होम / साक्षात्कार / Exclusive: कैसे बनी 'इंडिया@100 एक्शन रिपोर्ट', इसे तैयार करने वाले ने बताई पूरी कहानी

Exclusive: कैसे बनी 'इंडिया@100 एक्शन रिपोर्ट', इसे तैयार करने वाले ने बताई पूरी कहानी

आर्थिक विकास को सक्षम बनाने के लिए सामाजिक नीति की जरूरत है. इस रिपोर्ट को हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहाकार परिषद ने जारी किया था.

उर्वी श्रीवास्तव 1 year ago

नई दिल्लीः 'इंडिया@100 एक्शन रिपोर्ट', जिसमें भारत को 2047 तक कैसे विश्व का सर्वाधिक कमाई वाला देश बनाने की पहल करनी है, के क्रिएटर और हार्वड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर डॉ. क्रिश्चियन केटेल्स ने कहा कि आर्थिक विकास को सक्षम बनाने के लिए सामाजिक नीति की जरूरत है. इस रिपोर्ट को हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहाकार परिषद ने जारी किया था. इस अवसर पर उर्वी श्रीवास्तव, संपादकीय लीड, बीडब्ल्यू ईएसजी, बीडब्ल्यू बिजनेसवर्ल्ड के साथ बातचीत में प्रोफेसर केटेल्स ने रिपोर्ट को तैयार करने के अनुभव और ये क्यों तैयार की गई है उस पर विशेष प्रकाश डाला. प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंशः

प्रश्नः India@100 का विचार कैसे आया और इस रिपोर्ट को तैयार करने की प्रक्रिया क्या थी?

इसकी शुरुआत कुछ साल पहले हुई थी. मैं हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के लिए प्रोफेसर माइकल पोर्टर की टीम में टीम का नेतृत्व करता हूं. वह भारत की कई यात्राएं करते थे, जिसके दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत की, जिन्होंने उन्हें नीति आयोग के सामने एक प्रतिस्पर्धात्मक ढांचे के बारे में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया कि यह भारत को कैसे प्रभावित कर सकता है. इसके बाद उन्होंने हमें इस बात का विश्लेषण करने के लिए आमंत्रित किया कि भारत आज कहां खड़ा है और अगले 25 वर्षों में ऐसा क्या करना चाहिए जिससे हम आगे निकल सकें. ऐसे में यह रिपोर्ट तैयार करने का विचार आया.

प्रश्नः इस रिपोर्ट में आपके प्रमुख निष्कर्ष क्या थे?

रिपोर्ट में डायग्नोस्टिक्स पर एक सेक्शन है जो आज भारत के लिए बेहद जरूरी है. ऐसा कोई भी खाका नहीं है जो हर देश के लिए एक जैसा दिखता हो, इसलिए हमें अलग-अलग मापदंडों की जरूरत है. जैसा कि हम इस रोडमैप के बारे में सोचते हैं, दो प्रमुख टुकड़े हैं जो हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में सोच को आकार देंगे. पहला यह है कि देश के आर्थिक विकास के लिए लोगों की क्या आकांक्षाएं हैं? अर्थव्यवस्था के आकार, विकास दर आदि के बारे में अलग-अलग विचार हैं. हमें इसे समग्र रूप से एकत्रित करने की आवश्यकता है. हम '4S' सिद्धांतों के बारे में भी बात करते हैं. पहला 'शेयर' है, जहां सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि भारतीय समाज की व्यापक अदला-बदली तक पहुंच सकती है. दूसरा तत्व 'टिकाऊ' है, भारत को ऊर्जा की बहुत अधिक जरूरत है और साथ ही यह जलवायु परिवर्तन के अधीन है. एक मजबूत अक्षय ऊर्जा आधार बनाना समय की मांग है. तीसरा हम 'सामाजिक' प्रगति के बारे में बात करते हैं जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, बोलने की स्वतंत्रता और इसी तरह की अन्य चीजें शामिल हैं. चौथा टुकड़ा 'स्थिर' है जिसे हम अक्सर लचीलापन के साथ समानता देते हैं. हम अभी-अभी एक महामारी से बाहर निकले हैं, लेकिन जोखिम अनिश्चितता के साथ बना हुआ है.

दूसरा मुद्दा यह है कि हमारे प्रमुख विकास मॉडल क्या हैं. भविष्य के आर्थिक विकास में सामाजिक और आर्थिक विकास का एकीकरण करना होगा. कई जगहों पर हम तर्क देते हैं कि आर्थिक विकास को सक्षम करने के लिए सामाजिक नीति की आवश्यकता है. उदाहरण के लिए क्या हम महिलाओं के रोजगार के बारे में बात कर रहे हैं. यह तभी संभव है जब आप बच्चों की देखभाल और सार्वजनिक सुरक्षा के बारे में कोई प्रस्ताव दें. दूसरा पहलू यह है कि कैसे अर्थव्यवस्थाएं अलग तरह से विकसित हो रही हैं. हमने 'स्ट्रक्चरल ट्रांसफॉर्मेशन 2.0' मुहावरा गढ़ा है. भारत ने माध्यमिक क्षेत्र की तुलना में अपनी तृतीयक सेवाओं को तेजी से बढ़ाया है. भारत में कई लोग इसे एक समस्या के रूप में देखते हैं, लेकिन विश्व स्तर पर उद्योग के विकास पर भरोसा करना अक्सर निर्यात और मैन्युफैक्चरिंग विकास से जुड़ा होता है. भारत में हमें उस तरह के रोजगार सृजित करने के लिए व्यापक क्षेत्रों के बारे में सोचने की जरूरत है, जिसकी भारत को जरूरत है, जिसे हमने रिपोर्ट में भी रखा है.

