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विदेश में नौकरी की चाह रखने वाले भारतीयों के लिए बड़ी खुशखबरी, इस देश ने खोला दरवाजा
भारत के लिए ऑस्ट्रेलियाई अवसर. ऑस्ट्रेलियाई सरकार भारतीय छात्रों और कुशल कर्मियों के प्रवेश की अनुमति दी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: कोविड महामारी के बाद इंटरनेशनल ट्रैवल सामान्य होने के बाद, ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय छात्रों और कुशल कर्मियों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं. इस फैसले के बाद भारतीय छात्र अब फिर से ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर सकते हैं. साथ ही विदेशों में काम करने की चाहत रखने वाले भारतीय भी अब आसानी से ऑस्ट्रेलिया में जॉब कर सकते हैं और अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैं. ऑस्ट्रेलिया की संघीय सरकार ने 'लिटिल इंडिया' (हैरिस पार्क, सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में) के विकास के लिए 3.5 मिलियन डॉलर प्रदान किए हैं, ताकि भारतीय पढ़ाई और जॉब के लिए ऑस्ट्रेलिया को प्रायोरिटी दें.
'लिटिल इंडिया' के विकास के लिए फंड की घोषणा
सिडनी में एक 'लिटिल इंडिया' है, जो भारत की भावना, सांस्कृतिक महत्व और मूल्यों का प्रतीक है. उद्देश्य ये भी है कि 'लिटिल इंडिया' सांस्कृतिक और व्यावसायिक दृष्टि से अपनी एक अलग पहचान बना सके. 'लिटिल इंडिया' के विकास के लिए अलग से फंड की घोषणा करना ऑस्ट्रेलियाई सरकार का एक ऐतिहासिक कदम है. यह इस बात का प्रमाण भी है कि ऑस्ट्रेलिया एक सुरक्षित माहौल में भारतीयों का स्वागत करने के लिए तैयार है.
इस सपने को साकार करने में कई साल लगे
3.5 मिलियन डॉलर का उपयोग इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यटन स्थल के रूप में इसके प्रचार के लिए किया जाएगा. इस क्षेत्र में भारतीय गौरव के प्रतीक 'इंडिया गेट' का भी पुनर्निर्माण किया जाएगा. इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में बोलते हुए लिटिल इंडिया हैरिस पार्क बिजनेस एसोसिएशन इंक. के अध्यक्ष संजय देशवाल ने कहा, "'लिटिल इंडिया' के सपने को साकार करने में कई साल लग गए. हमें यहां भारतीय समुदाय के लिए ऑस्ट्रेलिया से इतना मजबूत समर्थन देखकर गर्व और खुशी हो रही है. ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने भारतीयों के प्रवासन को सुगम बनाने और ऑस्ट्रेलियाई में एक अच्छा जीवन सुनिश्चित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है. ऑस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों और कुशल कर्मियों के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है."
कौन हैं संजय देशवाल?
संजय देशवाल ने आगे कहा, "'लिटिल इंडिया' के विकास के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा दिया गया फंड बुनियादी ढांचे और सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. हम भारत और भारतीयों को सलामी दोने के लिए 'लिटिल इंडिया' में इंडिया गेट भी बना रहे हैं. यह एक ऐतिहासिक विकास है. क्योंकि इससे पहले इस तरह का कुछ भी कभी नहीं किया गया है." संजय देशवाल ऑस्ट्रेलिया में ही रहते हैं और वहां एक सफल व्यवसायी भी हैं. उन्होंने वहां भारतीय समुदाय में अपनी विशेष पहचान बनाई है और प्रवासी भारतीयों की स्थिति में सुधार के लिए अधिकारियों और सरकार के साथ मिलकर काम करते हैं.
'लिटिल इंडिया' को सफल पर्यटन स्थल के रूप में देखना चाहते हैं
परमट्टा फेडरल एमपी (कैनबरा) डॉ. एंड्रयू चार्लटन ने कहा, "हमारा उद्देश्य 'लिटिल इंडिया' बनाना है, जिस पर सभी को गर्व हो. हमारा उद्देश्य यह है कि अगले कुछ वर्षों में जब हम रिटायर होंगे और यात्रा करने के लिए वापस आएंगे, तो हम 'लिटिल इंडिया' को एक सफल पर्यटन स्थल के रूप में फलते-फूलते देखेंगे. हम ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच अविश्वसनीय रूप से मजबूत संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम देख सकते हैं कि भारत के साथ संबंध ऑस्ट्रेलिया के लिए कितना बेहतर साबित हो रहे हैं. भारतीय उपमहाद्वीप के प्रवासी ऑस्ट्रेलिया में प्रवासियों का सबसे बड़ा समूह बनने वाले हैं. वे पहले ही चीन और अमेरिका को पीछे छोड़ चुके हैं. भारतीय छात्र और भारत के अन्य प्रवासी ऑस्ट्रेलिया के लिए एक उपहार हैं. वे देश के लिए बहुत कुछ लाते हैं. वे युवा हैं, अधिक शिक्षित हैं और बहुत मेहनती हैं."
भारतीयों का करता रहूंगा समर्थन
डॉ. जिओफेरी ली (सुधार मंत्री, एमपी पररामट्टा, एनएसडब्ल्यू संसद, ऑस्ट्रेलिया) ने भारतीय प्रवासियों के बारे में बात करते हुए पहले कहा था, "आधुनिक ऑस्ट्रेलिया प्रवास की लहरों पर बना है. विशेष रूप से पिछले 20 वर्षों से भारतीय प्रवासियों ने वास्तव में आधुनिक ऑस्ट्रेलिया में योगदान दिया है. वे सबसे अच्छे प्रवासियों में से एक हैं, क्योंकि वे कड़ी मेहनत करते हैं. वे समुदाय की परवाह करते हैं और सफल होते हैं. जब तक मैं सत्ता में हूं, मैं उन्हें समर्थन करता रहूंगा.'
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