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गुरु जयेन्द्रपुरी के ये Tips दिलाएंगे आपको Stress से मुक्ति
जब आप जप करते हैं तो आपके दिमाग में एक रिदम पैदा होती है और वो नींद आने में मदद करती है. रात को सोने से पहले हाथ-पैरों और सिर पर शुद्ध घी लगाएं और सूंघें.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
आज की भागती दौड़ती जिंदगी में हर आदमी छोटी-छोटी समस्याओं से जूझ रहा है, जिसमें स्ट्रेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी कई परेशानियां ऐसी हैं जिनका हल आसानी से नहीं मिलता. ऐसी समस्याओं का हल कई बार हम डॉक्टर के पास जाकर तलाशने की कोशिश करते हैं, लेकिन उसका हल मेडिकल साइंस में नहीं, बल्कि हमारे जीवन जीने के तरीके में ही होता है. आखिर एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए क्या चाहिए?, आपकी लाइफस्टाइल इसमें क्या भूमिका निभा सकती है जैसे सवालों के जवाब जानने के लिए हमने कैलाश आश्रम महासंस्थान और राजराजेश्वरी देवस्थान के महामंडलेश्वर श्री श्री श्री जयेन्द्रपुरी महास्वामी से बात की.
आपकी संस्था क्या करती है? ये कैसे आम आदमी से जुड़ी हुई है?
कैलाश आश्रम महासंस्थान के संस्थापक गुरु तिरूचि स्वामींगल महाराज हैं. इसकी स्थापना 1960 में हुई और आज ये संस्था 62 वर्ष पूरे कर चुकी है. जब से ये शुरू हुई तब से गुरूजी सभी को यही संदेश देते आए कि आपको सही जीवन जीना चाहिए. जिनकी आराधना गुरुजी करते थे उनका नाम राजराजेश्वरी देवी था. हमारे इस प्रकल्प में दो संस्थान एक साथ काम करते हैं, जिसमें कैलाश महाआश्रम महासंस्थान और दूसरा राज राजेश्वरी मंदिर है. वैदिक ज्ञान, उपासना, सामान्य पढ़ाई और दूसरे शिक्षण कार्य हमारी संस्था कर रही है, जहां समस्याओं का समाधान बताने की कोशिश की जाती है. हम दोनों तरह के समाधान बताते हैं. भक्तों को बताते हैं कि केवल परिश्रम मात्र से उनके जीवन की समस्याओं का हल नहीं हो सकता. क्योंकि आध्यात्म से दूर होने कारण कई तरह की समस्याएं आ रही हैं. इसलिए उन्हें दोंनो तरह के हल बताते हैं.
आप जानते हैं कि जितने भी जियोमैट्रिकल शेप हैं, उसमें पिरामिड भी एक है. जब हम ट्राएंगल या स्क्वैयर बोलते हैं तो वो टू डायमेंशनल हैं, लेकिन पिरामिड एक ऐसी आकृति है जो थ्री डायमेंशनल है. ये दुनिया के सात अजूबों में से एक है. इसकी विशेषता ये है कि ये जब से बना तभी से चर्चा का विषय बना हुआ है. मैं जानना चाहता था कि आखिर इसमें ऐसा क्या है. 19 की उम्र में मुझे एक पुस्तक मिली जिसने मुझे बताया कि वो एक मजार नहीं है बल्कि जो उस वक्त राजा लोग हुआ करते थे वो मरने के बाद जहां जाते हैं. वहां पहुंचने के लिए उस रास्ते के मध्य में एक पड़ाव है. वो एक पिरामिड होने के साथ-साथ एक एनर्जी सेंटर भी है, जिससे वहां कॉस्मिक एनर्जी निकलती है. जब मैं यहां आया तो मैंने जाना कि यहां एक अस्पताल बन सकता है. पिरामड कॉस्मिक एनर्जी का चैनल है.
कॉरपोरेट वर्ल्ड में काम करने वाले लोग स्ट्रेस से बहुत परेशान हैं. इसका प्रबंधन उन्हें कैसे करना चाहिए?