प्रश्नः चूंकि हम 4S के बारे में बात कर रहे हैं, सामाजिक पहलू आर्थिक विकास की कुंजी है. भारत वर्तमान में मानव विकास सूचकांक में 188 देशों में 133वें स्थान पर है. हम 2047 तक इस अंतर को कैसे पाट सकते हैं?

रिपोर्ट में हमारे पास कुछ सुझाव और प्रस्ताव हैं, जिनमें से पहला आर्थिक और सामाजिक विकास के मापदंडों को एक साथ लेना है न कि साइलो में. हमने जो देखा है वह सबसे ज्यादा रोजगार सृजन पर केंद्रित है, क्योंकि जो चीज सबसे ज्यादा मायने रखती है वह है श्रम बाजार में गरीबों का प्रवेश. इसके लिए सामाजिक व्यवस्था को अनुकूल बनाने की जरूरत है. हमने ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जो उन लोगों के लिए अच्छे प्रवेश स्तर के अवसर हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता है. दूसरा उन मार्गों के माध्यम से रोजगार प्रदान कर रहा है जो कार्यबल में औपचारिक प्रवेश प्रदान करते हैं जहां से वे अधिक उत्पादक नौकरियों में विकसित हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो भारत महत्वपूर्ण प्रगति कर सकता है.

प्रश्नः क्या आप देखते हैं कि ये विकास 2047 तक अंतिम व्यक्ति तक पहुंच जाएगा? प्रतिस्पर्धी होने से हमें कैसे मदद मिलेगी?

इसकी कोई गारंटी नहीं है, अगर भारत सरकार हमारे सुझावों पर और इस रिपोर्ट पर ध्यान नहीं देती है तो, इस बात की बहुत कम संभावना है कि विकास सभी लोगों तक पहुंचेगा. हम ऐसे अवसर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं जो लोग वास्तव में इस रोडमैप पर कायम रह सकें.

प्रश्नः आपने कहा, "भारत अपनी चुनौतियों से कैसे निपटता है, इसका असर इस बात पर पड़ेगा कि दुनिया इन चुनौतियों से कैसे निपटती है. भारत का प्रदर्शन मायने रखता है." आपको क्या लगता है कि भारत की ऐसी कौन सी अनूठी चुनौतियां हैं जो दुनिया के सामने इसके मूल्य को बढ़ाती हैं?

सबसे पहले मैं उन वैश्विक चुनौतियों का उल्लेख करना चाहूंगा जो भारत में बहुत प्रासंगिक हैं. पहले हमने बात की कि अगली पीढ़ी के लोगों के लिए नौकरियां कहां से आएंगी, जो भारत और अफ्रीका जैसे दुनिया के कई हिस्सों के लिए एक बहुत ही वास्तविक सवाल है. इसका कोई सरल उत्तर नहीं है. हमने एक रास्ता तैयार किया है जिससे उम्मीद है कि भारत को इस समस्या को हल करने में मदद करेगा. दूसरा नेट जीरो इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा है. भारत को अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तरह, सस्ती ऊर्जा की आवश्यकता है और हमारे पास अक्षय ऊर्जा द्वारा इस ऊर्जा को बनाने और रास्ते में आर्थिक गतिविधि बनाने का अवसर है. अगर भारत ऐसा करने में कामयाब हो जाता है तो यह दूसरे देशों के लिए एक प्रतीक बन जाएगा. इसलिए भारत की सफलता विश्व के लिए इतनी महत्वपूर्ण है.

जहां तक ​​प्रतिस्पर्धात्मकता का संबंध है, हमें इन चुनौतियों से निपटने के लिए नीति निर्माण और कार्यान्वयन के लिए एक अधिक प्रभावी प्रणाली की आवश्यकता है. रिपोर्ट में हम कार्यान्वयन संरचना के बारे में बात करते हैं जिसे प्रतिस्पर्धी सरकार भी कहा जाता है. भारत ने उन नीतियों की घोषणा की है जो जाहिर हैं, वे प्रमुख चुनौतियों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. क्रियान्वयन में संघर्ष है. विचार 25 राज्यों के साथ-साथ अंतरराज्यीय कामकाज में समन्वय बढ़ाना है. इसके अलावा हमें स्थानीय स्तर पर सही विकल्प बनाने की जरूरत है क्योंकि रोजगार सृजन को प्रभावित करने वाले फैक्टर्स स्थानीय हैं.

