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सोने की चढ़ती कीमतों का आखिर क्या है China कनेक्शन, जानें पूरी कहानी
चीन में सरकार से लेकर आम जनता तक लगातार सोना खरीदते जा रहे हैं. इस वजह से सोने की डिमांड बढ़ रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 week ago
सोने (Gold) की कीमतें नई ऊंचाई पर बनी हुई हैं. कल यानी छह मई को भी इसके दाम में इजाफा दर्ज हुआ. सोने की कीमत 71 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुकी है. वहीं, चांदी का भाव 80 हजार रुपए प्रति किलो से अधिक चल रहा है. वैसे, तो सोने की कीमतों में उछाल के कई कारण होते हैं, लेकिन इसका एक कारण हमारा पड़ोसी चीन भी है. दरअसल, चीन की सरकार से लेकर आम जनता तक ऐसे सोना खरीद रहे हैं, जैसे ये पीली धातु धरती से खत्म होने वाली है. चीन में लगातार बढ़ रही डिमांड के चलते सोने की कीमतों में तेजी आ रही है.
रियल एस्टेट के बुरे हाल
चीन इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है. रियल एस्टेट से लेकर शेयर मार्केट तक में उसकी स्थिति खराब है. इसलिए चीन ने अब पूरा फोकस सोना खरीदने पर लगा दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में सोने की कीमत 2400 डॉलर प्रति औंस के हाई पर पहुंचने के पीछे चाइना कनेक्शन की बात कही गई है. इसमें कहा गया है कि सोने की वैश्विक कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, क्योंकि चीनी निवेशक और उपभोक्ता रिकॉर्ड तेजी के साथ सोने में निवेश कर रहे हैं. चीन के गोल्ड रिजर्व (China Gold Reserve) में लगातार 17वें महीने में बढ़ोतरी हुई है.
इसलिए लगा रहे दांव
Gold Market में पहले से ही चीन का दबदबा है और अब उसने अपने सोने के भंडार में लगातार वृद्धि करना शुरू कर दिया है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने लगातार 17वें महीने अपने गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी की है. चाइना गोल्ड एसोसिएशन का कहना है कि चीन में सोने की खपत पहली तिमाही में 6 फीसदी बढ़ी है. दरअसल, सोने को निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाता है. इसलिए चीन के लोग रियल एस्टेट और शेयर बाजार के बजाए सोने में पैसा लगा रहे हैं. क्योंकि उन्हें पता है कि सोने में लगा पैसा उन्हें कुछ न कुछ रिटर्न देकर ही जाएगा.
सोना सबसे अच्छा विकल्प
अक्सर जब भी वैश्विक तौर पर उथल-पुथल होती है, सोने के दाम बढ़ जाते हैं. जैसा कि इजरायल-ईरान संघर्ष के दौरान देखने को मिला था. अमेरिकी फर्म स्पार्टन कैपिटल सिक्योरिटीज के चीफ मार्केट इकोनॉमिस्ट पीटर कार्डिलो ने इजरायल-हमास युद्ध के समय कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल के दौरान इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो की सुरक्षा के लिए सोना अच्छा विकल्प है. तब से अब तक सोने के भाव काफी बढ़ चुके हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि इजरायल और ईरान के बीच स्थिति ज्यादा खराब हो जाती तो सोना और भी महंगा हो सकता था.
कौन तय करता है Gold Price?
जब सोने की बात निकली है, तो यह भी जान लेते हैं कि इसकी कीमत कैसे तय होती है. दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा सोने की कीमत तय की जाती है. वह यूएस डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है. यह कीमत बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए एक वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है. भारत में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य लागू टैक्स को जोड़कर यह तय करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा.
Bharat यहां से करता है इम्पोर्ट
भारत के लिए स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है. यहां से हमारे कुल गोल्ड आयात की हिस्सेदारी करीब 41 प्रतिशत है. इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात से भारत लगभग 13 फीसदी और दक्षिण अफ्रीका से करीब 10 प्रतिशत सोना आयात करता है. भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Gold कंज्यूमर है. देश में सोने का आयात मुख्य रूप से ज्वैलरी इंडस्ट्री की मांग पूरी करने के लिए किया जाता है. देश के कुल आयात में सोने की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से ज्यादा की है.
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