स्ट्रेस मैनेजमेंट का सबसे आसान तरीका ये है कि आप अपने आराम का एक समय तय करें. मेरे पास जब लोग इस समस्या को लेकर आते हैं तो मैं पूछता हूं कि आप आराम कितने घंटे करते हैं और कब करते हैं. अगर आप विश्राम नहीं कर रहे हैं तो ये आप गलत कर रहे हैं. ये शरीर कोई मशीन नहीं है. मशीन की फिर भी हम समय-समय पर सर्विस करवाते हैं. हमें समझना चाहिए कि शरीर कोई ऐसी जगह नहीं है कि उसमें जिस चीज की कमी हो रही है आपने उसमें वो डाल दिया. इसका एक बॉयोलॉजिकल नियम है और वो नियम है कि आप लोग हर दिन आधा घंटा शरीर के बारे में जानकारी लीजिए. आहार का नियम बना लीजिए अगर आप आहार का नियम बना लेते हैं और विश्राम करते हैं तो आप दोगुना काम कर सकते हैं.
आहार और विश्राम हमारे जीवन में कितना होना चाहिए.
देखिए जहां तक बात है विश्राम की तो ये कम से कम पांच घंटे का होना चाहिए. जहां तक आहार की बात है तो मेरा मानना है कि आपको तीन टाइम खाने की जरूरत नहीं है. कोई जरूरत नहीं है कि आप ब्रेकफास्ट लें, लंच लें और उसके बाद डिनर लें. आप सिर्फ एक टाइम खाना भरपेट लीजिए बस वही काफी है.
कोरोना के बाद वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा है, लेकिन इस दौरान भी लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं, इस बारे में आप कुछ कहेंगे?
मैं कारॅपोरेट मैनेजमेंट से अनुरोध करूंगा कि आप इंसानों को मशीन मत बनाइए. मैं कहना चाहूंगा कि आप अपने वर्किंग समय को कम कीजिए. जो लोग अभी इससे परेशान हैं वो अपना एक टाइम टेबल बनाएं. सुबह उठने से लेकर सोने तक की दिनचर्या के बारे में नोट करें. एक-एक दिन में जीएं. उसके बाद इसे एक हफ्ते में और उसके बाद महीनों में, फिर आप देखेंगें कि आप एक अच्छा जीवन जी रहे हैं और इन परेशानियों से भी निकल चुके हैं.
नींद नहीं आना आज एक बड़ी समस्या हो रही है इसके लिए क्या करना चाहिए?
आज बहुत से लोग नींद न आने के कारण गोलियां ले रहे हैं. बिना नींद के जीवन चलता नहीं है. मैं उन्हें कहता हूं कि आप रात को सोने से पहले जप करें. आप किसी धर्म, मजहब या सम्प्रदाय से आते हों, जिसको भी पूजते हों उसके नाम का जप करिए. ये कभी भी मत कहिए कि मुझे नींद नहीं आ रही है. जब आप जप करते हैं तो आपके दिमाग में एक रिदम पैदा होती है और वो नींद आने में मदद करती है. रात को सोने से पहले हाथ-पैरों में और सिर पर शुद्ध घी लगा लें और सूंघ लें. मैं एक बात ये भी कहना चाहूंगा कि आज युवाओं में जो ये भावना बढ़ रही है कि मैं इंडीपेंडेंट हूं मुझे किसी के गाइडेंस की जरूरत नहीं हैं. मैं उन्हें करेक्ट करना चाहुंगा कि यूथ दुनिया की ब्यूटी है. अपने से बड़ों का आदर करें. बड़ों का सम्मान करना उनका मार्गदर्शन लेना बहुत जरूरी है.
किन-किन किताबों को पढ़ना चाहिए.
अगर बच्चे हैं, तो उन्हें अमर चित्र कथा की कहानियां पढ़ाएं. अगर युवा हैं तो रिचर्ड बार्क, इल्यूशन और डायलॉग विथ डेथ जैसी किताबों को पढ़ें. इसके अतिरिक्त हमारे प्रकाशन मणिदीप प्रकाशन की किताबें पढ़ें. जो अलग-अलग विषयों पर आई हुई हैं.
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