प्रश्नः इंटरनल कोर्डिनेशन के अलावा, ऐसे कौन से बाहरी झटके हैं जो भारत की समृद्धि की यात्रा को बाधित कर सकते हैं?

सबसे पहले भारत की सफलता के प्रमुख निर्धारक घरेलू हैं. यह एक विशाल देश है, इसलिए आप दुनिया से प्रभावित हैं, लेकिन लंबे समय तक यह भारत के अपने हाथों में है. हकीकत यह है कि हम मुश्किल समय में जी रहे हैं. जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक मुद्दा है जो हम सभी को प्रभावित करता है. भारत को जवाब देना होगा और वैश्विक गठबंधनों को खोजना होगा. भू-राजनीतिक तनाव चिंता का विषय है, वे वैश्विक व्यापार को प्रभावित करते हैं, वे ऊर्जा आपूर्ति को प्रभावित करते हैं. इस मूल्य प्रणाली में भारत एक मूल्य आधारित और गुटनिरपेक्ष अर्थव्यवस्था है, इसलिए आपको दबावों के बीच संतुलन बनाना होगा. फिर हमारे पास पुराने प्रकार के व्यापार व्यवधान हैं, उदाहरण के लिए यूएस-चीन व्यापार युद्ध. हम अभी-अभी कोविड से उबरे हैं, हालांकि भारत में मामले बढ़ रहे हैं. हमें इस बात से सावधान रहना होगा कि भविष्य में हमारे लिए क्या रखा है.

VIDEO: 2030 तक भारत में होंगे 5 करोड़ इलेक्ट्रिक व्हीकल


टैग्स
सम्बंधित खबरें

आज AI हम सभी की जिंदगी का अहम हिस्‍सा बन चुका है: ऋचा सिंह 

ऋचा सिंह ने कई अहम मसलों पर अपनी बात कहते हुए कहा कि अगर एआई मेरे काम के 30 मिनट को बचाता है तो मैं उसे क्‍यों नहीं करना चाहूंगी. 

08-December-2023

चीन से परेशान हैं बड़े निवेशक, वॉरेन बफेट के लिए बड़ी चुनौती है भारतीय बाजार : समीर अरोड़ा

पलक शाह के साथ एक साक्षात्कार में, समीर अरोड़ा ने बताया कि Helios MF कैसे बाजार में लगातार आगे बढ़ता रहेगा.

23-October-2023

Exclusive: दुकानदार हो या ग्राहक सभी की आदत बदलने में समय लगता है: CEO ONDC 

CEO ONDC टी कोशी कहते हैं कि जनवरी में हमारे पास लगभग 800 व्यापारी थे, जबकि आज ये संख्‍या 2,00,000 से अधिक जा चुकी है और ये लगातार बढ़ रही है.

17-October-2023

हथकरघे से बने आधुनिक डिजाईन वाले कपड़े प्रदान कर रहा है Tata Group का ये ब्रैंड!

दिल्ली, नोएडा, हैदराबाद, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, चेन्नई, जमशेदपुर, वड़ोदरा, लखनऊ और कोलकाता जैसे शहरों में Taneira के 25 स्टोर्स मौजूद हैं.

17-June-2023

अब Amul बनाएगा आपके किचन का हर सामान, MD Jayen Mehta का ये है प्लान!

इससे पहले भी एक बार Amul डेयरी प्रोडक्ट्स के अलावा अन्य क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी को बढ़ाने की कोशिश कर चुका है.

10-May-2023


बड़ी खबरें

बॉलीवुड ही नहीं, दौलत के मामले में भी ‘क्वीन’ हैं कंगना, जानिए कितनी संपत्ति की हैं मालकिन

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश के मंडी में लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. दौलत के मामले में वे हिमाचल के उम्मीदवारों में अग्रणी हैं.

18 minutes ago

जिनसे मिलने के लिए लाइन में खड़े रहते हैं दुनियाभर के रईस, वो PM मोदी खुद कितने हैं अमीर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया है. उन्होंने बताया है कि उनके पास कुल कितनी संपत्ति है.

2 hours ago

Mutual Funds की फेवरेट हैं ये कंपनियां, बीते 3 सालों में 35 अरब डॉलर किए इन्वेस्ट

HDFC बैंक और रिलायंस जैसी कंपनियों पर म्यूचुअल फंड्स का भरोसा बढ़ा है. पिछले कुछ वक्त में फंड्स ने इनमें काफी पैसा लगाया है.

2 hours ago

ये है केजरीवाल के कुमार की पूरी जन्मकुंडली, जिन पर स्वाति मालीवाल ने लगाए हैं गंभीर आरोप

स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर उनके साथ मारपीट की गई है.

1 hour ago

अब इंसान की तरह बात करेगा, इमोशन समझेगा ChatGPT, लॉन्च हुआ ये नया वर्जन

हाल ही में कंपनी ने चैटजीपीटी (ChatGPT) का नया वर्जन GPT-4o (जीपीटी-40) लॉन्च हुआ है. यह चैटजीपीटी के मुकाबले दोगुनी स्पीड से काम करेगा.

17 hours ago