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देश में अकूत शक्तियां, मेडिसिन हेल्थकेयर हमारे लिए बिजनेस नहीं सेवा हैः मनसुख मांडविया
डॉक्टर्स ऐसे लोग हैं जिन्होंने संकल्प लेकर सिद्धि का प्रयास किया. देश में अकूट शक्तियां पड़ी हैं, सवाल है कि इसको आउटपुट में कैसे परिवर्तित करें.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः BW Healthcare World और Heal Foundation द्वारा आयोजित भारत स्वास्थ महोत्सव में पद्म अवॉर्डी डॉक्टर्स के पहले कॉन्क्लेव में बोलते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन और उर्वरक मंत्री, भारत सरकार, डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि देश में अकूत शक्तियां हैं और सरकार के लिए मेडिसिन हेल्थकेयर बिजनेस नहीं बल्कि सेवा है.
विशेष सेवा के लिए मिला है ये सम्मान
डॉ. मांडविया ने कहा कि विजेता को पद्म सम्मान मिलता है और जिस समय से यह अवॉर्ड मिल रहा है तो यह भावना थी कि देश के लिए जो लोग कुछ विशेष करें उनको पद्म सम्मान मिले. आप सब डॉक्टर्स ऐसे लोग हैं जिन्होंने संकल्प लेकर सिद्धि का प्रयास किया. एक वाक्या बताते हुए मांडाविया ने कहा कि मंदिर में जाते हैं तो पत्थर की सीढ़ी से जाते हैं और मंदिर में जो मूर्ति होती है वो भी पत्थर की होती है. एक दिन सीढ़ी और मूर्ति दोनों बात कर रहे थे कि हम एक ही खदान से निकले हैं तो लोग पत्थर की बनी सीढ़ियों पर पैर रखकर आते हैं और मूर्ति की पूजा क्यों होती है. जो टूट गए वो सीढ़ी बन गए और जिस पत्थर को तराशा गया वो मूर्ति बन गया. ऐसे में आप डॉक्टर्स भी एक तराशी हुई मूर्ति की तरह हैं.
देश में अकूट शक्तियां
देश में अकूट शक्तियां पड़ी हैं, सवाल है कि इसको आउटपुट में कैसे परिवर्तित करें. यह देश दुनिया को आश्चर्यचकित कर सकता है. हम किसी जमाने में विश्व गुरू थे. सिंधु घाटी सभ्यता 5 हजार साल पहले की सोच दिखाती है. शहरों की प्लानिंग, वॉटर हार्वेस्टिंग जैसी चीजें पहले से हैं. लाइमस्टोन को सीमेंट बनाने की कला 5 हजार साल पहले भी मौजूद थी. टेक्नोलॉजी और साइंस आज से नहीं हजारों सालों से मौजूद है.
भारत के साइंस्टिस्टों ने बना ली कोरोना की वैक्सीन
भारत में कोरोना की वैक्सीन हमारे साइंस्टिस्टों ने रिसर्च करके बना भी ली और कंपनियों ने उसका प्रोडक्शन भी शुरू कर लिया. मोदी जी ने गुलाम मानसिकता को त्यागने की बात कही जो सही है. 2000 साल की परतंत्रता ने हमारी शक्तियों को सीमित किया था. हमारे देश में हर साल किसी न किसी क्षेत्र में नोबल आए ऐसी अभिलाषा है.
मांडविया ने आगे कहा कि डॉक्टर्स की सलाह की सबको जरूरत है. आपको सबकी नॉलेज है. हम डॉक्टर्स भी बना रहे हैं लेकिन क्लास में पिछड़े हैं. पद्म के साथ नोबल भी चाहिए. रिटायर्ड होने वाले लोग भी थकते नहीं है जब तक उनमें शक्ति है. डॉक्टर्स हेल्थकेयर सेक्टर को दिशा दे सकते हैं.
लोग नाम से जानते हैं डॉक्टर्स को
कई डॉक्टर्स का नाम देश भर में जाना-पहचाना है. इसलिए आप लिखेंगे तो लोग पढ़ेंगे, आप कहेंगे तो लोग सुनेंगे. नॉलेज शेयरिंग होना जरूरी है. हम इस सम्मान के लिए देश को क्या वापस दे सकते हैं ये आप डॉक्टर्स को सोचना होगा. डाटा और एनालिसिस हमारा होना चाहिए ताकि दुनिया इसको पढ़े. हमें अंदाज नहीं कि हममें क्या पोटेनशल है, हमें किसी को झुकाना नहीं है और किसी के सामने झुकना नहीं है. हमें अब आंख में आंख देखकर बात करनी है.
