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#IBLF: 2030 तक भारत को चीन से ज्यादा मिल सकती है चुनौती- जयदेव रानाडे पूर्व RAW Chief
भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कई सारी चुनौतियां अगले दशक में आ सकती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः Business World के इंडियन बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल (IBLF) के गुड़गांव में हो रहे समिट में रॉ के पूर्व चीफ और वर्तमान में चीन मामलों के थिंक टैंक Centre for China Analysis and Strategy के अध्यक्ष जयदेव रानाडे ने कहा कि 2030 तक भारत पर कई सारी विषम परिस्थितियों की चुनौती आ सकती है. लाल ब्रदर्स मीडिया एंड एंटरटेनमेंट के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन भुवन लाल से बात करते हुए रानाडे ने कहा कि भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कई सारी चुनौतियां अगले दशक में आ सकती है.
चीन से लेकर यूक्रेन संकट और अन्य जियोपॉलिटिकल वजह से बहुत कुछ बदलाव हो रहा है. किताब में सेना में हो रहे बदलावों के साथ ही साइंस एंड टेक्नोलॉजी में हो रहे बदलाव पर बात की गई है. रानाडे ने कहा कि बहुत से लोगों से बातचीत के आधार पर लिखी गई इस किताब में बताया गया है कि कैसे चीन सहित रूस, अमेरिका और यूरोप के देशों में क्या-क्या चुनौतियां आएंगी और भारत पर इनका कैसा असर पडे़गा.
इस किताब में विशेषज्ञ जो अलग-अलग देशों में तैनात रह चुके हैं उन्होंने अपने विचार रखे हैं और ये पॉलिसी मेकर्स को एक राह दे सकती है.
चीन से मिल सकता है क्या चैलेंज
रानाडे ने कहा कि भारत का यह दशक है, यह कहना मुश्किल है, लेकिन चीन से चैलेंज मिलने के बाद भी हम सही दिशा में जा रहे हैं. कोविड की वजह से थोड़ी रुकावट आई, लेकिन लग रहा है कि हमारे कई डिपार्टमेंट सही काम कर रहे हैं. वैसे चीन अब ज्यादा ग्रोथ नहीं कर पा रहा है और वो काफी मुश्किल है. कंपनियों ने वहां पर कर्मचारियों की सैलरी 30 फीसदी तक कम कर दी है. विश्व का सेंटीमेंट चीन के प्रति निगेटिव है.
चीन के साथ सीमा विवाद क्यों रहा है
चीन का भारत ही नहीं बल्कि कई देशों के सीमा विवाद चल रहा है. भारत में वो पहले ही डोकलाम, सिक्किम और अभी अरुणांचल में कोशिश कर चुका है कि भारत की सीमा में दाखिल होकर के कब्जा किया जा सके. हमने चीन को शुरू से ही सही मोटिव से नहीं जाना है. चीन के मंसूबे काफी खतरनाक है जिनको शुरू से ही नीति निर्धारिकों ने देखा नहीं है.
गलवान के संघर्ष को दिखाया गया
20वीं पार्टी कांग्रेस के उद्घाटन के दिन ही, भारत का नकारात्मक चित्रण सुनिश्चित करने के लिए गलवान में हुई झड़पों का एक वीडियो दिखाया गया था. चीन के नए सैन्य नेतृत्व की नियुक्तियों में भी भारत का नाम अप्रत्यक्ष रूप से आया. चीन के नए केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) में नियुक्त प्रत्येक सैन्य नेता को चुना गया है और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनके घनिष्ठ संबंध हैं. उनकी नियुक्ति से पीएलए पर शी की पूरी पकड़ का पता चलता है. यह पीएलए की प्रौद्योगिकी वृद्धि पर चीनी नेतृत्व के निरंतर जोर को भी दर्शाता है.
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