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हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण क्या? इस राज्य में हर 5 में से 1 व्यक्ति है शिकार
राजस्थान की लगभग 18 फीसदी आबादी हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है. इसका इलाज न किया जाए तो यह किडनी फेल होने का भी कारण बनता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
जयपुर : स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर, जो दिल के दौरे और स्ट्रोक का एक प्रमुख जोखिम कारक है, पिछले एक दशक में हृदय रोगों के मुख्य कारण के रूप में उभरा है. इस दौरान हृदय रोग भारत के सबसे बड़े हत्यारे के रूप में उभर कर सामने आया है. इस बढ़ते स्वास्थ्य संकट को देखते हुए राजस्थान सरकार ने हाई ब्लड प्रेशर की नियमित जांच और प्रबंधन के लिए एक तकनीकी सलाहकार समिति का गठन किया है.
18 फीसदी आबादी हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित
राजस्थान की लगभग 18 फीसदी आबादी हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है. इस राज्य में हर 5 में से 1 व्यक्ति इससे पीड़ित है. ऐसे में इस समिति का गठन किया जाना बेहद उपयोगी और समय से उठाया गया कदम है. एक मूक महामारी के रूप में ज्ञात हाई बीपी की इस समस्या का संज्ञान लेते हुए राजस्थान के निदेशक, स्वास्थ्य सेवा ने एक विभागीय उच्च रक्तचाप तकनीकी सलाहकार समिति (Departmental Hypertension Technical Advisory Committee) के गठन की घोषणा की है. यह समिति नियमित बैठक कर चर्चा करेगी कि हाई ब्लड प्रेशर का इलाज कैसे किया जाए और इसकी स्क्रीनिंग को कैसे प्राथमिकता दी जा सकती है.
किडनी भी फेल हो सकती है
हाई बीपी की समस्या पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास की सराहना करते हुए एम्स, जोधपुर के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन और कम्युनिटी एवं फैमिली मेडिसीन डिपार्टमेंट के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. पंकज भारद्वाज ने कहा, "इस समिति का गठन एक महत्वपूर्ण कदम है. लोग उस नुकसान को पूरी तरह से नहीं समझते हैं जो हाई ब्लड प्रेशर चुपचाप कर सकता है. यह सिर्फ स्ट्रोक या दिल के दौरे के लिए ही जिम्मेदार नहीं है, अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह किडनी फेल होने का भी कारण बनता है." साथ ही उन्होंने कहा, "समिति का गठन किया जाना राज्य सरकार की राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह एक महत्वपूर्ण कदम है. हाई ब्लड प्रेशर को अत्यधिक महत्व के स्वास्थ्य मुद्दे के रूप में उठाने के लिए हम राज्य सरकार के आभारी हैं."
निदेशक स्वास्थ्य सेवा के नेतृत्व में बनी शीर्ष समिति
स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक की अध्यक्षता में बनी इस समिति में एनसीडी के स्टेट नोडल ऑफिसर, आयुष्मान भारत-हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर (एबी-एचडब्ल्यूसी) के स्टेट नोडल ऑफिसर और इंडिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव (आईएचसीआई) के राजस्थान के कार्डियो-वैस्कुलर हेल्थ ऑफिसर को सदस्य बनाया गया है. भारत ने वर्ष 2025 तक हाई ब्लड प्रेशर को 25 फीसदी तक घटाने की प्रतिबद्धता जताई है. इसके लिए वर्ष 2018 में इंडिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव (आईएचसीआई) की शुरुआत की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से शुरू की गई इस पहल में विश्व स्वास्थ्य संगठन, इंडियन काउंसिल ऑफ रिसर्च और रिसॉल्व टू सेव लाइव्स (तकनीकी सहयोगी) भागीदार हैं. राजस्थान के चुरू और बिकानेर जिलों में आईएचसीआई को लागू किया जा चुका है.
जांच के बिना लोगों को हाई बीपी का अक्सर पता भी नहीं होताः डॉ. देवड़ा
हाई ब्लड प्रेशर का पता लगाना और इसका इलाज आसान है, फिर भी अधिकांश मामलों में इसका इलाज नहीं हो रहा. इस बारे में एम्स जोधपुर के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुरेंद्र देवड़ा कहते हैं, "इसके बहुत से कारण हैं. सबसे पहले, यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें बड़े पैमाने पर कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है. जब तक लोगों का ब्लड प्रेशर मापा नहीं जाता है तब तक उन्हें यह अहसास भी नहीं होता है कि उनको यह समस्या हो सकती है. स्ट्रोक या हृदय संबंधी समस्याओं के कारण लोगों की अचानक मौत हो जाने का यह एक बड़ा कारण है कि उन्हें पता ही नहीं होता है कि वे हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं या उनका बीपी नियंत्रण में नहीं रहता है. ऐसे लोगों के लिए यह समझना भी एक चुनौती है कि उन्हें जीवनभर नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की दवाएं लेनी चाहिए."
हाई ब्लड प्रेशर के उपचार को राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे के रूप में प्राथमिकता देने पर विचार के लिए एम्स जोधपुर, बठिंडा, गोरखपुर और ऋषिकेश एक साथ आए हैं. इसे ग्लोबल हेल्थ एडवोकेसी इनक्यूबेटर (जीएचएआई) का समर्थन प्राप्त है.
हृदय रोग है सबसे बड़ा हत्यारा
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में हाई ब्लड प्रेशर को खतरे की घंटी बताया गया है. "इनविजिबल नंबर्स" शीर्षक से जारी डब्ल्यूएचओ की इस रिपोर्ट में दुनिया भर में गैर-संचारी रोगों (NCD) की वास्तविकता को दर्शाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 66 फीसदी मौतें एनसीडी (नॉन कम्युनिकेबल डिसिज) के कारण होती हैं. इनमें से 28 फीसदी मौतों के लिए हृदय रोग जिम्मेदार है और यह सबसे बड़ा हत्यारा है. दिल का दौरा एवं स्ट्रोक के लिए अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर को प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है.
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