहफा है,‘कहां तुम चले गए: दास्तान-ए-जगजीत’
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राजेश बादल ने गजल सम्राट के जीवन से जुड़े कई अनछुए पहलुओं को शब्दों में पिरोकर किताब के रूप में पेश किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह पर वैसे तो कई किताबें लिखी जा चुकी हैं, लेकिन वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राजेश बादल की किताब ‘कहां तुम चले गए: दास्तान-ए-जगजीत’ बाकियों से कुछ अलग है. इस किताब में गजल सम्राट की जिंदगी से जुड़े कई अनछुए पहलुओं के बारे में बताया गया है. किताब का विमोचन दिल्ली स्थित आईआईसी में किया गया. इंटरनेशनल मेलोडी फाउंडेशन और मंजुल पब्लिशिंग हाउस के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में जगजीत सिंह के भाई करतार सिंह ने उनकी गाई गजलों को पेश कर सबकी आंखों को नम कर दिया. किताब के विमोचन में गजल का आयोजन अपनी तरह का पहला प्रयोग रहा, जिसकी लोगों ने खूब सरहाना की.
क्या है इस किताब में?
किताब के लेखक राजेश बादल बताते हैं, 'आज तक जगजीत सिंह के जीवन पर कई किताबें बाजार में आई हैं, लेकिन पहली बार उनके जीवन के अनछुए पहलुओं पर मैंने प्रकाश डालने का प्रयास किया है. जब जगजीत सिंह जैसी शख्सियत हमारे बीच से चली जाती है, तो वो अपने साथ एक बड़ा अनुभव भी ले जाती है. ऐसे में हमें उस अनुभव को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए और मैंने यही कोशिश की है'. उन्होंने आगे कहा, "जगजीत भाई जो कर गए उसे एक किताब में पिरोना असंभव है, फिर भी मैंने एक प्रयास किया है. मेरी किताब उन लोगों के लिए है, जो जगजीत सिंह को समझना चाहते हैं, जानना चाहते हैं. उन्हें इस किताब में अपने हर सवाल का जवाब मिलेगा." राजेश बादल ने कहा, "आजकल लोगों की किताब पढ़ने की आदत कम हो रही है. हमारी पुस्तक संस्कृति खतरे में हैं. ऐसे में मेरी लोगों से गुजारिश है कि जितना संभव हो, किताबें पढ़ें और अपने जीवन को सुंदर बनाएं."
सफल रहा प्रयोग
सामान्य तौर पर जब भी किसी पुस्तक का विमोचन होता है, तो वहां उपस्थित अतिथियों के उद्बोधन के साथ कार्यक्रम समाप्त हो जाता है, लेकिन इस कार्यक्रम में गजल संध्या का आयोजन किया गया. इंटरनेशनल मेलोडी फाउंडेशन के महासचिव डॉ. हरिश भल्ला ने बताया कि पहली बार यह प्रयोग किया गया और लोगों को काफी पसंद भी आया. इस प्लेटफॉर्म से हमने पहली बार जगजीत सिंह के भाई करतार सिंह को भी लॉन्च किया है. भल्ला ने कहा कि राजेश बादल की किताब असल में जगजीत सिंह को नजदीक से जानने का एक शानदार दस्तावेज है. जैसे- जगजीत किस तरह मुंबई की सड़कों पर मदद करने निकलते और बेटी की शादी का निमंत्रण देने वालों को मिठाई के डिब्बे में पैसे देकर विदा कर देते.
'बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी'
पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में करतार सिंह ने अपने भाई की गजल पेश कीं, जिसे सुनकर जगजीत के चाहने वालों की आंखें भी नाम हो गईं. करतार सिंह ने कार्यक्रम की शुरुआत 'बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी' से की. इसके बाद उन्होंने 'कागज की कश्ती' को अपनी आवाज में पेश किया. पूरे कार्यक्रम में उन्होंने कई गीत दर्शकों के सामने पेश किए.
इन्होंने की कार्यक्रम में शिरकत
कार्यक्रम में सिक्किम के पूर्व राज्यपाल और चिंतक विचारक, कई पुस्तकों के लेखक वाल्मीकि प्रसाद सिंह, गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष और धर्मयुग के पूर्व सहायक संपादक एवं लेखक कुमार प्रशांत, वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल और अंतरराष्ट्रीय स्तर के रूमेटोलॉजी डॉक्टर वेद चतुर्वेदी, अंतरराष्ट्रीय स्तर की चित्रकार शशि त्रिपाठी, राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म मेकर और कई अलंकरणों से सम्मानित सतीश पांडे, रिटायर्ड आईएएस गोपाल दीक्षित, पूर्व सांसद और वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय, पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक डॉक्टर लक्ष्मी कांत वाजपेई, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में चलित संचार क्रांति विशेषज्ञ रहे संदीप अग्रवाल, प्रख्यात गायिका और पंजाब सरकार की सांस्कृतिक सलाहकार मधुमिता बोस, मंजुल पब्लिशिंग हाउस के संचालक विकास रखेजा, हिंदी बुक सेंटर और स्टार पब्लिकेशन के चेयरमैन अमर वर्मा, प्रख्यात गायिका ऋतु सिंह, जानी मानी डॉक्यूमेंट्री निर्माता निदेशक और पूर्व फ़िल्म अभिनेत्री डॉक्टर लवलीन थडानी, अमर उजाला के राजनीतिक संपादक विनोद अग्निहोत्री, पूर्व संस्कृति सचिव और वरिष्ठ आईएएस तथा संगीत के जानकार पंकज राग, सूचना के अधिकार के प्रख्यात जानकार श्री केजी वर्मा, वरिष्ठ आईपीएस निर्विकार, कारोबार विशेषज्ञ रजत अग्रवाल, कवियत्री ममता किरण, दूरदर्शन की पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जूरी पांडे, वरिष्ठ टीवी एंकर और पत्रकार मनीष अवस्थी, आईटी विशेषज्ञ सुश्री इशिता, बीएसएनएल के महा प्रबंधक आनंद खरे, वन्य प्राणी वृतचित्र विशेषज्ञ हिमांशु मल्होत्रा, मीडिया शिक्षण विशेषज्ञ डॉक्टर सबीना किदवई, अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविद कैप्टन एलएस बहल, एपीजे विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति और वृतचित्र निदेशक अशोक ओगरा, जानी मानी गायिका मोना खरे वरिष्ठ पत्रकार और पॉलिसी सर्किल पोर्टल के संचालक अनिल नायर, एक्सचेंज4मीडिया की VP प्रियंका भदौरिया, एक्सचेंज4मीडिया की इवेंट टीम मेंबर आस्था, Newx X के एंकर तरुण नांगिया, देश के जाने माने बालरोग विशेषज्ञ और चर्चित किताब गुलजार के लेखक डॉक्टर विनोद खेतान, सिंगर पूजा जैन, वरिष्ठ पत्रकार जे पी दीवान,प्रेस काउंसिल के सदस्य जय शंकर गुप्त और प्रेस क्लब के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा आदि उपस्थित थे.
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