हेल्थकेयर बिजनेस नहीं सेवा है
मेडिसिन हेल्थकेयर हमारे लिए बिजनेस नहीं है सेवा है. फॉर्मा इंडस्ट्री को लॉकडाउन में प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद की और दूसरे 150 देशों को दवाइयां भी भेजी. हमने पीपीई किट भी भेजी. हेल्थसेक्टर के जरिए हमने दुनिया को अपना मान दिखाया और भारत की पहचान विश्व के कल्याण के तौर पर दिखाई. देश बदल रहा है और नया भारत बन रहा है. बदलते हुए देश में ऐसा कुछ किया था यह बात नई जेनरशन को भी पता होना चाहिए.
इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर व MoS, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण डॉ भारती प्रवीण पवार ने एक कविता से अपनी बात की शुरुआत की.
'हौसलों के आगे कोई पर्दा नहीं होता, कड़े परिश्रमों का कोई विकल्प नहीं होता.'
देश के लिए गौरव की बात
अनेक तूफान और आंधियों को पार करते हुए ये पद्म अवॉर्डी डॉक्टरों का होना गौरव की बात है. हेल्थकेयर क्षेत्र में आप सभी का योगदान प्रशंसनीय है. जिंदगी की यात्रा में यह सब अचीव करने में कितना समय लगता है ये आपको पता होगा. इस मुकाम को हासिल करने में आपकी प्रतिभाशाली योगदान का है. पिछले 7 दशकों में स्वास्थ्य सेवा में देश में जो काम किया है, विश्व में जो भारत का योगदान है स्वास्थ्य क्षेत्र में उसमें आप डॉक्टर्स का बहुत योगदान है.
गांव के लोगों को भी मिल रहा है पुरस्कार
हमें गर्व होता है कि पद्म पुरस्कार ऐसे लोगों को मिल रहा है जिन पर कार्यों पर हमें गर्व है. गांव के लोगों को भी ये पुरस्कार मिल रहा है. कोविड जैसे कठिन दौर से हम गुजरे हैं. कोविड में जो चले गए उनके प्रति संवेदना है. डॉक्टर्स अपने परिवार को छोड़कर कोविड के मरीजों की सेवा कर रहे थे. आप सभी ने यह साबित किया और हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने का काम किया है. कोविड टीकाकरण विश्व में जो सबसे बड़ा टीकाकरण है उसकी विश्व में तारीफ हो रही है. हमने 210 करोड़ लोगों को टीका लगवाया है. कोविन पोर्टल की स्टडी करके कई देशों ने इसको अपने यहां पर लागू किया.
महामारी में हमने तकनीक का इस्तेमाल हेल्थकेयर सेक्टर में बखूबी से इस्तेमाल किया है. दिल्ली का डॉक्टर अब दूरदराज के गांवों के मरीजों का भी इलाज कर सकते हैं. सरकार भी कई सारे प्रयास तकनीक का इस्तेमाल करने पर जोर दे रही है.
टाटा समूह ने पेश किए अपने कार्यकलाप
डॉ. गिरीश कृष्णमूर्ति, अध्यक्ष टाटा मेडिकल डिवाइस ने टाटा समूह के द्वारा किए गए कार्यकलापों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला. टाटा समूह ने सरकार के साथ मिलकर पब्लिक हेल्थकेयर में कई सारे प्रयोग किए. ये प्रयोग कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में किए गए और कई सारी नई बातें सीखने को मिली. इसमें एक मॉडल का भी इस्तेमाल किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत में बीडब्लयू बिजनेसवर्ल्ड के प्रधान संपादक और चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा ने पधारे हुए सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया. इस अवसर पर डॉ. बत्रा ने कहा कि ये सरकार भ्रष्ट्राचार मुक्त, जीएसटी को लाने वाली और हाईवे को बनाने वाली है. ऐसे में मुझे विश्वास है कि हेल्थ मिनिस्ट्री भी हेल्थकेयर इंडस्ट्री में नए आयाम और कीर्तिमान स्थापित करेगी. हमें अपने स्वास्थ्य को हल्के में नहीं लेना चाहिए और समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाना चाहिए. टेक्नोलॉजी का हेल्थकेयर में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है. इस अवसर पर डॉ. बत्रा ने अपने निजी अनुभव भी डॉक्टर्स के सामने शेयर किए.
