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पिज्जा-डोनट्स जैसी तली वस्तुएं पहुंचा रही हैं दिमाग को नुकसान, इनकी जगह करें इनका इस्तेमाल
खासतौर पर दिमाग पर चिकनाई युक्त भोजन का लगातार खाने से बहुत बुरा असर पड़ता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः स्वस्थ रहने के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक इस बात पर निर्भर करता है कि हम क्या खाते हैं। व्यंजन जितना चिकना होता है, मन और शरीर के लिए उतना ही घातक होता है. खासतौर पर दिमाग पर चिकनाई युक्त भोजन का लगातार खाने से बहुत बुरा असर पड़ता है. साइंटिस्टों द्वारा किए गए एक परीक्षण में ये बात सामने आई है.
जर्नल में किया प्रकाशित
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के न्यूरोसाइंटिस्टों ने चूहों पर प्रयोग किए और इसकी एक रिपोर्ट को मेटाबोलिक ब्रेन डिजीज जर्नल में प्रकाशित हो चुकी है. अगर आपको भी पिज्जा, बर्गर, चाउमिन, फ्रेंच फ्राइज जैसे तले हुए भोज्य पदार्थ ज्यादा पसंद हैं और आप इनका सेवन बहुत ज्यादा करते हैं तो यह आने वाले दिनों में आपके स्वास्थ के लिए एक चिंता का विषय बन सकता है. जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि 30 सप्ताह तक उच्च वसा वाले आहार का सेवन करने से लोगों को डायबिटिज, अलजाइमर और चिंता करने वाले दिमागी रोग हो सकते हैं. इसके अलावा ये मोटापे को बढ़ाने के साथ ही मानसिक विकारों को जन्म दे सकता है.
इनके सेवन से बचना चाहिए
मल्लेश्वरम के मणिपाल अस्पताल में कंसल्टेंट-न्यूरोलॉजिस्ट और स्ट्रोक फिजिशियन डॉ शोभा एन का कहना है कि "मीट, मक्खन, घी, चॉकलेट, बिस्कुट, पेस्ट्री और ताड़ के तेल के साथ तली हुई चीजें जैसे संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थ हानिकारक होते हैं और लोगों को इनका सेवन करने से बचना चाहिए."
शुगर और हाई फैटी फूड की जगह इनका करें सेवन
ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें शुगर और चिकनाई की मात्रा अधिक होती है, उनसे बचकर फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए. वसा के अधिक सेवन से फैटी एसिड के प्रसार में वृद्धि होती है और यह आंतों में सूजन ला सकती है.
भूख लगने पर इनका करें सेवन
न्यूटरिनिस्ट सिमरन चोपड़ा ने कहा कि सभी वसायुक्त खाद्य पदार्थ खराब नहीं होते हैं क्योंकि कुछ दीर्घकालिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में फायदेमंद होते हैं. एवोकाडो, पनीर, दही, नट्स और बीजों में वसा हमारे लिए बहुत अच्छा है। ओमेगा -3 फैटी एसिड की पर्याप्त खपत अल्जाइमर जैसे रोग को कम करने में मदद करती है.
जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के मुख्य आहार विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ डेलनाज चंदूवाडिया ने घी और घास से बने मक्खन जैसे अच्छे वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी है. मौसमी और स्थानीय सब्जियों और फलों का भरपूर सेवन करें. ताजे फल, सब्जियां, जामुन, ब्रोकोली, एवोकैडो, नट और बीज चुनें.हल्दी जैसे मसाले एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं. अंडे सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरे होते हैं और मछली ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं - ये सभी मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक हैं.
चिंता या अवसाद में खाएं ये सब
चिंता या अवसाद का अनुभव करने वाले लोगों के लिए, कुछ खाद्य पदार्थ जिनमें सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं और पर्याप्त विटामिन डी मस्तिष्क को शांत कर सकते हैं. हरी पत्तेदार सब्जियां, संतरे, ब्लूबेरी, कैमोमाइल चाय, चना, लहसुन, अंडे और शंख जैसे फल चिंता के क्षणों में काम आ सकते हैं.
चंदूवाडिया का कहना है कि केले, अंडे, मेवा और बीज, जामुन और डेयरी खाद्य पदार्थ ट्रिप्टोफैन से भरपूर होते हैं - एक एमिनो एसिड जो प्रोटीन में मौजूद होता है - जो शांत करने वाले हार्मोन सेरोटोनिन को छोड़ने में मदद कर सकता है. चोपड़ा चिया सीड्स का उपयोग करने का सुझाव देती हैं.
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