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कला के कद्रदानों के लिए दिल्ली में लगी है अनोखी प्रदर्शनी, आज दीदार का आखिरी दिन
तीन दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का आज आखिरी दिन है. इसका शीर्षक 'Eyes Say It All' रखा गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
कला के कद्रदानों के लिए दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित 'Satinless Art Gallery' में अद्भुत कला प्रदर्शनी लगी हुई है, जिसका आयोजन 'फरीदाबाद कालीबाड़ी' संस्था द्वारा किया गया है. इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 15 अप्रैल को किया गया था और आज यानी 17 अप्रैल को इसका आखिरी दिन है. कई राष्ट्रीय एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कलाकार दीपक कुमार घोष की चित्र कलाओं का प्रदर्शन 'Eyes Say It All' शीर्षक वाली इस प्रदर्शनी में किया गया है.
क्या करती है संस्था?
फरीदाबाद कालीबाड़ी की स्थापना चार दशक पहले लोगों की धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए की गई थी. शुरुआत से ही फरीदाबाद कालीबाड़ी का प्रयास लोगों, मुख्य रूप से गरीब और वंचित तबके के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का समर्थन करना है. अपने विविध सामाजिक कार्यों के अलावा कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने की अपनी गतिविधियों के क्रम इस बार संस्था ने कला प्रदर्शनी का आयोजन किया है.
'आंखें नकली नहीं होतीं'
प्रदर्शनी में प्रस्तुत किए गए दीपक कुमार घोष के यथार्थवादी चित्र उत्तम और उत्कृष्ट मानदंड के हैं और वह आंखों की निपुणता पर ध्यान केंद्रित करते हैं. क्योंकि उनका मानना है कि आंखें नकली नहीं हो सकतीं, वो सब कहती हैं. घोष की विभिन्न माध्यमों द्वारा प्रस्तुत - चारकोल, तेल, रंगीन पेंसिल, पेस्टल और पानी के रंग से बनाई गईं पेंटिंग्स एक झलक में ही बहुत कुछ कह जाती हैं.
इनकी रही उपस्थिति
बंगाली नव वर्ष के प्रथम दिन शुरू हुई इस कला प्रदर्शनी का उद्घाटन पद्मश्री से सम्मानित और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारतीय कथक नृत्यांगना एवं बिरजू महाराज जी की योग्य शिष्या शोभना नारायण ने फरीदाबाद कालीबाड़ी के प्रधान डॉक्टर प्रंजित भौमिक के साथ दीप प्रज्वलित करके किया. इसके बाद रवींद्र नाथ टैगोर की रचनाओं के गायन एवं कुणाल रावल की मधुर बांसुरी की आवाज ने प्रदर्शनी में उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस दौरान, इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन के चेयरमैन पूरन डावर, एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन और नोएडा फिल्म सिटी के संस्थापक-अध्यक्ष संदीप मारवाह और स्वतंत्र कला सलाहकार, लेखिका और सांस्कृतिक परियोजनाओं की क्यूरेटर सुषमा बहल आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.
पूरन डावर ने कही ये बात
उद्घाटन के दौरान पूरन डावर ने कहा कि किसी को संगीत और कला से तभी प्यार हो सकता है जब वह कला और स्क्रिप्ट को समझता है. संगीत को कला में विशेष रूप से राग दुर्गा आदि में परिवर्तित करना वास्तव में एक उल्लेखनीय कार्य है. उन्होंने आगे कहा कि एक कलाकार जो कला और संगीत को एक साथ जोड़ता है और जो कैनवास पर संगीत को अभिव्यक्त करता है, वह वास्तव में महान है. कालीबाड़ी के सदस्य अभिजीत गांगुली, अचिंतो पंडित, सांतनु देब सरकार, देबाशीष घोष, निलॉय चौधरी, तपन बेरा, मृण्मय चक्रबोर्ती और महिला सदस्यों ने प्रदर्शनी के सफलता संचालन में अपना सहयोग दिया. आज प्रदर्शनी का आखिरी दिन है. यह सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक कला के कद्रदानों के लिए खुली रहेगी.
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