डॉ स्वदीप श्रीवास्तव, संस्थापक और अध्यक्ष, हील फाउंडेशन, और सह-अध्यक्ष, आयोजन समिति, 'भारत स्वास्थ्य' ने कार्यक्रम को आयोजित करने की मंशा पर प्रकाश डाला और डॉक्टर्स को मोटिवेट करने का एक प्रयास है. यह इस तरह का पहला आयोजन है, जो हम लोग कर रहे हैं, क्योंकि यह हमारी तरफ से डॉक्टरों के प्रति एक सम्मान है. इस दौरान गिरीश कृष्णमूर्ति भी मौजूद रहे.
आजादी के अमृत महोत्सव के अनुरूप, बीडब्ल्यू हेल्थकेयर वर्ल्ड ने हील फाउंडेशन के सहयोग से आज 'भारत स्वास्थ्य महोत्सव' का आयोजन किया है जिसमें 'स्वतंत्रता के बाद से भारत में हेल्थकेयर चेंजमेकर्स' की थीम पर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा.
कोविड-19 के समय दिखा था डॉक्टरों का जज्बा
COVID-19 जैसी महामारी के समय के दौरान डॉक्टर्स जो अग्रिम पंक्ति में थे, उनकी भूमिका बहुत अधिक रही है. उस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान अपनी जान गंवाने की वेदी पर डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता मानव जाति के इतिहास में यादगार है. वे असली नायक रहे हैं जिन्होंने COVID-19 के दौरान जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रहे रोगियों की सेवा करने और उन्हें बचाने के लिए अपने स्वयं के स्वास्थ्य और जीवन को जोखिम में डाला है. देश सदैव उनका ऋणी रहेगा और मानवता के लिए उनकी शानदार सेवाओं और बलिदानों को श्रद्धांजलि देने के लिए 'पद्म डॉक्टर्स कांग्रेगेशन' का आयोजन किया जा रहा है.
200 से अधिक डॉक्टर हुए शामिल
दिन भर चले इस कार्यक्रम में, स्वास्थ्य सेवा उद्योग के 150-200 से अधिक 'हेल्थकेयर इम्पैक्ट लीडर्स' और सीईओ/सीएक्सओ पांच अनुकूलित विशिष्ट सत्रों के माध्यम से ज्ञान-साझा करने के लिए एक साथ पर आएं. आजादी के बाद से भारत में स्वास्थ्य देखभाल परिदृश्य में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए भारत के पद्म डॉक्टरों को सम्मानित करने के लिए पहली बार 'भारत स्वास्थ्य महोत्सव' एक पूरे दिन का कार्यक्रम हुआ, जिसके बाद शाम को 'पद्म डॉक्टर्स कांग्रेगेशन' में डॉक्टर्स को सम्मानित किया गया.
डॉ स्वदीप श्रीवास्तव, संस्थापक और अध्यक्ष, हील फाउंडेशन, और सह-अध्यक्ष, आयोजन समिति, 'भारत स्वास्थ्य' ने कहा, "इन डॉक्टरों की दूरदर्शिता, कड़ी मेहनत और अटूट प्रतिबद्धता, जो खुद से ऊपर सेवा रखते हैं, स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने के लिए इनमें से कई चुनौतियों पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह सभी के लिए किफायती भी रही है. निस्संदेह, ये डॉक्टर सबसे सच्चे स्वास्थ्य देखभालकर्ता हैं जिन पर भारत को हमेशा गर्व रहेगा और इसलिए, हम उनकी उपलब्धियों को मनाने और आजादी के 75 साल बाद उन्हें इसके लिए सम्मानित करने के लिए इस पर्व कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं.
Chairman & Editor-in-Chief BW Businessworld, Chairperson, organising committee, Bharat Swaasth Mahotsav डॉ अनुराग बत्रा ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का उल्लेख करते हुए कि 'सभी के लिए स्वास्थ्य' नए भारत की प्रतिज्ञा है, और आने वाले वर्ष उन लोगों के होंगे जिन्होंने स्वास्थ्य देखभाल में निवेश किया है. उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य देखभाल चेंजमेकर्स, विशेष रूप से पद्म डॉक्टरों के योगदान को याद करने और सम्मानित करने के सार को ध्यान में रखते हुए, हम 'भारत स्वास्थ्य महोत्सव' का आयोजन करने जा रहे हैं, जो कि समय की आवश्यकता है जिससे नए डॉक्टरों का मनोबल भी बढ़ेगा."
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