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क्या CA के सपोर्ट से होती हैं बड़ी-बड़ी गड़बड़ियां? पढ़ें, CA ईशा नारंग का जवाब
‘CA Day’ के मौके पर बिज़नेस वर्ल्ड ने चार्टर्ड अकाउंटेंट ईशा नारंग से जानने का प्रयास किया कि डिजिटल वर्ल्ड में CA की कार्यशैली कितनी बदली है और किस तरह की चुनौतियां उनके सामने आ रही हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
इनकम टैक्स रिटर्न से लेकर बड़े वित्तीय निर्णयों में CA यानी चार्टर्ड अकाउंटेंट की भूमिका कितनी अहम है, यह बताने की ज़रूरत नहीं. CA के पास फाइनेंस से जुड़ी हर समस्या का हल होता है. बीते कुछ वक्त में CA के कामकाज में काफी बदलाव आया है. ऐसे में ‘CA Day’ के मौके पर बिज़नेस वर्ल्ड ने चार्टर्ड अकाउंटेंट ईशा नारंग से जानने का प्रयास किया कि डिजिटल वर्ल्ड में CA की कार्यशैली कितनी बदली है और किस तरह की चुनौतियां उनके सामने आ रही हैं.
डिजिटल वर्ल्ड में CA का रोल कितना चेंज हुआ है?
CA किस तरह की चुनौतियों का सामना करते हैं?
सबसे बड़ी चुनौती है, खुद को अपडेट रखना. कानून में होने वाले हर बदलाव की पूरी जानकारी CA को रखनी पड़ती है. छोटी से छोटी बात उसे पता होनी चाहिए. सामान्य व्यक्ति CA से उम्मीद रखते हैं कि उसे A से लेकर Z तक की संपूर्ण जानकारी हो, ऐसे में हमें लगातार खुद को अपडेट करना पड़ता है. दूसरी चुनौती है, क्लाइंट की ज़रूरतों को पूरा करना. इसके बाद है सरकार को साथ लेकर चलना और कानूनों का पालन करना.
CA को गड़बड़ी का जन्मदाता कहा जाता है, क्यों?
पहले ज़रूर इस तरह के आरोप लगते थे, लेकिन अब जाने या अनजाने में कुछ गड़बड़ करने की गुंजाइश ही नहीं है. मौजूदा केंद्र सरकार इतनी सख्त है कि कोई भी कुछ गलत या कानून के विरुद्ध करने की सोच भी नहीं सकता. आजकल सारा सिस्टम डिजिटल हो रहा है, आधार-पैन लिंकिंग हो रही है, ऐसे में कोई चाहकर भी गड़बड़ नहीं कर सकता. ब्लैकमनी कांसेप्ट अब गुजरे ज़माने की बात हो गई है, अब सबकुछ वाइटमनी में ही होता है. हम कानून के अनुसार ही काम करते हैं और सभी को इसके लिए प्रोत्साहित करते हैं. हमें कानून में रहकर ही काम करना है, हमें भी डर है कि गलत किया तो कार्रवाई होगी.
इस फील्ड में करियर बनाने वालों के लिए कोई सुझाव?
जैसा कि मैंने पहले कहा, एक CA को खुद को अपडेट रखना बेहद ज़रूरी है. उसे मौजूदा कानून, उनमें होने वाले मामूली से मामूली बदलाव के बारे में जानकारी होनी चाहिए. रीडिंग और रिसर्च की आदत विकसित करें, क्योंकि जितना ज्यादा पढ़ेंगे उतना ही नॉलेज बढ़ेगी और कंसेप्ट क्लियर होंगे.
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